IRCTC, IRFC को मिला 'नवरत्न' का दर्जा; रेल मंत्री ने दी बधाई

IRCTC, IRFC got 'Navratna' status; Railway Minister Congratulated
दिल्ली। IRCTC, IRFC got 'Navratna' status; Railway Minister Congratulated: भारत सरकार ने कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) एवं इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन (IRFC) को नवरत्न कंपनियों के रूप में अपग्रेड करने की मंजूरी दी है। IRCTC भारत की 25वीं और IRFC 26वीं नवरत्न कंपनी बनी है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने IRCTC और IRFC की टीम को नवरत्न का दर्जा मिलने पर बधाई दी। रेल मंत्री ने कहा, हम यह साझा करते हुए प्रसन्नता महसूस कर रहे हैं कि 2014 के बाद रेलवे के सभी 7 सूचीबद्ध पीएसयू को नवरत्न का दर्जा प्राप्त हुआ है। जिसके अंतर्गत CONCOR को जुलाई 2014 में, RVNLको मई 2023, IRCON व RITES को अक्टूबर 2023 में, RailTel को अगस्त 2024 और अब IRCTC और IRFC को यह दर्जा मिला है। रेल मंत्री ने इसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया और कहा कि यह माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के रेलवे क्षेत्र में परिवर्तन के प्रति केंद्रित दृष्टिकोण को दर्शाता है। उन्होंने इस अवसर पर वित्त मंत्री का भी आभार व्यक्त किया।
IRCTC
IRCTC, रेल मंत्रालय के तहत एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (CPSE) है, जिसकी वार्षिक आय ₹4,270.18 करोड़, शुद्ध लाभ (PAT) ₹1,111.26 करोड़, और नेट वर्थ ₹3,229.97 करोड़ वित्त वर्ष 2023-24) है। IRFC भी रेलवे मंत्रालय का एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (CPSE) है जिसका वार्षिक कारोबार ₹26,644 करोड़ है, शुद्ध लाभ (PAT) ₹6,412 करोड़ है एवं वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इसकी नेट वर्थ ₹49,178 करोड़ है।
नवरत्न का दर्जा मिलना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि IRCTC वर्ष 2025 में खानपान, पर्यटन और ऑनलाइन टिकटिंग सेवाओं में उत्कृष्टता के 25 वर्षों का जश्न मना रहा है। यह विगत कुछ वर्षों में आतिथ्य, यात्रा और पर्यटन क्षेत्र में निगम की परिचालन उत्कृष्टता का प्रमाण है।
नवरत्न सार्वजनिक उपक्रम वैश्विक प्रतिस्पर्धी बाजार में भारत की स्थिति को बढ़ाने के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा देकर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह उपलब्धि IRCTC को यात्रा, पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्रों में अपने कार्यों के विस्तार करने और अपनी सेवा उपलब्धियों को बढ़ाने में सहायक है।
IRFC
रेल मंत्रालय के तहत एक प्रमुख वित्तीय संस्थान, भारतीय रेलवे वित्त निगम (IRFC) को भारत सरकार द्वारा प्रतिष्ठित नवरत्न का दर्जा दिया गया है। यह मान्यता भारत के रेलवे बुनियादी ढांचे का समर्थन करने वाले केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (CPSE) में से एक के रूप में IRFC की यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
12 दिसंबर, 1986 को 100% सरकारी स्वामित्व वाली इकाई के रूप में स्थापित IRFC भारतीय रेल के विस्तार और आधुनिकीकरण के वित्तपोषण में सहायक रहा है। 31 मार्च, 2024 तक 26,600 करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व और 6,400 करोड़ रुपये से अधिक के कर भुगतान पश्चात लाभ के साथ, IRFC अब भारत में तीसरी सबसे बड़ी सरकारी NBFC बन गई है।
नवरत्न दर्जा मिलने के लाभ:
नवरत्न दर्जा मिलने से PSUs को कई लाभ मिलते हैं, जैसे:
वित्तीय स्वायत्तता
वे संयुक्त उद्यम, सहायक कंपनियाँ बना सकते हैं और प्रत्यक्ष सरकारी हस्तक्षेप की आवश्यकता के बिना विलय या अधिग्रहण कर सकते हैं।
परिचालन स्वतंत्रता
वे स्वतंत्र व्यवसाय और निवेश निर्णय ले सकते हैं, जिससे वे निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।
उनके पास मानव संसाधन प्रबंधन में अधिक आसान हो जाता है, जिसमें बाजार के अनुसार संबद्ध वेतन पर पेशेवरों को काम पर रखना शामिल है।
वैश्विक विस्तार
वे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रवेश कर सकते हैं, रणनीतिक गठबंधन बना सकते हैं और सख्त नौकरशाही बाधाओं के बिना वैश्विक स्तर पर विस्तार कर सकते हैं।
बेहतर बाजार स्थिति
नवरत्न कंपनियों को वित्तीय रूप से स्थिर माना जाता है और वे निवेशकों का अधिक विश्वास आकर्षित करती हैं।
उनका मजबूत वित्तीय प्रदर्शन उन्हें शेयरधारकों के लिए बेहतर रिटर्न प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।