Himachal's Kalpana Thakur, who planted 5,000 saplings at the age of 17, ties Rakhi

World Environment Day: 17 साल की उम्र में 5,000 पौधे लगा चुकीं हिमाचल की कल्पना ठाकुर, बांधती हैं राखी

Kalpana Thakur and her father Kishan Lal Thakur

Himachal's Kalpana Thakur, who planted 5,000 saplings at the age of 17, ties Rakhi

मनाली:पर्यावरणविद एवं राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित मनाली के किशन लाल ठाकुर से प्रेरणा लेकर उनकी बेटी ने मिसाल पेश की है। कल्पना ठाकुर पेड़-पौधों को भाई मानती है। रक्षा बंधन पर वह पेड़ों को राखी बांधती है। वह अब तक हजारों पौधे लगा चुकी हैं, जबकि पिता किशन लाल भी 50,000 पौधों का रोपण कर चुके हैं। कल्पना की बात करें तो वह 17 साल में 5,000 से अधिक विभिन्न किस्मों के पौधे प्रदेश समेत लद्दाख में रोप चुकी है। खास बात यह है कि कल्पना ने बचपन में ही पर्यटन नगरी मनाली के अलेऊ बिहाल में देवदार के एक पौधे को राखी बांध उसे भाई बनाया था।

वह आज भी उस पेड़ की देखभाल कर रही है। इसके अलावा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश देने के लिए 13 साल की उम्र में 18,870 फीट ऊंची चोटी पर तिरंगा भी फहरा चुकी हैं। मूलरूप से लाहौल-स्पीति की रहने वाली कल्पना ठाकुर को पर्यावरण संरक्षण में बेहतर काम करने के लिए कई राष्ट्रीय और स्थानीय संस्थाएं सम्मानित कर चुकी हैं। साल 2018 में उन्हें राष्ट्रीय ग्रीन ब्रांड एंबेसडर अवाॅर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। अवाॅर्ड उन्हें सूबे के नाहन में भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से आयोजित उत्सव में दिया गया था। इसके अलावा ठाकुर वेदराम मेमोरियल पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुकी हैं।

मंडी शहर के साथ लगते जंगलों में रोपे हजारों पौधे

पर्यावरणविद् नरेंद्र सैणी ने मंडी शहर के साथ लगते जंगल में करीब 16 हजार पौधे रोपे हैं। इनमें से अधिकतर पौधे अब बड़े हो गए हैं। पर्यावरण बचाव के लिए इन्होंने एक मंच भी बनाया है। देवभूमि पर्यावरण रक्षक मंच के वे अध्यक्ष हैं। वह पौधरोपण के लिए समय-समय पर जागरूकता शिविर लगाते हैं। वहीं, अब तक वह हजारों पौधे आंबला, अमरूद, जामुन, हरड़, देवदार और बांस के रोप चुके हैं और इनकी देखभाल भी करने के लिए जिम्मेदारी सुनिश्चित करवाते हैं। उन्होंने पर्यावरण दिवस पर जिलावासियों और प्रदेशवासियों को संदेश दिया है कि वह पौधारोपण करते रहें ताकि पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके। बता दें कि वह पहले शिक्षा विभाग में डीपीई और बाद में कोच भी रहे। उसी समय से पर्यावरण के लिए काम करते रहे हैं।

पर्यावरण विभाग के स्वच्छता अभियान में 10 हजार लोग होंगे शामिल

 पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं जलवायु परिवर्तन विभाग और हीलिंग हिमालय की ओर से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, कचरा प्रबंधन एवं प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन पर हित धारकों की चर्चा विषय पर अर्ध दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य हिमालय की प्राकृतिक सुंदरता को संरक्षित करना, जमीनी स्तर पर प्रभावी क्षेत्रीय प्रयास एवं संचालन के लिए रणनीतियों पर मंथन करना तथा अपशिष्ट प्रबंधन व कचरा प्रबंधन में संलग्न सभी हितधारकों के साथ भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए विभिन्न चुनौतियों पर व्यावहारिक चर्चा कर ज्ञान साझा करना था। 25 जून, 2023 से हिमाचल से 10 हजार लोगों को जोड़कर पर्यावरण विभाग तथा हीलिंग हिमालय प्रदेश में स्वच्छता अभियान शुरू होगा। निदेशक पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ललित जैन ने कचरा प्रबंधन एवं प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन पर विभाग की ओर से किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला और बाई बैक पॉलिसी के बारे में विस्तृत जानकारी दी।