ऊर्जा और वातावरण को बचाने के लिए उद्योगों को ऊर्जा कुशलता उपाय लागू करने की ज़रूरत - सुमित जारंगल

ऊर्जा और वातावरण को बचाने के लिए उद्योगों को ऊर्जा कुशलता उपाय लागू करने की ज़रूरत - सुमित जारंगल

Save Energy and Environment

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एन. एफ. एल. बठिंडा और रोपड़ की तरफ से ब्यूरो आफ एनर्जी ऐफीशैंसी के साथ समझौता सहीबद्ध

पेडा ने समझौते सहीबद्ध करने सम्बन्धी एक दिवसीय वर्कशॉप करवाई

चंडीगढ़, 17 नवंबर: Save Energy and Environment: पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी ( पेडा) की तरफ से भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के ब्यूरो आफ एनर्जी ऐफीशैंसी(Bureau of Energy Efficiency) ( बी. ई. ई.) के सहयोग से आज यहाँ पेडा आडीटोरियम(Peda Auditorium) में पहचाने गए 14 उद्योगों के साथ समझौते सहीबद्ध करने सम्बन्धी एक दिवसीय वर्कशॉप(one day workshop) और ‘‘आई. एस. ओ. 50001: 2018 मापदंड अपनाना’’ विषय पर एक तकनीकी सैशन करवाया गया।

सभी भागीदारों का स्वागत करते हुये पेडा के मुख्य कार्यकारी डा. सुमित के. जारंगल ने उद्योगों को ग्लोबल मिशन हासिल करने के लिए ऊर्जा, वातावरण और जलवायु को बचाने के लिए ऊर्जा कुशलता उपायों को लागू करने के लिए उत्साहित किया। उन्होंने बताया कि पंजाब में पी. ए. टी. स्कीम के अधीन बिजली मंत्रालय की तरफ से कुल 40 डैज़ीगनेटिड कंज्यूमर्ज (डी. सीज़) नोटीफायी किये गए हैं और इन 40 डी. सीज़. में से खाद क्षेत्र के एन. एफ. एल. बठिंडा और रोपड़ द्वारा आई. एस. ओ. 50001: 2018 मापदंड लागू करने के लिए बी. ई. ई. के साथ समझौता सहीबद्ध किया गया है।

अहमीयत और शमूलियत के बारे विचार-विमर्श

इस दौरान वर्कशॉप के मुख्य मेहमान चेयरमैन पेडा श्री एच. एस. हंसपाल ने राज्य में ऊर्जा कुशलता प्रोजेक्टों को लागू करने में उद्योगों और एम. एस. एम. इज. की अहमीयत और शमूलियत के बारे विचार-विमर्श किया जिससे राज्य की आर्थिकता को और बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने सुझाव दिया कि वित्तीय संस्थान राज्य में ऐसे प्रोजेक्टों को लागू करने के लिए अपेक्षित सहायता प्रदान करें।

डायरैक्टर बी. ई. ई. श्री एस. के. खंडारे ने केंद्र और प्रांतीय स्तर पर उद्योगों और एम. एस. एम. इज़. में ऊर्जा कुशलता के महत्व को उजागर करते हुये नवीनतम ऊर्जा कुशल प्रौद्यौगिकी को लागू करने पर ज़ोर दिया। उन्होंने उद्योगों और एम. एस. एम. ई. में निवेश की संभावना के बारे भी रौशनी डाली, जिससे प्रांतीय स्तर पर बुनियादी ढांचे को और मज़बूत किया जा सकता है।

नये मौके प्रदान

उन्होंने कहा कि उद्योग, परिवहन, इमारतें और कृषि क्षेत्रों की गतिशीलता आज नये मौके प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा धीरे-धीरे सप्लाई की बजाय माँग के द्वारा संचालित हो रही है। उन्होंने उद्योगों और एम. एस. एम. इज़. में ऊर्जा कुशलता सम्बन्धी गतिविधियों और उपायों को लागू करने के लिए प्रोजैक्ट लागू करने और फंडिंग करने वाली एजेंसियों के बीच तालमेल और ज्ञान के अंतर को दूर करने संबंधी भी चर्चा की।

पेडा के डायरैक्टर श्री एम. पी. सिंह ने कहा कि पेडा की तरफ से साफ़-सुथरी और कुदरती ऊर्जा के प्रयोग को उत्साहित करने के लिए ऊर्जा क्षेत्र की नवीनतम रणनीतियों को व्यवहारिक रूप देने के लिए ठोस यत्न किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पेडा की तरफ से विद्युत वाहनों (ई. वी.) और हाईड्रोजन के प्रयोग जैसी नवीनतम प्रौद्यौगिकी की संभावनाएं तलाशने के लिए योजना बनाई जा रही है जिससे परिवहन और औद्योगिक क्षेत्र में ऊर्जा की माँग को कुदरती ऊर्जा के साथ पूरा किया जा सके। इससे ग्रीन हाऊस गैसों के निकास को घटाने में मदद मिलेगी। उन्होंने इस समागम में शिरकत करने वालों का धन्यवाद किया।


इस वर्कशॉप में अतिरिक्त डायरैक्टर पेडा श्री जसपाल सिंह, प्रोजैक्ट इंजीनियर बी. ई. ई. श्री रविन्द्र यादव और भारत के अलग-अलग उद्योगों और एम. एस. एम. इज़. के प्रतिनिधियों ने भी शिरकत की।

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