भारतीय शार्ट फिल्म 'बूटस्पेस' ने कान्स में जीता 'बेस्ट वीमेन फिल्म' का अवार्ड
- By Kartika --
- Friday, 02 Jun, 2023
Indian Short Film Bootspace won award at Cannes Film Festival
भारतीय सिनेमा के लिए है गौरव का क्षण
चंडीगढ़ : 2 जून, 2023 : (कार्तिका सिंह/अर्थ प्रकाश) :: कांन्स फिल्म फेस्टिवल, जहाँ दुनिया भर के तमाम मशहूर सितारे, विभिन्न डिजाइनर्स के बनाये हुए ड्रेसेस को रेड कार्पेट पर प्रदर्शित करते हैं। वहीं उस रेड कारपेट के दूसरी तरफ़ दुनिया भर की उन चुनिंदा फिल्मों की स्क्रीनिंग की जाती है, जिसे कांन्स फेस्टिवल की ज्यूरी द्वारा चुना जाता है। इन फिल्मों को फिल्मों के लिए समर्पित विश्व प्रसिद्ध कलाकार, निर्देशक, स्टोरी-राइटर, तथा फिल्म की तकनीकी बारीकियों से जुड़े लोग उन्हें पैनल अथवा ज्यूरी के तौर पर जज करते हैं। उनमें से फिर अलग-अलग केटेगरी में फिल्मों को अलग-अलग अवार्डस से नवाज़ा जाता है। इस फेस्टिवल में भारत की कई फिल्मों ने भी ख्याति पाई है।
इस साल 2023 में भी भारत की तरफ से कुछ चुनिंदा फिल्में कांन्स फिल्म फेस्टिवल में भेजी गई।
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के हरजीत सिंह द्वारा निर्मित एवं निर्देशित है फ़िल्म 'बूटस्पेस'
उन चुनिंदा फिल्मों में से बेस्ट वीमेन फिल्म का अवार्ड मिला है, हरजीत सिंह द्वारा निर्मित एवं निर्देशित शॉर्टफिल्म "बूट स्पेस" को। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में एनीमेशन डिपार्टमेंट में बतौर प्रोफेसर कार्यरत हरजीत सिंह, पेशे से ज़रूर अध्यापन से जुड़े हुए हैं, लेकिन दिल-ओ-दिमाग से वह फिल्मकार हैं। पिछले 10 सालों से फिल्मों से जुड़े हरजीत सिंह, यूनिवर्सिटी में भी फिल्म फेस्टिवलज़ और म्यूजिक फेस्टिवल्सज़ का आयोजन भी करवाते रहते हैं।
रेप के जख्मों से जूझती लड़की की है कहानी
ये फिल्म उन्होंने एवं उनकी टीम ने कम बजट के साथ ही, लोकेशन और मौसम की तमाम दिक्कतों को झेलते हुए, अपने होंसलों को बुलंद रखते हुए बनाई। इन होंसलों के साथ ही आज उनकी मेहनत रंग लाई है और कांन्स फिल्म फेस्टिवल की ज्यूरी ने उनकी मेहनत को पहचाना है। 'बूटस्पेस' दरअसल एक ऐसी लड़की की कहानी है, जिस के साथ हर बार अलग-अलग मर्दों द्वारा, बार-बार रेप किया जाता है। उस लड़की के शरीर के साथ ही उसके ज़ेहन पर पड़े जख्मों को पर्दे पर बड़े मार्मिक अंदाज़ में पेश किया गया है। इसकी शूटिंग ज़्यादातर पहाड़ी इलाकों में हुई। और 3D इफेक्ट्स का प्रयोग भी इस में किया गया।
इस सफलता का धन्यवाद करने के लिए हरजीत सिंह जी द्वारा बाबा मुराद शाह की दरगाह में माथा भी टेका गया। भारत की किसी फिल्म द्वारा किसी इंटरनेशनल स्टार के फिल्म फेस्टिवल में अवार्ड जीतना अपने आप में एक गौरवपूर्ण बात है। जहाँ एक तरफ भारतीय सिनेमा को विश्व स्तर की पहचान मिलती है, वहीँ दूसरी तरफ़ उभरते हुए फिल्म-मेकर्स और कलाकारों को भी अपनी कला और प्रतिभा को विश्व स्तर के लिए उभरने का मौका मिलता है।