एक और जैन मुनि ने प्राण त्यागे; अपने तीर्थ के लिए हो गए बलिदान, सम्मेद शिखर के खातिर कर रहे थे विरोध प्रदर्शन
Jain Muni Gave Up His Life For Sammed Shikhar
Jain Muni Gave Up His Life For Sammed Shikhar: झारखंड स्थित जैन तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर को टूरिस्ट प्लेस घोषित किए जाने पर समुदाय के लोगों में ऐसा विरोध पनपा कि दो जैन मुनियों ने अपने प्राण तक दे डाले। 3 जनवरी को जनि मुनि सुज्ञेयसागर के प्राण त्यागने के बाद अब एक और जैन मुनि ने अपने प्राण त्याग दिए हैं। जैन मुनि का नाम समर्थ सागर जी महाराज है।
जैन मुनि समर्थ सागर सम्मेद शिखर को टूरिस्ट प्लेस बनाए जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। वह आमरण अनशन पर चले गए थे। जैन मुनि का राजस्थान के सांगानेर में गुरुवार देर रात निधन हुआ। वहीं जैन मुनि के निधन की खबर जैसे ही समुदाय के लोगों को मिली तो वह अंतिम दर्शन के लिए भारी संख्या में मौके पर पहुंचने लगे। इस दौरान बड़ी संख्या में जैन मुनि भी मौजूद रहे। जिनके सानिध्य में तमाम रीति-रिवाजों के साथ समर्थसागर जी महाराज को समाधि दी गई।
जैन मुनि सुज्ञेयसागर के बाद आमरण अनशन पर थे मुनि समर्थ सागर
सम्मेद शिखर के खातिर जनि मुनि सुज्ञेयसागर जी महाराज भी आमरण अनशन कर रहे थे और इस दौरान 3 जनवरी को सुबह उनका निधन हो गया था. जिसके बाद जैन मुनि समर्थ सागर जी महाराज ने आमरण अनशन का एलान किया था और तबसे वह आमरण अनशन पर थे।
फिलहाल, जैन मुनियों का कहना है कि झारखंड सरकार सम्मेद शिखर को जबतक पवित्र स्थल घोषित नहीं करेगी तब तक मुनि ऐसे ही बलिदान देते रहेंगे। सम्मेद शिखर को बचाने के लिए अबतक दो जैन मुनियों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया है, उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा।
केंद्र सरकार ने टूरिस्ट प्लेस पर रोक लगाने के निर्देश दिए
बतादें कि, जैन समुदाय का रोष देखते हुए केंद्र सरकार ने अपनी तरफ से झारखंड सरकार को सम्मेद शिखर पर टूरिस्ट प्लेस की कोई गतिविधि न करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। केंद्र सरकार जैन समुदाय के पक्ष में है और अब झारखंड सरकार को आगे के कदम उठाने हैं।
झारखंड के गिरिडीह में स्थित है सम्मेद शिखर
दरअसल, झारखंड के गिरिडीह में पारसनाथ पहाड़ी पर स्थित जैन तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर जैन समुदाय का सर्वोच्च तीर्थ स्थल है और इसीलिए समुदाय के लोग इसकी पवित्रता से जरा सा भी समझौता नहीं करने वाले।
सम्मेद शिखर के टूरिस्ट प्लेस बनने से क्या डर?
दरअसल, टूरिस्ट प्लेस बनने से सम्मेद शिखर (Jain Teerth Sammed Shikhar) की पवित्रता भंग होने का बड़ा डर है क्योंकि टूरिस्ट प्लेस बनने से यहां हर तरह के लोग पहुंचेंगे और उनके द्वारा अमर्यादित गतिविधियां भी की जाएंगी। जैसे अन्य टूरिस्ट प्लेस पर देखने को मिलती हैं।
जैन मुनियों और समाज का कहना है कि, सम्मेद शिखर के लिए सुविधाएं हों, इससे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन टूरिस्ट प्लेस बनाकर इसकी आड़ में मांस-मछली और शराब का जो कारोबार किया जाएगा। वो हम कतई बर्दास्त नहीं कर पाएंगे| इसलिए हम सम्मेद शिखर को हरगिज टूरिस्ट प्लेस नहीं बनने देंगे। यह सब जैन समाज की भावनाओं और मान्यताओं के विरुद्ध है।