Jammu-Kashmir BJP Candidates- बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर में वापस लिए उम्मीदवार; अब सिर्फ 15 उम्मीदवारों की घोषणा की

BJP ने जम्मू-कश्मीर में वापस लिए उम्मीदवार; अब सिर्फ 15 उम्मीदवारों की घोषणा की, पहले 44 कैंडीडेट्स उतारे, कुछ ही देर में फैसला बदला

Jammu-Kashmir Assembly Election 2024 BJP Candidates Declares Update

Jammu-Kashmir Assembly Election 2024 BJP Candidates Declares

Jammu-Kashmir BJP Candidates: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सोमवार सुबह 44 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की थी। लेकिन दोपहर होते-होते बीजेपी का मूड बदल गया और बदल गया उसका फैसला भी। दरअसल, बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर में अपने उम्मीदवार वापस ले लिए हैं। साथ ही बीजेपी ने अब सिर्फ 15 उम्मीदवारों की ही घोषणा की है। बीजेपी ने कहा है कि, पहले घोषित हुए बाकी 29 उम्मीदवारों को फिलहाल अमान्य माना जाये। अभी सिर्फ जम्मू-कश्मीर चुनाव के पहले चरण के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की जा रही है।

बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में फाइनल हुए उम्मीदवार

दिल्ली ने बीजेपी हाईकमान ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में राजनीतिक रणनीति के तहत ये उम्मीदवार फाइनल किए हैं। बीते रविवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की अगुवाई में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई थी। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ पार्टी के अन्य शीर्ष नेताओं की मौजूदगी रही।

इस बैठक में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए फाइनल किए जाने वाले उम्मीदवारों को लेकर गहन मंथन हुआ और काफी विचार-विमर्श के बाद उम्मीवारों पर मोहर लगाई गई। बताया यह भी जा रहा है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की एक बैठक अलग से भी हुई थी। जिसमें उम्मीदवारों के नाम फाइनल करने को लेकर चर्चा की गई थी।

जम्मू-कश्मीर में 3 फेज में वोटिंग

चुनाव आयोग ने 16 अगस्त को हरियाणा के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा की थी। चुनाव आयोग के शेड्यूल के मुताबिक, हरियाणा में 1 फैज और जम्मू-कश्मीर में 3 फेज में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी।

जम्मू-कश्मीर में पहले फेज की वोटिंग

जम्मू-कश्मीर में पहले फेज के लिए 20 अगस्त को नामांकन की अधिसूचना जारी की जाएगी। जिसमें नामांकन की लास्ट डेट 27 अगस्त होगी। वहीं चुनाव के लिए दाखिल नामांकनों की छटनी 28 अगस्त को की जाएगी। जबकि 30 अगस्त तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकेंगे। वहीं पहले फेज में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 18 सितंबर को होगी।

जम्मू-कश्मीर में दूसरे फेज की वोटिंग

जम्मू-कश्मीर में दूसरे फेज के लिए 29 अगस्त को नामांकन की अधिसूचना जारी की जाएगी। जिसमें नामांकन की लास्ट डेट 5 सितंबर होगी। वहीं चुनाव के लिए दाखिल नामांकनों की छटनी 6 सितंबर को की जाएगी। जबकि 9 सितंबर तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकेंगे। वहीं दूसरे फेज में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 25 सितंबर को होगी।

जम्मू-कश्मीर में तीसरे फेज की वोटिंग

इसी प्रकार जम्मू-कश्मीर में तीसरे फेज में 5 सितंबर को नामांकन के लिए अधिसूचना जारी की जाएगी। जिसमें नामांकन की लास्ट डेट 12 सितंबर होगी। वहीं चुनाव के लिए दाखिल नामांकनों की छटनी 13 सितंबर को की जाएगी। जबकि 17 सितंबर तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकेंगे। वहीं तीसरे फेज में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 1 अक्टूबर को होगी। जबकि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव का रिजल्ट 4 अक्टूबर को डिक्लेयर किया जाएगा।

जम्मू-कश्मीर में कितने पोलिंग स्टेशन और कितने वोटर

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि, जम्मू-कश्मीर के 20 जिलों में 90 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग होगी। इन 90 सीटों में 74 जनरल, 9 ST और 7 SC सीटें हैं। वहीं जम्मू-कश्मीर में कुल वोटरों की संख्या 87.09 लाख है। इन कुल वोटरों में 44.46 लाख पुरुष और 42.62 लाख महिला वोटर शामिल हैं।

वहीं जम्मू-कश्मीर में युवा वोटरों (उम्र-20 से 29) की संख्या 20 लाख से ज्यादा है। जबकि फ़र्स्ट टाइम वोटरों (उम्र-18 से 19) की संख्या 3.71 लाख है। इसके साथ ही पीडबल्यूएस, बुजुर्ग और थर्ड जेंडर वोटर भी शामिल हैं। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में 9 हजार 169 लोकेशन पर 11 हजार 838 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। जहां लोग वोट डालने के लिए आएंगे।

धारा 370 हटने के बाद पहला विधानसभा चुनाव

जम्मू-कश्मीर में लास्ट विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था। तब जम्मू-कश्मीर में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार बनी थी। लेकिन बीजेपी के फैसलों से मतभेदों के चलते यह गठबंधित सरकार जून 2018 में गिर गई। जिसके बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग हो गई। वहीं इसके बाद केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को संसद में प्रस्ताव लाकर धारा-370 को निरस्त कर दिया था। साथ ही राज्य को 2 हिस्सों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था और दोनों को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया था।

केंद्र सरकार द्वारा ऐसा किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के नेताओं में खलबली मच गई थी। फिलहाल 10 साल के अंतराल के बाद अब जम्मू-कश्मीर में फिर से विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। वहीं धारा 370 हटने के बाद अब जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव होगा। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को जल्द ही पूर्ण राज्य का दर्जा भी मिलेगा। मालूम रहे कि, पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को 30 सितंबर, 2024 तक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया था।

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बड़ी चुनौती

पाकिस्तान से सटे और आतंकियों के साये के चलते जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बड़ी चुनौती है। खासकर उत्तरी कश्मीर के जिलों में चुनाव संपन्न कराना बड़ी चुनौती है। यहां के कई इलाके संवेदनशील हैं। 14 अगस्त को चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के साथ बैठक की थी। वहीं इससे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग के प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू-कश्मीर में दौरा करके चुनाव तैयारियों की समीक्षा की थी।