Interesting update of expenditure from Chandigarh Lok Sabha seat on election department's website

चंडीगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव विभाग की वेबसाइट पर खर्चे का मजेदार अपडेट: टंडन ने चुनाव पर खर्चे 56 लाख तो तिवारी ने 50 लाख

Interesting update of expenditure from Chandigarh Lok Sabha seat on election department's website

Interesting update of expenditure from Chandigarh Lok Sabha seat on election department's website

Interesting update of expenditure from Chandigarh Lok Sabha seat on election department's website- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)I वैसे तो लोकसभा चुनाव में उतरे प्रमुख उम्मीदवारों का तय सीमा यानि 75 लाख की सीमा के भीतर चुनाव प्रचार अभियान निपटाना गले नहीं उतरता लेकिन चंडीगढ़ चुनाव विभाग की वेबसाइट पर अपडेट किए गए चुनाव खर्च के अनुसार चंडीगढ़ से चुनाव लडऩे वाले दोनों राजनीतिक दिग्गजों ने महज 75 लाख की सीमा के भीतर ही खर्चा निपटा दिया। भाजपा के संजय टंडन ने चंडीगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लडऩे पर केवल 56 लाख रुपये खर्च किए जबकि कांग्रेस के मनीष तिवारी ने 50 लाख रुपये के छोटे से खर्च में ही यह चुनाव निपटा दिया। आंकड़ों के लिहाज से देखें तो संजय टंडन ने मनीष तिवारी से कुल 12 फीसदी ज्यादा खर्चा लोकसभा चुनाव पर किया।

चंडीगढ़ लोकसभा सीट से संजय टंडन व उनके प्रतिद्वंदी मनीष तिवारी के बीच कांटे की टक्कर रही। मनीष तिवारी महज 2,504 वोटों के मामूली अंतर से यह चुनाव जीत पाये हालांकि आखिरी चरणों की गिनती में एक मर्तबा तो स्थिति ऐसी बनी कि टंडन मनीष तिवारी की लीड को तेजी से पाटते नजर आए और तिवारी के भी एक मर्तबा पसीने छूट गये। अंतिम राऊंड्स में तो दोनों के समर्थकों के सांस रुके रहे और एक मर्तबा मार्जिन कम होने की वजह से विवाद की स्थिति भी बन गई हालांकि इसे जल्द ही सुलझा लिया गया। चंडीगढ़ में सातवें और अंतिम चरण में 2 जून को चुनाव हुए थे, जबकि नतीजे पूरे देश के साथ 4 जून को घोषित किए गए थे।

चंडीगढ़ चुनाव विभाग की वेबसाइट पर अपडेट किए गए चुनाव खर्च के अनुसार, ये दोनों राजनीतिक दिग्गज 75 लाख की सीमा के खर्च के भीतर ही सिमटे रहे। बसपा की रितु सिंह ने अपने प्रचार पर 9.25 लाख रुपये खर्च किये।

मीडिया कैंपेनिंग पर दोनों का ध्यान गया

दोनों उम्मीदवारों ने इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में प्रचार पर भारी खर्च किया। मनीष तिवारी ने रेडियो पर भरोसा करते हुए इस माध्यम पर 4 लाख रुपये से अधिक खर्च किए। कालोनियों पर उनकी पकड़ को देखते हुए यह कोई ज्यादा आश्चर्य वाली बात नहीं थी। उधर संजय टंडन ने मीडिया विज्ञापनों के लिए जेब ढ़ीली करते हुए यहां 6.85 लाख रुपये खर्च किए। प्रारंभिक जानकारी के बाद, व्यय विवरण पर नजऱ डालने से दिलचस्प रुझान और बातें सामने आई। यहां से मिली जानकारी के अनुसार, संजय टंडन ने अपने चुनावी अभियान के लिए एक वेतनभोगी फोटोग्राफर को भी काम पर रखा था। 28 मई को उनकी जनसभा के बैनर और मंच की साज-सज्जा पर कुल मिलाकर 47,200 का खर्च आया; जबकि पिछले दिन बापू धाम कॉलोनी की पदयात्रा का बिल महज 1,900 रुपये था। चुनाव प्रचार के दौरान प्रत्याशी के वाहन के संदर्भ में भी जानकारी दी गई वह भी सामने आई है। टंडन ने इस पर 80 हजार रुपये खर्च किए जबकि मनीष तिवारी का इस पर खर्च 36 हजार रुपये बताया गया।

बीजेपी ने स्टार प्रचारकों को लेकर दोगुना खर्चा किया

भाजपा प्रत्याशी संजय टंडन के समर्थन में आधा दर्जन से अधिक स्टार प्रचारकों ने शहर भर का दौरा किया। उन्होंने स्टार प्रचारकों के दौरों को लेकर कुल 7.2 लाख खर्च किए, जबकि कांग्रेस के मनीष तिवारी ने इस पर महज 3.9 लाख खर्च किए। यानि स्टार प्रचारकों के लाने के मामले में भाजपा आगे थी लिहाजा उस पर खर्चा भी ज्यादा हुआ। कुल मिलाकर चुनाव के लिए जेब ढीली करने में कोई अन्य उम्मीदवार मनीष तिवारी और संजय टंडन की बराबरी नहीं कर सका। टंडन के स्टार प्रचारक प्रयास को छोडक़र, दोनों ने प्रमुख मदों पर लगभग एक जैसा पैसा खर्चा किया।