लखनऊ में पटक-पटककर मासूम की हत्या, सौतेला चाचा ने घर में दिया वारदात को अंजाम

लखनऊ में पटक-पटककर मासूम की हत्या, सौतेला चाचा ने घर में दिया वारदात को अंजाम

लखनऊ में पटक-पटककर मासूम की हत्या

लखनऊ में पटक-पटककर मासूम की हत्या, सौतेला चाचा ने घर में दिया वारदात को अंजाम

लखनऊ के मोहनलालगंज में कलह के चलते नशे में धुत सौतेले चाचा ने डेढ़ साल के भतीजे को सड़क पर पटक कर मार डाला। आनन-फानन में परिजन उसे लेकर निजी अस्पताल भागे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत करार दिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

मोहनलालगंज कस्बा निवासी डॉ. अमित वर्मा (बीएचएमएस) क्लीनिक चलाते हैं। उनके पिता ने दो शादियां की थी। पहली पत्नी से अमित और मोहित हैं। जो मकान की पहली मंजिल पर रहते हैं। वहीं, सौतेली मां से मनीष, बहन पूनम हैं। अमित के मुताबिक मंगलवार सुबह मनीष बाइक से कहीं गया था। कुछ देर बाद वह कमरे में आ गया। जहां अमित का बेटा अयांश बड़े भाई शिवांश के साथ सो रहा था। भतीजे को गोद में उठाकर मनीष तेजी से कमरे से बाहर आ गया। रायबरेली हाईवे किनारे नाले के पास मनीष ने अयांश को सड़क पर पटक दिया। सड़क से सिर टकराते ही मासूम की चीख निकल गई। मगर बेरहम मनीष का दिल इस पर भी नहीं पसीजा और वह अयांश को उठाकर जमीन पर कई बार पटकता रहा। राहगीरों ने बच्चे के साथ हैवानियत होते देखकर शोर मचाया तो जिस पर आरोपी भागकर घर में छिप गया।

मासूम भतीजे की हत्या के बाद मनीष घर में आकर छिप गया था। पुलिस मौके पर पहुंची तो वह कमरे में बेड पर लेटा मिला। उसे भतीजे की हत्या करने का कोई पछतावा नहीं था।

डीफार्मा कोर्स कर चुका मनीष बड़े भाई अमित के साथ पचौरी स्थित क्लीनिक पर बैठता था। 15 दिन पहले अमित को क्लीनिक में नशे का सामान बिखरा मिला था। अमित के मुताबिक उसने मनीष को नशा करने पर डांटा था।

अमित के मुताबिक मंगलवार सुबह वह मरीज देख रहे थे। पत्नी संगीता रसोई में चाय बना रही थी। तभी बाहर शोर सुनाई दिया। वह पत्नी के साथ भाग कर मौके पर पहुंचे तो खून से लथपथ अयांश निढाल हो चुका था। अमित के मुताबिक उन्हें बेटे की मौत होने का यकीन हो गया था। मगर पत्नी संगीता मानने को तैयार नहीं थी। अमित बेटे को लेकर इन्दिरानगर स्थित निजी अस्पताल पहुंचे थे, जहां डॉक्टरों ने अयांश को मृत घोषित कर दिया।

देवर की सनक के चलते बेटे को खोने वाली संगीता खुद को ही दोष देती रही। अमित के मुताबिक वारदात से चंद मिनट पहले ही संगीता ने बेटे को दूध पिलाने के बाद बिस्तर पर सुलाया था। अगर संगीता कमरे में मौजूद होती तो मनीष अपने मंसूबे को अंजाम नहीं दे पाता।