International cyber fraud busted in Panchkula

पंचकूला में अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड का भंडाफोड़, ज्वेलर से 9.68 करोड़ की धोखाधड़ी कर पूंजि विदेशी खातों में ट्रांसफर

International cyber fraud busted in Panchkula

International cyber fraud busted in Panchkula

International cyber fraud busted in Panchkula- पंचकूला। पंचकूला में अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी का केस सामने आया है जिसमंे ठगों ने पंचकूला के एक बिजनेसमैन को डिमेट अकाउंट के जरिए 9.68 करोड़ की धोखाधड़ी की। पुलिस ने इस मामले में 2 जालसाज गिरफ्तार किए है। जिनका नेटवर्क विदेश में भी फैला हुआ है। साइबर ठगी के जरिए कमाए पैसों को ये आरोपी विदेश में ट्रांसफर करते थे। पुलिस पता लगा रही है कि भारत के अलावा उन्होंने किन किन राज्यों और देशों में लोगों के अकाउंट में कितने पैसे ट्रांसफर किए हैं। उधर, करोड़ों रूपए की देश विदेश के विभिन्न खातों में हुई ट्रांजेक्शन को लेकर ईडी भी जांच कर सकती है।

डीसीपी हिमाद्री कौशिक और एएसपी मनप्रीत सूदन की देखरेख में साइबर थाना पुलिस इस अंतरराष्ट्रीय गिरोह को दबोचने में कामयाब रही। हिमाद्री कौशिक ने बताया कि जतिन जिंदल इस रैकेट का मास्टरमाइंड है जो आईटी एक्सपर्ट है। पुलिस ने उसे पटियाला में उसके साथी मुश्ताक के साथ गिरफ्तार किया। नेशनल साइबर पोर्टल पर शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने 1.8 करोड़ रूपए ठगों के हाथ लगने से बचा लिए। पुलिस ने अकाउंट को सीज कर दिया। जतिन जिंदल क्योंकि आईटी एक्सपर्ट है इस लिए वह धोखाधड़ी कर रूपए विदेशों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर देता था। जिसके बदले में उसे कमिशन मिलती थी और इसी कमिशन से वह अपने कर्मचारियों को सेलेरी भी देता था।

कारोबारी ने साइबर पोर्टल पर डाली शिकायत

हिमाद्री कौशिक ने 9.68 करोड़ रूपए की साइबर ठगी के मामलें में साइबर पुलिस थाना एसएचओ ललित कुमार व उसकी टीम साइबर गिरोह का पर्दाफाश करने में कामयाबी रही। डीसीपी ने कहा कि बीती 3 जुलाई को नेशनल साइबर पोर्टल पर पंचकूला सेक्टर 7 बिजनेसमैन ने एक कंप्लेंट फाइल की। जानकारी के मुताबिक ललित सिंगला वासी सेक्टर 7 पंचकूला ने शिकायत दर्ज कराई कि उसकी ज्वेलर्स की दुकान मनीमाजरा में है। शिकायत में बताया कि एक दिन उसके पास व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने की एक लिंक प्राप्त हुआ। जिस ग्रुप का नाम ईजी प्राइमरी ग्रुप एक्सटू था। ग्रुप में जुडने के बाद पता चला कि इसमें शेयर मार्किट से संबंधित मैसेज प्राप्त हो रहे हैं। जिस ग्रुप के एडमिन के कहने पर एक इंटरनेशनल नंबर पर जेम्स नाम के व्यक्ति से बातचीत हुई। जिसनें पीड़ित व्यक्ति के कागजात लेकर एक ट्रैडिंग खाता खोला गया। उसके बाद उस खाते के माध्यम से ट्रैंडिग करने के लिए पीड़ित व्यक्ति से पहले लालच देकर कि आपके खाते में 52 करोड़ रूपए जमा हो गए हैं, पहले 38 लाख रुपये, फिर 8.50 लाख रुपये ट्रांसफर, 38 लाख रुपये, 10 लाख रुपये, 77.18 लाख रुपये करते करते करीब 18 ट्राक्जक्शनों में 9.68 करोड रुपये ट्रांसफर करवाये गये। साइबर अपराधियो ने पीड़ित व्यक्ति से पैसे ट्रांसफर करवाकर उस पैसे को दोगुनी दिखाकर ठगी को अंजाम देते है। इसके बाद जब शिकायतकर्ता ने जमा की गई राशि को वापस करने बारे कहा तो उन्होंने 10 प्रतिशत टैक्स जमा करने बारे कहा गया। उसके बाद फिर कोरियर के माध्यम एप्पल फोन भेजने का लालच देनें लगे उसके बाद जब पीड़ित व्यक्ति ने अपने तौर पर वेबसाइट को चेक करवाया गया जो वेबसाइट फर्जी पाई गई।

देश-विदेश में गई राशि

हिमाद्री कौशिक ने कहा कि अलग अलग देशों के बैंक अकाउंट के बारे में पता लगा है जिसके बारे में आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। उन्होेंने कहा कि यदि किसी एजेंसी की मदद भी लेनी पड़ी तो आवश्य ली जाएगी। अभी तक इंडियन साइबल पोर्टल से मिली जानकारी के मुताबिक भारत के अलग अलग राज्यों मंे भी ये रैकेट लोगों से धोखाधड़ी कर चुका है। उन्होंने कहा कि आरोपियों को जिला अदालत में पेश कर पुलिस हिरासत की मांग की जाएगी। साथ ही गिरोह के अन्य लोगों के बारे में छानबीन कर उनकी पड़ताल में छापेमारी की जा रही है।

ईडी कर सकती हैं जांच

हरियाणा मंे साइबर ठगी का विदेशी कनेक्शन सामने आने के बाद मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी जैसी एजेंसी को सौंपी जा सकती है। विदेश में रह रहे नागरिकों के खातों में फर्जी तरीके से पैसे भेजने के मामले में करोड़ों रूपए की टांजेक्शन होने से एजेंसियां भी अलर्ट हो गई हैं। बताया जा रहा है कि विदेश में व्आटसएप ग्रुप के जरिए लोगों को शामिल कर उनके खातों को बिना जांच, बिना केवाईसी के खातों मंे लगाई सेंध का चौंकाने वाले इस मामले की जांच बड़ी एजेंसी को सौंपी जा सकती है।