India's organic farming exports to reach Rs 20000 crore in next three years

अगले तीन वर्षों में भारत का ऑर्गेनिक फार्मिंग निर्यात 20,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा : पीयूष गोयल

India's organic farming exports to reach Rs 20000 crore in next three years

India's organic farming exports to reach Rs 20000 crore in next three years

India's organic farming exports to reach Rs 20000 crore in next three years- नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि अगले तीन वर्षों में ऑर्गेनिक फार्मिंग का कुल निर्यात मूल्य 20,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 78वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण के दौरान दुनिया भर में ऑर्गेनिक फार्मिंग के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला था। साथ ही, व्यक्तिगत स्वास्थ्य पर और मिट्टी के पोषक तत्वों को बहाल करने को लेकर ऑर्गेनिक फार्मिंग के दूरगामी लाभों के बारे में बताया था।

राष्ट्रीय राजधानी में नेशनल प्रोग्राम फोर ऑर्गेनिक प्रोडक्शन (एनपीओपी) के 8वें एडिशन के लॉन्च पर बोलते हुए, केंद्रीय मंत्री गोयल ने एक डेडिकेटेड एनपीओपी पोर्टल के साथ-साथ 'ऑर्गेनिक प्रमोशन पोर्ट्ल' पेश किया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "सस्टेनेबल फार्मिंग प्रैक्टिस के रूप में जैविक खेती देश में पानी की कमी और उर्वरकों-कीटनाशकों के अत्यधिक इस्तेमाल से निपटने में मदद करेगी, जो मिट्टी की गुणवत्ता और फसल की पैदावार को नुकसान पहुंचाते हैं।"

खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में किसानों के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, "जैविक खेती देश के लिए प्राथमिकता बन गई है और इसे दुनिया भर में खेती का एक मूल्यवान तरीका माना जाएगा। जैविक खेती अपनाने वाले किसानों ने पैदावार और आय में वृद्धि देखी है।"

इस कार्यक्रम में ट्रेसनेट 2.0 को भी पेश किया गया, जो कि निर्बाध संचालन और विनियामक निगरानी के लिए बेहतर टूल्स के लिए अपग्रेडेड ऑनलाइन ट्रेसेबिलिटी सिस्टम है।

एग्री एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स के हितधारकों के लाभ के लिए बेहतर यूजर एक्सपीरियंस और जानकारी के साथ दोबारा डिजाइन किए गए एपीडा पोर्टल का भी प्रदर्शन किया गया।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य प्राप्त करने के लिए जैविक उत्पादों की पैकेजिंग और मार्केटिंग पर जोर देने की आवश्यकता है।