भारत के दूध उत्पादन में 10 वर्षों में 63.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी, वैश्विक उत्पादन में देश की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी
- By Vinod --
- Tuesday, 25 Mar, 2025

India's milk production increased by 63.6 percent in 10 years
India's milk production increased by 63.6 percent in 10 years- नई दिल्ली। भारत का दूध उत्पादन पिछले 10 वर्षों में 63.56 प्रतिशत बढ़कर 2014-15 में 146.3 मिलियन टन से 2023-24 के दौरान 239.2 मिलियन टन हो गया है, जिसकी वार्षिक वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत है। जबकि विश्व दूध उत्पादन 2 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से बढ़ रहा है। यह जानकारी मंगलवार को संसद में दी गई।
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री एस.पी. सिंह बघेल ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा, "देश में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता पिछले एक दशक में 48 प्रतिशत बढ़ी है, जो वर्ष 2023-24 के दौरान 471 ग्राम/व्यक्ति/दिन से भी अधिक है, जबकि विश्व में प्रति व्यक्ति उपलब्धता 322 ग्राम/व्यक्ति/दिन है।
भारत 1998 से दूध उत्पादन में पहले स्थान पर है और अब वैश्विक दूध उत्पादन में 25 प्रतिशत का योगदान देता है।
राज्य मंत्री एस.पी. सिंह बघेल ने डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं की भी जानकारी दी।
मंत्री ने कहा कि केंद्र के राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) को पूरे देश में लागू किया जा रहा है, ताकि राज्य सरकारों द्वारा दूध उत्पादन और दूध प्रोसेसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए किए गए प्रयासों को सफल किया जा सके।
एनपीडीडी का घटक 'ए' डेयरी क्षेत्र में राज्य सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों के लिए क्वालिटी मिल्क टेस्टिंग इक्विपमेंट के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण और मजबूती पर केंद्रित है।
'सहकारिता के माध्यम से डेयरी' योजना के घटक 'बी' का उद्देश्य संगठित बाजारों तक किसानों की पहुंच बढ़ाकर, डेयरी प्रोसेसिंग सुविधाओं और मार्केटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने के साथ ही उत्पादक-स्वामित्व वाली संस्थाओं की क्षमता बढ़ाकर दूध और डेयरी उत्पादों की बिक्री बढ़ाना है।
उन्होंने आगे बताया कि पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ) का क्रियान्वयन व्यक्तिगत उद्यमियों, डेयरी सहकारी समितियों, किसान उत्पादक संगठनों, निजी फर्मों, एमएसएमई और धारा 8 कंपनियों द्वारा पशुपालन क्षेत्र में प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन के लिए निवेश हेतु स्थापित पात्र परियोजनाओं की फंडिंग के लिए किया जा रहा है।
इस योजना के तहत डेयरी प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन इंफ्रास्ट्रक्चर, पशु आहार विनिर्माण संयंत्र, नस्ल सुधार टेक्नोलॉजी और ब्रीड मल्टीप्लिकेशन फार्म, पशु अपशिष्ट से धन प्रबंधन (कृषि अपशिष्ट प्रबंधन) और पशु चिकित्सा टीका और औषधि उत्पादन सुविधाओं की स्थापना के लिए ऋण सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी हैं।
गोजातीय पशुओं के दूध उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए सरकार देशी नस्लों के विकास और संरक्षण के लिए 'राष्ट्रीय गोकुल मिशन' को क्रियान्वित कर रही है।
नेशनल लाइव स्टॉक मिशन (एनएलएम) की शुरुआत उद्यमिता विकास और मुर्गी पालन, भेड़, बकरी और सुअर पालन में नस्ल सुधार पर विशेष ध्यान देने के लिए की गई है।
इसके तहत उद्यमिता विकास के लिए व्यक्ति, एफपीओ, एसएचजी, सेक्शन 8 कंपनियों और नस्ल सुधार के लिए राज्य सरकार को प्रोत्साहन दिया जाएगा।