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हार गए अरविंद केजरीवाल; दिल्ली चुनाव में जनता से बड़ा झटका, नई दिल्ली से बीजेपी के प्रवेश वर्मा जीते, कितने वोटों का अंतर रहा?

Arvind Kejriwal Lost New Delhi

Arvind Kejriwal Lost Election From New Delhi Constituency Parvesh Verma Win

Arvind Kejriwal Lost Election: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव हार गए हैं। इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल को पटखनी दी। प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल को लगभग 4000 वोटों के अंतर से हराया। बता दें कि, जब सुबह इस सीट पर वोटों की गिनता खुली थी तो भी पहले राउंड में केजरीवाल दूसरे नंबर पर थे। पहले नंबर पर बीजेपी उम्मीदवार प्रवेश वर्मा बढ़त बनाए हुए थे।

वहीं इसके बाद बीच में कुछ देर के लिए केवल 200 के करीब वोटों के अंतर से आगे हुए थे। लेकिन बीजेपी उम्मीदवार प्रवेश वर्मा लगातार केजरीवाल को टक्कर देते हुए पछाड़ते रहे। बहराल नई दिल्ली सीट के इस परिणाम से दिल्ली के 3 बार के सीएम और आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल अपनी साख नहीं बचा पाये और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। केजरीवाल 2013 में पहली बार नई दिल्ली सीट से ही विधायक बने थे। इसके बाद वह इसी सीट से 2015 और 2020 में भी विधायक बने।

जनता से 'ईमानदारी का सर्टिफिकेट' चाहते थे केजरीवाल

ज्ञात रहे कि, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के बाद अरविंद केजरीवाल पर भी दिल्ली शराब घोटाले का आरोप लगा। इसकी जांच में ईडी और सीबीआई दोनों ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की और उन्हें जेल भेजा। वहीं जेल जाने के बाद भी केजरीवाल सीएम बने रहे। इस बीच उनपर बीजेपी ने कई सवाल खड़े किए। हालांकि, करीब 6 महीने जेल में रहने और फिर सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद केजरीवाल ने 15 सितंबर 2024 को सीएम पद छोड़ने का ऐलान कर दिया. जिसने सबको चौंका दिया।

अरविंद केजरीवाल ने पिछले साल 17 सितंबर 2024 को दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा उपराज्यपाल को सौंपा था और साथ ही नए सीएम के लिए आतिशी के नाम सिफ़ारिश की थी। वहीं इसी के साथ केजरीवाल ने दिल्ली आम आदमी पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि, अब वह तभी सीएम की ज़िम्मेदारी संभालेंगे, जब आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में जनता उनके पक्ष में वोट देकर उनकी ईमानदारी पर भरोसा जताएगी और उन्हें ईमानदार साबित करेगी।

केजरीवाल का कहना था कि, अगर दिल्ली की जनता को लगता है कि केजरीवाल ईमानदार है तो जनता जमकर मेरे पक्ष में वोट करे। जिसके बाद ही मैं सीएम की कुर्सी पर जाकर बैठूंगा। अगर दिल्ली की जनता को लगता है कि केजरीवाल बेईमान है तो मैं एक मिनट भी सीएम की कुर्सी पर बैठने को तैयार नहीं हूं। अब फैसला जनता के हाथ में है। फिलहाल, 'जनता की अदालत' का फैसला न तो केजरीवाल के पक्ष में रहा और न ही उनकी पार्टी के पक्ष में। इस बार जनता ने बीजेपी को दिल्ली की सत्ता में वापस लाने का फैसला किया।

चौथी बार CM बनने की तैयारी में थे केजरीवाल

आम आदमी पार्टी ने साल 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में बहुमत से तीसरी बार सरकार बनाई थी। जिसके बाद अरविंद केजरीवाल लगातार तीसरी बार दिल्ली के सीएम बने थे। इससे पहले केजरीवाल दूसरी बार 2015 में दिल्ली के सीएम बने। वहीं 2013 में पहली बार सीएम बनने पर केजरीवाल ने लगभग 49 दिनों बाद पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं अब अरविंद केजरीवाल 2025 का दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतकर चौथी बार सीएम बनने की तैयारी में थे। लेकिन जनता ने उन्हें बड़ा झटका दे दिया।

2020 के चुनाव में AAP को 62 सीटें

2020 के पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 62 सीटें हासिल हुईं थीं। इस तरह से आम आदमी पार्टी ने हैट्रिक मारते हुए लगातार तीसरी बार बहुमत के साथ दिल्ली में अपनी सरकार बनाई थी। इसी के साथ केजरीवाल दिल्ली के तीसरी बार मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि आम आदमी पार्टी को 2015 के मुकाबले में 5 सीटों का नुकसान हुआ।

वहीं भारतीय जनता पार्टी को इतनी सीटों का फायदा हुआ था। लेकिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) सिर्फ 8 सीटों पर सिमटकर रह गई थी। जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस का एक बार फिर सूपड़ा साफ हो गया था और वह कोई भी सीट नहीं जीत सकी थी। दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों पर बहुमत का आंकड़ा 36 का है।

2015 के चुनाव में AAP को 67 सीटें

दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने सबसे पहले 2013 में अपनी सरकार बनाई थी। लेकिन यह सरकार ज्यादा दिन नहीं चल सकी और करीब 49 दिनों में केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लग गया। वहीं फिर 2015 में विधानसभा चुनाव हुआ।

इस चुनाव में आम आदमी पार्टी ने विधानसभा की 70 में से 67 सीटें जीतीं और केजरीवाल ने फिर से दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। वहीं इस चुनाव में BJP ने 3 सीटें जीती थीं। कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी।