मुख्यमंत्री कोऑपरेटिव बैंकों को किसानों के खिलाफ वारंट जारी करने पर रोकने का निर्देश दें : शिरोमणी अकाली दल
मुख्यमंत्री कोऑपरेटिव बैंकों को किसानों के खिलाफ वारंट जारी करने पर रोकने का निर्देश दें : शिरोमणी अ
कहा कि आप पार्टी की सरकार को गेंहू पर 500 रूपये प्रति क्विंटल बोनस और डीजल पर राज्य वैट में कमी करके किसानों की मदद करनी चाहिए: डॉ. दलजीत सिंह चीमा
चंडीगढ़/21अप्रैल: शिरोमणी अकाली दल ने आज मुख्यमंत्री भगवंत मान से कोऑपरेटिव बैंकों को उन किसानों के खिलाफ गिरफ्तारी के वारंट जारी करने पर रोक लगाने का निर्देश देने को कहा, जो फसल खराब होने के कारण बिगड़ती वित्तीय स्थिति और खेती पर आने वाली लागत में तेजी से आई बढ़ोतरी के कारण अपना कर्जा चुकाने में विफल रहे हैं।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने इस बात पर हैरानी जताई कि पंजाब कृषि विकास बैंक से लिए गए कर्ज को चुकाने में विफल रहने पर बठिंडा, मानसा, फिरोजपुर और फाजिल्का जिलों के किसानों को गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। उन्होने कहा कि ज्यादात्तर कर्ज को चुकाने में विफल रहने वाले किसान कपास बेल्ट के हैं।
यह कहते हुए कि मुख्यमंत्री को राज्य द्वारा सामना किए जा रहे खेती संकट के बारे में अच्छी तरह सूचित किया गया था, और वह हमेशा किसानों के खिलाफ अड़ियल तरीकों के इस्तेमाल के समर्थक रहे हैं। डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने गिरफ्तारी वारंट को तत्काल वापिस लेने की मांग की है। उन्होने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार को किसानों की हर संभव मदद करनी चाहिए, जिसमें यह सुनिश्चित करना भी शामिल है कि उन्हे उनकी गेंहू की फसल के खराब होने की भरपाई के लिए 500 रूपये प्रति क्विंटल का बोनस दिया जाए। ‘‘ सरकार को डीजल पर राज्य वैट को कम करना चाहिए , जिसमें पिछले एक महीने के दौरान तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है, इसके अलावा खेती कर्जें को कम करने के लिए अन्य योजनाएं लाई जानी चाहिए’’।
डॉ. चीमा ने स्पष्ट किया कि प्रदेश के किसानों की गिरफ्तारी के मददेनजर अकाली दल चुप नही बैठेगा। ‘‘ आम आदमी पार्टी को अपने वादों का सम्मान करना चाहिए और उन्हे अपमानित करने और परेशान करने के लिए गिरफ्तारी वारंट का इस्तेमाल करने के बजाया उन्हे कर्ज के घेरे से बाहर निकालना चाहिए’’। उन्होने कहा कि इस रणनीति का पहले ही प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है , क्योंकि बठिंडा और मानसा जिले में तीन किसानों ने गेंहू की फसल की पैदावार कम होने के कारण कर्ज बढ़ने की आशंका से आत्महत्या कर ली है।
अकाली नेता ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि आप सरकार ने समय पर कोई प्रतिक्रिया नही दी और पंजाब के किसानों को उनकी गेंहू की फसल आशिंक रूप से खराब होने के बाद उन्हे व्यापक राहत देने का मामला नही तैयार किया है। ‘‘ अत्यधिक बारिश और तापमान में वृद्धि के कारण प्राकृतिक आपदा का मामला बनाकर आपदा प्रबंधन कोष से धनराशि जारी करने की मांग करने का कोई प्रयास तक नही किया गया है’’। उन्होने कहा कि राज्य ने अब तक किसानों को हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्र से मांग तक नही की है।
डॉ. चीमा ने मुख्यमंत्री को सक्रिय होने और केंद्र से पंजाब में कोऑपरेटिव और मोरटगेज बैंकों से धन जारी करने का अनुरोध करने के लिए कहा है। उन्होने कहा कि नाबार्ड ने धनराशि जारी करने पर रोक लगा दी है , जिसके कारण पंजाब में बैंक राज्य के किसानों को कर्जा नही दे रहे हैं। ‘‘ कमीशन एजेंटों ने हाल ही में गेंहू की फसल खराब होने के कारण कर्जा दंेने से इंकारण करने से स्थिति बहुत खराब हो गई है। डॉ. चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और किसान समुदाय की सभी समस्याओं का समाधान करना चाहिए।