दान पुण्य से मिटेगा पाप, मिलेगी खुशी व होगा जगत उद्धार: जगद्गुरुदेव वसंत विजयानंद गिरी जी महाराज

Jagadgurudev Vasant Vijayanand Giri Ji Maharaj
अनेक राजनेता, उद्योगपति, गुरु भक्तों सहित सीनियर आईएएस मनोज जैन ने लिया शक्तिपीठाधीपति का आशीर्वाद
बेंगलूरु। Jagadgurudev Vasant Vijayanand Giri Ji Maharaj: हिंदू सनातन परंपरा एवं साधु संत समुदाय में वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े पद पर आरूढ़ हुए परमहंस परिव्राजकाचार्य अनन्त श्री विभूषित कृष्णगिरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु 1008 परम पूज्यपाद श्री वसन्त विजयानन्द गिरी जी महाराज ने कहा कि उनकी निश्रा में कोई दरबार नहीं लगता है, उनका एकमात्र ध्येय जन कल्याण है। अंतराष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रहित में गौ सेवा, वृद्धाश्रम, अनाथ आश्रम, युवाओं को सही मार्गदर्शन सहित मोक्ष अर्थात शमशान भूमियों तक पर सुदृढ़ व्यवस्थाएं हो इस हेतु सक्षम लोगों के माध्यम से दान, धर्म, कर्म पुण्य की प्रेरणा प्राथमिकता में रहती है। यहां फूलों की नगरी बेंगलूरु के हनुमंत नगर क्षेत्र में योगा अंजनैया टेंपल के समीप मातृछाया में नौ दिवसीय विशेष जाप साधना आराधना एवं हवन यज्ञ महा महोत्सव में अपनी दिव्य दृष्टि एवं मंत्र शक्तिपात से सैकड़ों लोगों को रोग मुक्त कर उनकी दुख पीड़ा मिटाने वाले जगद्गुरु श्री वसंत विजयानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि जगत उद्धार में दान पुण्य कराने व करने में जो खुशी मिलती है वह अकल्पनीय होती है। सर्व धर्म दिवाकर पूज्य गुरुदेवश्रीजी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति, जीव अथवा प्राणी की दैवीय शक्तियों से दुख तकलीफों के इलाज अथवा पूर्णतया निदान में उनका किसी भी रूप में कोई स्वार्थ नहीं रहता है। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस धरा पर गुरु को ही परमात्म स्वरुप बताया गया है। सच्चे साधक संत गुरु के दिल में समर्पित सेवा भाव रूपी भक्ति से जगह बनाकर संसार की हर खुशी प्राप्त कर सकते हैं। आयोजन स्थल पर हो रहे अद्भुत दिव्य हवन महायज्ञ में विभिन्न दुर्लभ बीज मंत्रों के उच्चारण से दी जाने वाली आहुतियां के दौरान मंत्रों की तरंगों का कंपन व्यक्ति के रुके हुए कार्यों में अनुकूलता प्रदान करते है। साथ ही शरीर के कष्टों के परमाणुओं को नष्ट कर सभी दोषों को भी दूर करता है। पाताल लोक की महारानी, जगत जननी, राज राजेश्वरी देवी मां पद्मावती एवं भैरव देव के सिद्ध साधक जगद्गुरुदेव श्री वसंत विजयानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि भक्ति की तरंग आने पर कृपा की तरंग भी अतुलनीय एवं असंख्य अणुओं के साथ लाभान्वित करती है। प्रसंगवश अपने प्रेरणादाई संदेश में उन्होंने यह भी कहा कि व्यक्ति के लिए अपनी परिपक्व जीवन शैली में सेटिस्फेक्शन जरूरी होना चाहिए। मान अपमान में अभिमान अथवा भय का स्थान नहीं रहना चाहिए। वर्तमान परिपेक्ष में बच्चों अभिभावकों एवं बुजुर्गों के विचारों में निरंतर परिवर्तन हो रहा है। ऐसे में बदले हुए जमाने को सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए डाइजेस्ट भी करना होगा। लोहित सी गांधी ने बताया कि प्रतिदिन जप साधना आराधना के क्रम के साथ शाम के सत्र में काशी के विद्वान पंडितों द्वारा हवन यज्ञ में आहुतियां दी जा रही है। गुरुभक्त एवं डीआरयूसीसी मेंबर अश्विन सेमलानी ने बताया कि इस दौरान सीनियर आईएएस प्रिंसिपल सेक्रेटरी फूड एंड सिविल मनोज जैन, ऑल इंडिया श्वेतांबर स्थानकवासी जैन कांफ्रेंस के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र आंचलिया, बीजेपी राजस्थान प्रवासी प्रकोष्ठ कर्नाटक के सहसंयोजक भरत जैन, एबीवीपी स्टेट ट्रेजरर विनय जादव, एबीवीपी ट्रस्टी प्रेम बोहरा, चिकबल्लापुर के मशहूर जमींदार समाजसेवी रमेश कुमार सहित अनेक श्रद्धालु गुरु भक्तों ने जगद्गुरुदेव के समक्ष शीश नवा कर आशीर्वाद लिया। अमित चंदूलाल गांधी, पुनीत कुमार, दीपक सेठिया, रमेश मुथा, बंसीलाल पितलिया, श्यामदास वैष्णव, विनीत कुमार सहित अनेक गुरु भक्तों ने अतिथियों का स्वागत सत्कार भी किया। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यूट्यूब चैनल थॉट योगा पर लाइव किया गया।