India's growth rate is getting momentum due to soft monetary policy and right fiscal policy

मौद्रिक नीति में नरमी और सही राजकोषीय नीति से भारत की विकास दर को मिल रही रफ्तार: मॉर्गन स्टेनली 

India's growth rate is getting momentum due to soft monetary policy and right fiscal policy

India's growth rate is getting momentum due to soft monetary policy and right fiscal policy

India's growth rate is getting momentum due to soft monetary policy and right fiscal policy- नई दिल्ली। पूंजीगत व्यय और खपत का समर्थन करने वाली सही मौद्रिक नीति और कम होती ब्याज दरों, बढ़ती लिक्विडिटी एवं रेगुलेशन में ढील देने के कारण मौद्रिक नीति में आई नरमी से भारत की विकास दर को रफ्तार मिल रही है। यह जानकारी मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में दी।  

वैश्विक वित्तीय फर्म ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सर्विस निर्यात में तेजी आना जॉब मार्केट के लिए सकारात्मक संकेत है। इससे विकास दर को बढ़ाने में मदद मिल रही है।

रिपोर्ट में बताया गया कि दिसंबर तिमाही का जीडीपी आंकड़ा हमारे नजरिए को सही सिद्ध करता है और दिखाता है कि ग्रोथ वापस से तेज हो रही है।

जनवरी और फरवरी के हाई फ्रीक्वेंसी इंडीकेटर्स मिलाजुला संकेत देते हैं। यह दिखाता है कि धीरे-धीरे रिकवरी हो रही है।

अग्रिम अनुमान के अनुसार, मार्च तिमाही की अनुमानित वृद्धि 7.6 प्रतिशत है, लेकिन हमारा मानना ​​है कि वृद्धि संभवतः 6.7 प्रतिशत से कम रहेगी।

रिपोर्ट में अनुमान जताया गया कि वृद्धि दर वित्त वर्ष 25 में 6.3 प्रतिशत पर रह सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया कि वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही के लिए, आंतरिक आंकड़े बताते हैं कि सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि मुख्य रूप से निजी खपत और सरकारी खपत (सरकारी खर्च में वृद्धि) दोनों में मजबूती के कारण हुई।

इस दौरान निजी खपत में सालाना आधार पर 6.9 प्रतिशत का इजाफा देखा गया। वहीं, सरकारी खपत में सालाना आधार पर 8.3 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो कि पिछली पांच तिमाही की उच्चतम वृद्धि दर है।

रिपोर्ट में बताया गया कि इंडस्ट्री में अक्टूबर से दिसंबर की अवधि में विनिर्माण गतिविधि और बिजली, गैस और खपत में वृद्धि हुई, जबकि निर्माण गतिविधि की गति पिछली तिमाही की तुलना में धीमी रही।

सर्विस सेक्टर में वृद्धि का नेतृत्व व्यापार, होटल, परिवहन और संचार सेवाओं ने किया, जिसे हॉलिडे सीजन से सपोर्ट मिला; जबकि अन्य की स्थिति पिछली तिमाही समान ही थी।