Rajev Gandhi Hatyakand

Rajev gandhi hatyakand में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में की पिटीशन दायर, देखें क्या कहा

Nileema

Rajev Gandhi Hatyakand

नई दिल्ली। Former Prime Minister Rajiv Gandhi पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड मामले में छह दोषियों को रिहा करने के खिलाफ केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर (Petition) की है। पिछले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इनकी रिहाई के आदेश दिए थे। शनिवार को इन्हें तमिलनाडु की अलग-अलग जेलों से रिहा किया गया। इनमें नलिनी श्रीहरन, उसका पति वी श्रीहरन के अलावा संथन, रॉबर्ट पायस, जयकुमार और रविचंद्रन शामिल हैं। इनमें श्रीहरन और संथान श्रीलंका के नागरिक हैं।

केंद्र सरकार ने पुनर्विचार याचिका में कहा हमें अपना पक्ष रखने का पूरा मौका नहीं दिया गया। दोषियों ने केंद्र सरकार Central government को याचिका में पार्टी नहीं बनाया। याचिकाकर्ताओं की इस गलती के कारण मामले की सुनवाई में भारत सरकार अपना पक्ष नहीं रख पाई। इससे नैचुरल जस्टिस के सिद्धांतों का उल्लंघन हुआ है। इसके अलावा रिहा किए गए दोषियों में 2 श्रीलंकाई नागरिक हैं।

पिटीशन के मुताबिक देश के कानून के तहत दोषी ठहराए गए दूसरे देश के आतंकवादी को छूट देने का इंटरनेशनल इफेक्ट होगा। इसलिए यह मामला भारत सरकार के तहत आता है। लिहाजा, इतने गंभीर मामले में भारत सरकार का पक्ष जानना बेहद जरूरी था। इस मामले का असर देश के लॉ एंड ऑर्डर के साथ ही जस्टिस सिस्टम पर होता है।

सुप्रीम कोर्ट Supreme Court ने इसी साल 18 मई को इसी केस में दोषी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था। बाकी दोषियों ने भी उसी आदेश का हवाला देकर कोर्ट से रिहाई की मांग की थी। पेरारिवलन सहित सभी दोषी मामले में 31 साल उम्र कैद की काट चुके हैं।

नलिनी पैरोल पर बाहर थी 
Naline नलिनी को दिसंबर 2021 में मां पद्मावती की देखभाल के लिए एक महीने की पैरोल दी गई थी। इसे राज्य सरकार बढ़ाती रही। उसने शनिवार को वेल्लोर के महिला जेल पहुंचकर रिहाई की कार्रवाई पूरी की। बाद में कहा- हमारा परिवार बहुत खुश है। मैं अपनों के साथ नया जीवन शुरू करने जा रही हूं।

राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की रिहाई पर कांग्रेस  Congress ने कहा था- ये मंजूर नहीं है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था- सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते वक्त देश की भावनाओं को ध्यान में नहीं रखा। फैसला गलतियों से भरा हुआ है।

राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा किए जाने के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा था- मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। राज्यपाल को चुनी हुई सरकार के फैसले को नहीं बदलना चाहिए।


नलिनी को माफ कर दिया था सोनिया Sonia
1991 में जब नलिनी को गिरफ्तार किया गया था, तब वह गर्भवती थी। उसकी प्रेग्नेंसी को दो महीने हो गए थे। तब सोनिया गांधी ने नलिनी को माफ कर दिया था। उन्होंने कहा था कि नलिनी की गलती की सजा एक मासूम बच्चे को कैसे मिल सकती है, जो अब तक दुनिया में आया ही नहीं है।


चुनावी रैली में हुई थी हत्या
राजीव गांधी Rajiv Gandhi की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान लिट्टे की धनु नाम की एक आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी। लिट्टे की महिला आतंकी धनु (तेनमोजि राजरत्नम) ने राजीव को फूलों का हार पहनाने के बाद उनके पैर छुए और झुकते हुए कमर पर बंधे विस्फोटकों में ब्लास्ट Blast कर दिया। धमाका इतना जबर्दस्त था कि कई लोगों के चीथड़े उड़ गए। राजीव और हमलावर धनु समेत 16 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि 45 लोग गंभीर रूप से घायल हुए।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश Supreme Court orders के बाद राजीव गांधी हत्याकांड के 6 दोषियों को शनिवार को जेल से रिहा कर दिया गया। इसमें सबसे चर्चित नाम नलिनी का है। नलिनी ने रविवार को बताया कि राजीव गांधी की बेटी प्रियंका 2008 में मुझसे वेल्लोर सेंट्रल जेल में मिलने आई थीं। उन्होंने पिता की हत्या के बारे में सवाल किया। मैं जो कुछ भी जानती थी, सारी जानकारी प्रियंका को दी, जिसे सुन वह रो पड़ीं

 

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