जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटके, यहां केंद्र; 24 घंटे में 3 बार हिली धरती, जानिए रिक्टर स्केल पर कितनी रही तीव्रता
Jammu Kashmir Earthquake Kishtwar Latest News Update
Earthquake in Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में लगातार दूसरे दिन तीसरी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। शनिवार दोपहर 2 बजकर 53 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस हुए। भूकंप का केंद्र किश्तवाड़ में रहा। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.8 मापी गई है। 24 घंटे के अंदर घाटी में तीन बार भूकंप के झटके लगने से चिंता का माहौल बना हुआ है। हालांकि, भूकंप के झटकों में किसी तरह से जान-माल के नुकसान की घटना नहीं घटी है।
शुक्रवार रात 3.2 तीव्रता का भूकंप आया
जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार को अलग-अलग समय दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। शुक्रवार को पहली बार भूकंप के झटके शाम 5 बजे के आसपास लगे। इसके बाद दूसरी बार देर रात 11:01 को भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र किश्तवाड़ में रहा। वहीं पहले आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.8 मापी गई। जबकि दूसरी बार आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.2 मापी गई।
लद्दाख में भी भूकंप
जम्मू-कश्मीर के अलावा शनिवार सुबह लद्दाख में भी भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, यहां शनिवार सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर भूकंप आया। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.5 मापी गई है। इससे पहले दो दिन पहले गुरुवार को हिमाचल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। हिमाचल में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर काफी ज्यादा 5.3 मापी गई थी। लोग घरों से बाहर निकल आए थे। हालांकि, भूकंप में किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ था।
क्यों आता है भूकंप?
बताया जाता है कि, धरती की अंदरूनी संरचना में टैक्टोनिक प्लेट्स (सरल भाषा में चट्टानें) मौजूद हैं। ये प्लेट्स लगातार हलचल करती रहती हैं। इस बीच जब यह इधर से उधर खिसकती हैं, टकराती हैं या टूटती हैं तो फिर तेज एनर्जी निकलती है और इससे धरती में कंपन पैदा होता है और इसे ही भूकंप कहते हैं। यानि धरती ऊपर से जितनी शांत है उतनी इसकी अंदरूनी सतह में हलचल चल रही है।
भूकंप आने पर क्या करें?
भूकंप आने के दौरान अगर आप घर या फ्लैट में हैं तो कोशिश करें कि खुली जगह पर आ जाएं। खासकर फ्लैट में मौजूद लोग जल्द से जल्द बाहर जरूर निकलें। क्योंकि फ्लैट की इमारतें काफी ऊंची होती हैं। ऐसे में इनके गिरने का खतरा ज्यादा रहता है। वहीं भूकंप के चलते यदि आप बाहर खुली जगह पर आते हैं तो यहां भी आप यह सुनिक्षित करें कि आप किसी बिल्डिंग, पेड़ और बिजली के तारों या खम्भों के नजदीक तो नहीं है। इनसे दूरी बनाकर रखें। आप बिलकुल खाली जमीन को तलाश कर वहां पहुंच जाएं।