वाह ISRO वाह! तुमने फिर कमाल कर दिया; गगनयान मिशन की टेस्ट लॉन्चिंग में ही दुनिया देख ले भारत का दम, इन तस्वीरों में सफलता के नजारे देखिए
ISRO Gaganyaan Mission Trial TV-D1 Test Flight Launching Successful
Gaganyaan Mission Trial Successful: चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता के बाद अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक और बड़े मिशन में सफलता की पहली सीढ़ी चढ़ ली है। दरअसल, शनिवार सुबह आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से मिशन गगनयान की टेस्ट लॉन्चिंग की गई। जिसमें मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट TV-D1 को लॉन्च किया गया। मिशन की यह पहली टेस्ट लॉन्चिंग पूरी तरह से सफल रही। इस सफलता के साथ एक बार फिर पूरा इसरो सेंटर खुशी से झूम उठा और तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। इसरो वैज्ञानिकों ने एक-दूसरे को बधाई दी। ISRO प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा कि मुझे गगनयान टीवी-डी1 मिशन की सफलता की घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है। इसरो के साथ-साथ यह भारत के लिए बहुत बड़ी सफलता है।
मिशन गगनयान की टेस्ट लॉन्चिंग में आई गड़बड़ी
हालांकि, मिशन गगनयान की टेस्ट लॉन्चिंग दूसरी बार में सफल हो पाई। दरअसल, शनिवार सुबह 7.30 बजे के आसपास जब टेस्ट लॉन्चिंग प्रक्रिया शुरू की गई तो उस समय अचानक कुछ तकनीकी गड़बड़ी आ गई और इसके चलते लॉन्चिंग रोकना पड़ा। हालांकि, कुछ समय बाद ही गड़बड़ी को दूर कर लिया गया और मिशन गगनयान की टेस्ट लॉन्चिंग में सफलता हासिल कर ली गई।
मिशन गगनयान की टेस्ट लॉन्चिंग क्यों?
मिशन गगनयान की टेस्ट लॉन्चिंग क्यों की जा रही है? फाइनल लॉन्चिंग क्यों नहीं की जा रही? दरअसल, मिशन गगनयान को लेकर सुरक्षा की जांच की जा रही है. मिशन गगनयान के साथ जो अन्तरिक्ष यात्री जाएंगे उनकी सुरक्षा को परखा जा रहा है। यह जांचा गया है कि, किसी स्थिति में किस प्रकार अन्तरिक्ष यात्रियों की धरती पर दोबारा सफल लैंडिंग कराई जा सकती है। मिशन की इस टेस्ट लॉन्चिंग में क्रू एस्केप सिस्टम को जांचा गया है। बता दें कि, गगनयान की टेस्ट लॉन्चिंग में टेस्ट फ्लाइट TV-D1 को जब लॉन्च किया गया तो लॉन्च के बाद अंतरिक्ष यात्रियों के लिए क्रू मॉड्यूल के पैराशूट सही समय पर खुल गए और उनकी नीचे लैंडिंग भी हो गई। क्रू मॉड्यूल रॉकेट से अलग होकर और पैराशूट की मदद से बंगाल की खाड़ी में नीचे आने लगा। वहीं समुद्र में पहले से तनत नेवी की टीम ने पूरी नजर बनाए रखी।
गगनयान मिशन आखिर है क्या?
सवाल उठ रहा है कि, गगनयान मिशन आखिर है क्या और चंद्रयान की सफल लॉन्चिंग के बाद यह इसरो के लिए इतना जरूरी क्यों है? बताया जाता है कि, इसरो का गगनयान मिशन मानव को अंतरिक्ष भेजने की क्षमता को दिखाने के लिए बनाया गया है। इस मिशन के तहत 3 लोगों की टीम को 3 दिन के लिए अंतरिक्ष में 400 किमी की कक्षा में पहले लॉन्च किया जाएगा फिर उन्हें समुद्र में उतारकर उनको पृथ्वी पर सुरक्षित वापस लाकर मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता को प्रदर्शन करने की कल्पना की गई है। यानि अंतरिक्ष में मानव उड़ान के क्षेत्र में भारत की क्षमताओं को दुनिया को दिखाना है। बताया जता है कि, मिशन में लगा क्रू मॉड्यूल गगनयान रॉकेट में पेलोड है, और यह अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अंतरिक्ष में पृथ्वी जैसे वातावरण के साथ रहने योग्य जगह प्रदान करेगा। इसरो का गगनयान मिशन अगर सफल रहता है तो अमेरिका, चीन और पूर्ववर्ती सोवियतसंघ के बाद भारत मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ानें संचालित करने वाला चौथा देश बन जाएगा।