ISRO Mission Aditya-L1 Reaches Its Final Destination Halo Orbit L1 Point

भारत को बड़ी सफलता, दुनिया फिर चौंकी; सूरज के दरवाजे पर पहुंचा अपना आदित्य-एल1, यह देश का पहला सूर्ययान, PM मोदी बधाई दे रहे

ISRO Mission Aditya-L1 Reaches Its Final Destination Halo Orbit L1 Point

ISRO Mission Aditya-L1 Reaches Its Final Destination Halo Orbit L1 Point

ISRO Mission Aditya L1: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने नए साल पर भारत को एक और बड़ी खुशखबरी दे दी है। भारत का पहला सूर्ययान यानि सौर मिशन आदित्य-एल1 अपने तय गंतव्य पर सफलतापूर्वक पहुंच गया है। पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय करते हुए आदित्य-एल1 लैंग्रेज पॉइंट-1 यानि एल1 बिंदु पर पहुंच हेलो ऑर्बिट में स्थापित हो गया है। आदित्य-एल1 को हेलो ऑर्बिट में सफलतापूर्वक स्थापित करना काफी कठिन काम था लेकिन इसरो की ट्रैकिंग टीम ने ये कर दिखाया। इसरो की इस सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे भारतवासियों को बधाई दी है।

पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा- भारत ने एक और उपलब्धि हासिल की। भारत का पहला सूर्ययान आदित्य-एल1 अपने गंतव्य तक पहुंच गया है। यह सबसे जटिल और पेचीदा अंतरिक्ष अभियानों को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। मैं मैं इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करते हुए इसरो और पूरे राष्ट्र को बधाई देता हूँ। हम मानवता के लाभ के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे। वहीं केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि, भारत के लिए यह साल शानदार रहा। सूर्य-पृथ्वी कनेक्शन के रहस्यों की खोज के लिए आदित्य एल1 अपनी अंतिम कक्षा में पहुंच गया है। पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, टीम ISRO द्वारा लिखी गई यह एक और सफलता की कहानी है। वहीं विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि, 'यह एक महान उपलब्धि है। चंद्रयान की तरह यह भी हमारे लिए गौरव का क्षण है।

ISRO Mission Aditya-L1 Reaches Its Final Destination Halo Orbit L1 Point
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ISRO Mission Aditya-L1 Reaches Its Final Destination Halo Orbit L1 Point
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आदित्य-एल1 की सफलता पर अहमदाबाद अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश एम. देसाई ने कहा कि, एल1 बिन्दु पर हेलो ऑर्बिट से हम बिना किसी अवरोध के सूर्य का पाँच साल तक अवलोकन/अध्यन कर पाएंगे। आदित्य एल1 में जो उपकरण लगाए गए हैं उनकी सहायता से हम सूर्य की बाहरी और अंदरूनी घटनाओं की जानकारी हासिल करेंगे। सूर्य के बारे में जानकारी हासिल करना भारतीय विज्ञान क्षेत्र के लिए बहुत महतवपूर्ण सफलता होगी। यह बहुत कठिन था। अभी तक अमेरिका-यूरोप जैसे देशों ने यह सफलता हासिल की है।

वाकई भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक बार फिर से इतिहास रच दिया है। इसरो की वजह से एक बार फिर से पूरी दुनिया में भारत के नाम का डंका बज गया है। मालूम रहे कि, सूर्य के अध्यन के लिए आदित्य एल1 को पिछले साल 2 सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था। वहीं पिछले दिनों ही इसरो प्रमुख सोमनाथ ने जानकारी दी थी कि आदित्य एल1 6 जनवरी को एल1 बिंदु पर पहुंचेगा और इसके बाद हम आगे की अंतिम प्रक्रिया को अंजाम देंगे।

चंद्रयान-3 तो 3 लाख 88 हजार किलोमीटर तक ही गया था

जुलाई 2023 में लॉन्च चंद्रयान-3 तो धरती से चांद पर पहुँचने के लिए लगभग 3 लाख 88 हजार किलोमीटर तक ही गया था लेकिन भारत का पहला सूर्ययान यानि आदित्य-एल1 मिशन ने धरती से लगभग 15 लाख किलोमीटर (यानि चंद्रमा से करीब 4 गुना ज्यादा) की दूरी तय की है। हालांकि आदित्य-एल1 सूर्य पर नहीं उतरेगा। यह सूर्य-पृथ्वी की चारो ओर की कोर कक्षा से सूर्य की रहस्यमयी जानकारियां जुटाएगा। आदित्य-एल1 के पास सात पेलोड हैं। इन सात पेलोड की मदद से यह यान अलग-अलग वेव बैंड में फोटोस्फेयर (प्रकाशमंडल), क्रोमोस्फेयर (सूर्य की दिखाई देने वाली सतह से ठीक ऊपरी सतह) और सूर्य की सबसे बाहरी परत का निरीक्षण करने में सक्षम होगा। आदित्य-एल1 ग्रहणों या गुप्त घटनाओं से बाधित हुए बिना लगातार सूर्य का निरीक्षण करने में सक्षम है।

वैज्ञानिकों का मानना है कि आदित्य एल -1 मिशन से अंतरिक्ष में सूर्य की गतिशीलता, अंतरिक्ष मौसम पर सूर्य के प्रभाव, सूर्य के व्यवहार, सूर्य के तापमान और सूर्य की धरती पर पड़ने वाली पराबैगनी किरणों को लेकर स्पष्ट डेटा मिल पाएगा। साथ ही सूर्य के कई अनसुलझे रहस्यों का खुलासा हो सकता है। बता दें कि, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के हमारे वैज्ञानिक मिशन चंद्रयान-3 की सफलता से गदगद हो रखे हैं।