रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच इंडियन एयरफोर्स दिखाएगी 'वायु शक्ति', पोखरण में 7 मार्च को होगा युद्धाभ्यास
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच इंडियन एयरफोर्स दिखाएगी 'वायु शक्ति', पोखरण में 7 मार्च को होगा युद्धाभ्यास
नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन जंग (Russia-Ukraine War) के बीच आने वाली 7 मार्च को भारत अपनी वायु-शक्ति का प्रदर्शन करने जा रहा है. भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के इस वायु शक्ति अभ्यास के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) होंगे. इस दौरान पीएम मोदी एक टारगेट फिक्स करेंगे, जिसे भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान (Fighter Plane) ध्वस्त करेंगे. खास बात ये है कि इस वायु शक्ति अभ्यास में राफेल समेत करीब 150 विमान हिस्सा लेंगे और आसमान में अपना युद्ध कौशल दिखाएंगे. इससे पहले भारतीय वायु सेना का ये अभ्यास साल 2019 में हुआ था. इस बार जैसलमेर के पोखरण रेंज में वायु सेना के 150 विमान 7 मार्च को आसमान में अपने जौहर दिखाकर दुनिया में अपनी वायु शक्ति का प्रदर्शन करेंगे.
भारतीय वायु सेना के मुताबिक, हर तीन साल में पोखरण रेंज में वायु सेना युद्ध अभ्यास करती है. इस बार इस अभ्यास में राफेल समेत 150 विमानों में से 109 लड़ाकू विमान इसमें हिस्सा लेने जा रहे हैं. इस अभ्यास को लेकर वायु सेना ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है. वायुसेना के वाईस एयर चीफ मार्शल संदीप सिंह ने बताया कि वायु शक्ति अभ्यास 2022 में लड़ाकू विमान जगुआर, राफेल, सुखोई-30, मिग-29, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस, मिग21 बिसन, हॉक32, एम200 शामिल होंगे, वहीं ग्लोब मास्टर समेत कई विमान भी अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेंगे. इस अभ्यास में परिवहन विमान सी-17 और सी-130 जे हरक्यूलिस, चिनोक और एमआई 17 V5, एमआई 35, अपाचे भी भाग लेंगे. आकाश मिसाइल प्रणाली और स्पाइडर मिसाइल प्रणाली की क्षमताओं को भी प्रदर्शन किया जाएगा.
तमाम तरह के आधुनिक हथियारों से लैस राफेल लड़ाकू विमान में एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है और यह एक 4.5 जेनरेशन (4.5 Generation) वाला लड़ाकू विमान है. राफेल लड़ाकू विमानों में 74 किलो न्यूटन के थ्रस्ट वाले दो एम88-3 साफ्रान इंजिन दिए गए हैं. ये फाइटर जेट एक-दूसरे की उड़ान के दौरान मदद कर सकते हैं. राफेल फाइटर जेट एक विमान से दूसरे विमान को ईंधन देने में भी सक्षम होते हैं. राफेल करीब 2,222.6 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार और 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है.
यह एक बार में लगभग 3,700 किलोमीटर तक बढ़ सकता है, और इस रेंज को मिड-एयर रीफ्यूलिंग (Mid-Air Refuelling) के साथ बढ़ाया भी जा सकता है. राफेल एक बार में कई तरह की मिसाइलें ले जा सकते हैं. यह हवा-से-हवा में मार करने वाली एक मिसाइल है, जो तकरीबन 150 किमी दूर से दुश्मन के विमानों को निशाना बना सकती है. इससे पहले की दुश्मन के विमान भारतीय विमानों के करीब पहुंचे, यह मिसाइल उनका विमानों को नष्ट कर सकती है. राफेल में मौजूद यह मिसाइल प्रणाली हवा-से-हवा में मार करने वाली प्रणाली है और इससे 100 किलोमीटर दूरी तक फायर किया जा सकता है.