ISRO PSLV-C56 7 Satellites Launching| ISRO का एक महीने में दूसरा कमाल; अब अंतरिक्ष में एक साथ 7 सैटेलाइट भेजे

ISRO का एक महीने में दूसरा कमाल; चंद्रयान-3 के बाद अब अंतरिक्ष में एक साथ 7 सैटेलाइट भेजे, PSLV-C56 से हुई लॉन्चिंग

ISRO PSLV-C56 7 Satellites Launching

ISRO PSLV-C56 7 Satellites Launching: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक महीने में दूसरा कमाल कर दिया है। चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग के बाद अब इसरो ने रविवार को अंतरिक्ष में एक साथ 7 विदेशी सैटेलाइट भेजे। श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) से PSLV-C56 रॉकेट के जरिए इनकी सफल लॉन्चिंग की गई। इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा कि इसके लिए इसरो की पूरी टीम को बधाई दी। सोमनाथ ने कहा सभी को बधाई हो, प्राथमिक उपग्रह DS-SAR और 6 सह-यात्री उपग्रहों सहित 7 उपग्रहों को ले जाने वाले PSLV-C56 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग हो गई है और इन उपग्रहों को निर्धारित ऑर्बिट में स्थापित कर दिया गया है।

ये सिंगापुर के सैटेलाइट थे

बताया जा रहा है कि, जिन 7 विदेशी सैटेलाइट को ISRO ने अपने यहां से लॉन्‍च किया वो सिंगापुर के सैटेलाइट थे। पीएसएलवी रॉकेट के जरिये सिंगापुर के सैटेलाइट लॉन्‍च किए गए। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने किसी दूसरे देश के लिए सैटेलाइट को लॉन्‍च किया है। कई सालों से ऐसा होता आ रहा है। दूसरे देशों के सैटेलाइट लॉन्‍च से ISRO की कमाई भी हो रही है। सैटेलाइट लॉन्चिंग मामले में बड़े-बड़े देश ISRO की विशेषज्ञता का लोहा मान रहे हैं।

रिपोर्ट्स के अनुसार, 2022 में इसरो के लॉन्च व्‍हीकल का इस्‍तेमाल करके 44 विदेशी सैटेलाइट लॉन्च किए गए। मार्च 2023 तक अंतरिक्ष एजेंसी ने 37 विदेशी सैटेलाइट लॉन्च किए। वहीं सिंगापुर क्‍या, अमेरिका और ब्रिटेन तक के सैटेलाइट इसरो लॉन्‍च कर चुका है। इसरो 1999 से कमर्शियल आधार पर विदेशी ग्राहकों के लिए सैटेलाइट लॉन्च कर रहा है। दुनिया के गिने-चुने देश देशों के पास ही अंतरिक्ष में सैटेलाइट लॉन्च करने की क्षमता है। जहां इसरो का पोलर सैटेलाइट लॉन्‍च व्‍हीकल (पीएसएलवी) सिस्‍टम को दुनिया के सबसे विश्वसनीय लांचरों में से एक माना जाता है।