हरियाणा में पहलवान योगेश्वर दत्त ने BJP से मांगी टिकट; कहा- गोहाना सीट से चुनाव लड़ने का मौका मिले, ओलंपिक मेडलिस्ट
Indian Wrestler Yogeshwar Dutt Demands BJP Ticket From Gohana News
Wrestler Yogeshwar Dutt: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट किसी भी समय जारी कर सकती है। लेकिन इससे पहले अंदरूनी घमासान को भी कंट्रोल करना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती है। टिकट न मिलने से दावेदार बिफर सकते हैं। बीजेपी नेता और ओलंपिक मेडलिस्ट पहलवान योगेश्वर दत्त ने भी दावेदारी ठोकते हुए टिकट की डिमांड कर दी है। योगेश्वर दत्त ने बीजेपी के सामने विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है।
गोहाना सीट से टिकट चाहते हैं योगेश्वर दत्त
पहलवान योगेश्वर दत्त ने सोनीपत जिले में गोहाना विधानसभा सीट से टिकट मांगी है। दत्त ने कहा- मैंने मुख्यमंत्री व केंद्रीय नेतृत्व से गोहाना सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है। मैं पहले भी भाजपा से चुनाव लड़ा हूं, मैं चाहता हूं कि इस बार मुझे गोहाना से लड़ने का मौका मिले। मैं एक खिलाड़ी रहा हूं और ओलंपिक मेडलिस्ट हूं। मुझे चुनाव लड़ने का मौका दिया जाये। मालूम रहे कि, योगेश्वर दत्त सितंबर 2019 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे।
पहलवान योगेश्वर दत्त ने गोहाना से ही टिकट क्यों मांगी?
दरअसल, योगेश्वर दत्त का गोहाना से खास लगाव है क्योंकि यह उनकी जन्मभूमि है। दत्त का जन्म हरियाणा के सोनीपत जिले के भैंसवाल कलां गांव में हुआ था। उनका गांव गोहना विधानसभा के अंतर्गत ही आता है। इसीलिए योगेश्वर दत्त ने गोहाना सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है क्योंकि यह क्षेत्र उनकी राजनीति और व्यक्तिगत जुड़ाव का केंद्र है। गोहाना की जनता के बीच योगेश्वर दत्त की अच्छी खासी पहचान और लोकप्रियता है।
गोहाना सीट पर कांग्रेस का राज कायम
सोनीपत जिला कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है और कांग्रेस गढ़ वाले इसी सोनीपत में गोहाना सीट है। कांग्रेस यहां से लगातार पिछले चार चुनाव जीतती आ रही है। 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के जगबीर सिंह मलिक ने गोहना विधानसभा सीट से जीत की हैट्रिक लगाई थी। जगबीर सिंह मलिक 2009 से लगातार यहां से विधायक हैं। वहीं 2005 में भी कांग्रेस के ही धर्मपाल सिंह मलिक ने गोहना से जीत हासिल की थी।
बजरंग पूनिया से हो सकता है मुकाबला
पहलवान योगेश्वर दत्त के खिलाफ बजरंग पूनिया राजनीति में कदम रखते नजर आ सकते हैं और कांग्रेस का चेहरा बन सकते हैं। वह पहलवान योगेश्वर दत्त के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर सकते हैं दरअसल, विनेश फोगाट के राजनीति में आने को लेकर चर्चाएं गर्म हैं। कहा जा रहा है कि, कांग्रेस की टिकट पर विनेश फोगाट चुनावी मैदान में उतर सकती हैं और अपनी चचेरी बहन और राष्ट्रमंडल खेलों की कुश्ती पदक विजेता बबीता फोगाट के खिलाफ ताल ठोंक सकती हैं। जहां विनेश के साथ ही पूनिया के भी राजनीति में आने की चर्चाएं चली हुईं हैं।
हरियाणा में 1 फेज में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग
हरियाणा में 16 अगस्त को विधानसभा चुनाव-2024 को लेकर शेड्यूल जारी किया जा चुका है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव एक फेज में होगा। हरियाणा में 5 सितंबर को नामांकन के लिए अधिसूचना जारी की जाएगी। जिसमें नामांकन की लास्ट डेट 12 सितंबर होगी। वहीं चुनाव के लिए दाखिल नामांकनों की छटनी 13 सितंबर को की जाएगी. जबकि 16 सितंबर तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकेंगे। वहीं हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 1 अक्टूबर को होगी। जबकि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव का रिजल्ट एकसाथ 4 अक्टूबर को डिक्लेयर किया जाएगा।
