पिता इस यूनिवर्स की सबसे बड़ी शक्ति : वसंत विजयानंद गिरी जी महाराज

Vasant Vijayanand Giri Ji Maharaj
पांडे परिवार को दिया पूज्यपाद जगद्गुरु ने आशीर्वाद, जगद्गुरु 18 को बिलासपुर एवं 23 को उज्जैन में..
हल्द्वानी। Vasant Vijayanand Giri Ji Maharaj: परमहंस परिव्राजकाचार्य अनन्त श्री विभूषित कृष्णगिरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु 1008 परम पूज्यपाद श्री वसन्त विजयानन्द गिरी जी महाराज ने कहा कि एक बच्चे के लिए पिता इस यूनिवर्स की सबसे बड़ी शक्ति होते है। वे चाहे परमपिता परमात्मा हो, जन्म देने वाले पिता हो, अथवा गुरु स्वरूप पिता हो। वे यहां हेमंत पांडे परिवार के निवास पर कृपामय आशीर्वाद देने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि पिता का सदैव आत्मीय भाव से मान सम्मान करना चाहिए। साथ ही पिता के रूप में उन्हें प्राउड फील हो ऐसा ही काम होना चाहिए। पिता के प्रति ऐसा ग्रेटीट्यूड होने पर व्यक्ति को वेल्थ, हेल्थ एवं हैप्पीनेस मिलता ही है। कुल मिलाकर इस यूनिवर्स की यश, कीर्ति अर्थात समस्त खुशियों को भी दिलाता है। वे बोले, इसमें भी नकारात्मकता को व्यक्ति को त्यागना होगा, यदि सकारात्मक ही रहे तो असीमित वाइब्रेशन हमें आगे बढ़ाने में मदद करती है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में व्यक्ति मेहनत खूब करता है लेकिन पिता पर विश्वास नहीं करता है ऐसे में यूनिवर्स की अदृश्य शक्तियों पर विश्वास भी जरूर करना चाहिए। इस दौरान उन्होंने अपने प्रेरणादाई आशीर्वचनों में यह भी कहा कि संतों का, गुरु का यही काम है कि भक्त के जीवन को प्रकाशमय कर दे अर्थात् रोशनी से भर दे। पूज्य गुरुदेवश्रीजी ने कहा कि जो संतों के चरणों में रहते हैं नैतिक व श्रेष्ठ हो जाते हैं उन्हें स्वत: मार्गदर्शन मिल ही जाता है। इस मौके पर श्रीमती हेमा, नीलांस, लिजा, सहित बड़ी संख्या में गुरुभक्त मौजूद रहे। श्री पार्श्व पद्मावती शक्तिपीठ तीर्थ धाम कृष्णगिरी तमिलनाडु के हल्द्वानी चैप्टर प्रमुख हेमंत पांडे ने बताया कि पूज्य पाद जगद्गुरु श्री वसंत विजयानंद गिरी जी महाराज आगामी 18 अप्रैल को छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर प्रवास पर रहेंगे। इस दौरान श्री चक्र महामेरु पीठाधीपति श्री सच्चिदानंद तीर्थ महास्वामीजी महाराज के निमंत्रण पर राजगोपुरम स्थित श्री राजराजेश्वरी मंदिर के भूमिपूजन समारोह में दिव्य सानिध्य प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि इसके बाद पूज्य गुरुदेवश्रीजी मध्य प्रदेश स्थित बाबा श्री महाकाल की नगरी उज्जैन में निर्माणाधीन श्री रत्नेश्वर महादेव मंदिर में 23 अप्रैल को विशेष समय मुहूर्त में विश्व के सबसे विशाल एवं बड़े 3200 किलो की अष्टधातु से निर्मित भगवान गणपतिजी के विग्रह प्रतिमा का प्रवेश कराएंगे। इसके बाद 29 अप्रैल तक भक्त वत्सल जगद्गुरु श्रीजी देवी अहिल्याबाई की पावन नगरी इंदौर प्रवास पर रहेंगे।