आपातकाल में पत्रकारों ने कराई थी लोकतंत्र की बहालीः ज्ञानचंद गुप्ता
- By Vinod --
- Wednesday, 31 Jul, 2024
Journalists had restored democracy during emergency
Journalists had restored democracy during emergency- पंचकूला। उत्तर भारत के करीब 1300 पत्रकारों के संगठन मीडिया वेलबिंग की ओर से बुधवार को पंचकूला में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में दिल्ली, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर अध्यक्ष किए नियुक्त किए गए। रेडबिश्प भवन में आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने अमृतसर के सुमित खन्ना को पंजाब का प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया। इसके अलावा संजीव शर्मा को दिल्ली, मीर आफताब को जम्मू-कश्मीर, संजीव महाजन को चंडीगढ़ और विशाल सूद को हिमाचल का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया।
इनके साथ ही ज्योति संग को एसोसिएशन के सलाहकार बोर्ड का उत्तर भारत का अध्यक्ष बनाया गया। पहले सत्र में कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने मीडिया वेलबिंग एसोसिशएन के पत्रकारों के लिए बनाए गए पहचान पहचान पत्र का लोकापर्ण करते हुए एसोसिएशन के सदस्यों में उनका वितरण किया। किए। मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन को पत्रकारों के हित के लिए किए जाने रहे कामों के लिए अपने कोष से 11 लाख रुपए देने की घोषणा की। इसी प्रकार से समाज कल्याण राज्य मंत्री बिशंभर बाल्मीकि ने 5 लाख और कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने 2.51 लाख रुपए देने की घोषणा की। इस दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रशेखर धरणी ने पत्रकारों के समक्ष आने वाली समस्याओं के अलावा उनकी मांगों को लेकर एक ज्ञापन विधानसभा अध्यक्ष, राज्य मंत्री और मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव को सौंपा।
ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि जब भी देश पर कोई विपत्ति आई या फिर लोकतंत्र की आवाज को दबाने की कोशिश की गई तो मीडिया ने हमेशा उसका डटकर विरोध किया। इमरजेंसी के समय को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय नेताओं और अनेक पत्रकारों को जेल में डाला गया। इमरजेंसी घोषित होते ही देश में सेंसरशीप लगा दी गई। अगले दिन समाचार पत्रों में केवल एक लाइन सेंसर लिखा हुआ आया था औऱ बाकी का पूरा अखबार खाली था। उन दिनों में समाचार पत्रों में कुछ भी नहीं छपता था। कभी तीसरे या चौथे पेज पर कोई छोटी की किसी घटना की खबर छपी हुई मिलती थी, लेकिन उस समय भी अनेक पत्रकारों को यातनाएं भी दी गई।
परंतु इस पर भी समाचार पत्रों और पत्रकारों की ओर से साहस दिखाकर पत्रकारिता को जीवित रखने का काम किया गया। अखबारों पर भी सरकार का दमन चक्र चला, लेकिन उन्होंने निर्भिक होकर निष्पक्षता के साथ उन हालातों का सामना किया। देश से इमरजेंसी खत्म करवाने का श्रेय भी पत्रकार साथियों को ही है। लोकतंत्र को बहाल करवाने में पत्रकारों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि देश पर जब भी कोई मुसीबत आई या किसी देश का हमला हुआ तो देश वासियों का हौसला बढ़ाने के लिए मीडिया ने बड़ी भूमिका निभाई। स्वतंत्र रूप से लोगों तक जानकारी पहुंचाने के साथ लोगों की राय और दृष्टिकोण बनाने में भी मीडिया का बहुत बड़ी भूमिका निभाई।
हमेशा जनता तक स्वतंत्र और निष्पक्ष रुप सले सही जानकारी पहुंचाई। गुप्ता ने कहा कि किसी भी मामले में लोगों की राय औऱ दृष्टिकोण बनाने में मीडिया का बहुत बड़ा योगदान रहता है। मीडिया समाज में अनेक मुद्दों में उनका दृष्टिकोण बनाने में बहुत सहयोग करते हैं। इसके साथ ही युवाओं को शिक्षा के क्षेत्र में अनेक प्रकार के लेख पढ़ने को मिलते है, जिससे युवाओं में देश के प्रति कर्तव्य, देश के प्रति सोच और राष्ट्र प्रेम की भावना भी जागृत होती है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मीडिया समाज में फलाई जाने वाली गलतफहमी को भी सही दिशा दिखाने का प्रयास करने के साथ उस पर नजर भी रखते हैं। इसलिए मीडिया संगठन समाज में एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली स्थान रखते हैं।