हरियाणा में कितने पोलिंग स्टेशन और कितने वोटर
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जानकारी दी है कि, हरियाणा के 22 जिलों में कुल 90 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी। इन 90 सीटों में 73 जनरल, 0 ST और 17 SC सीटें हैं। वहीं हरियाणा में कुल वोटरों की संख्या 2.01 करोड़ है। इन कुल वोटरों में 1.06 करोड़ पुरुष और 0.95 करोड़ महिला वोटर शामिल हैं।
वहीं हरियाणा में युवा वोटरों (उम्र-20 से 29) की संख्या 40.95 लाख है। जबकि फ़र्स्ट टाइम वोटरों (उम्र-18 से 19) की संख्या 4.52 लाख है। इसके साथ ही पीडबल्यूएस, बुजुर्ग और थर्ड जेंडर वोटर भी शामिल हैं। इसके अलावा हरियाणा में 10 हजार 495 लोकेशन पर 20 हजार 629 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। जहां लोग वोट डालने के लिए आएंगे।
हरियाणा में इस बार जल्दी विधानसभा चुनाव
हरियाणा में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 को समाप्त होने वाला है। यानि हरियाणा में मौजूदा सरकार का कार्यकाल 3 नवंबर, 2024 को समाप्त हो जाएगा। हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटों पर पिछला विधानसभा चुनाव साल 2019 में हुआ था। तब चुनाव आयोग ने 27 सितंबर को चुनावी नामांकन के लिए अधिसूचना जारी की थी और 4 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल किए गए थे। वहीं 7 अक्टूबर नामांकन वापस लेने की तिथि थी। जबकि 2019 में हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 21 अक्टूबर को हुई थी। जिसके बाद 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव में पड़े वोटों की गिनती की गई और रिजल्ट डिक्लेयर कर दिया गया था।
किसी भी पार्टी को नहीं मिला था बहुमत
2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत हासिल नहीं हुआ था। हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों में बहुमत के लिए किसी पार्टी को अकेले दम पर 46 सीटों की जरूरत होती है। लेकिन रिजल्ट के बाद सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने 40 सीटें जीतीं, कांग्रेस ने 31 सीटें, जेजेपी ने 10 और अन्य ने 9 सीटें हासिल की थी। जिसके बाद बीजेपी और जेजेपी ने आपस में गठबंधन किया और राज्य में सीएम मनोहर लाल के नेतृत्व में गठबंधित सरकार चलाई। इस दौरान जेजेपी प्रधान महासचिव दुष्यंत चौटाला हरियाणा के डिप्टी सीएम रहे।
लेकिन यह गठबंधित सरकार इस साल लोकसभा चुनाव से पहले बिखर गई। 12 मार्च को बीजेपी ने जेजेपी से गठबंधन तोड़ लिया और इसके साथ ही मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद उसी दिन नायब सिंह सैनी ने सरकार बनाने के लिए तय विधायकों की संख्या के हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इस समय नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा में बीजेपी सरकार है। वहीं इस बार के हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी कांग्रेस, जेजेपी और आप के बीच चौतरफा मुकाबला होने की संभावना है। उधर इनेलो भी इस बार पूरी दमखम के साथ मैदान में है।
इनेलो और मायावती की बीएसपी पार्टी गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में उतरे हैं। इस बार देखना यह होगा हरियाणा की जनता किस पार्टी को सत्ता में बैठाती है। ज्ञात रहे कि, हरियाणा लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ा झटका लग चुका है। 2019 के लोकसभा चुनाव में जहां बीजेपी ने राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतीं थीं तो वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 5 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। ये सीटें कांग्रेस के खाते में गईं। जिसे 2019 में एक भी लोकसभा सीट नहीं मिली थी।