अमेरिका से डिपोर्टेड भारतीयों पर विदेश मंत्री का संसद में बयान; जयशंकर बोले- अमेरिकी सरकार से बातचीत कर रहे, उनके साथ दुर्व्यवहार न हो

US Deported Indians

India External Affairs Minister Dr Jaishankar Statement on US Deported Indians

US Deported Indians: अमेरिका में अवैध तौर से रह रहे 104 भारतीयों का पहला जत्था 5 फरवरी को भारत पहुंच चुका है। अमेरिकी मिलिट्री विमान से इन सभी को अमृतसर में लाकर छोड़ दिया गया। वहीं साथ ही अमेरिका से लाये गए इन भारतीयों के हाथ-पैर जंजीर से बांधे गए थे। जंजीर से बांधकर ही इन्हें विमान में चढ़ाया गया। वहीं अमेरिका से भारत तक की लगभग 40 घंटे की यात्रा में इन्हें और भी कई तरह की बेहाली से गुजरना पड़ा।

रिपोर्ट्स में जानकारी मिल रही है कि, खाना खाने और वॉशरूम जाने तक में भारतीयों की जंजीर नहीं खोली गई। यह सब सामने आने के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष ने भी संसद में इस मुद्दे पर आक्रोश जताते हुए सरकार का जवाब मांगा है। अमेरिका के इस अमानवीय और अपमानजनक रुख पर देशवासियों का गुस्सा भी फूट पड़ा है।

वहीं विपक्ष की मांग पर केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने अमेरिका से डिपोर्टेड भारतीयों को लेकर राज्यसभा में विस्तृत बयान जारी किया है। जयशंकर ने कहा, "हम जानते हैं कि कल 104 लोग वापस भारत पहुंचे हैं। हमने उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि की है। वहीं डिपोर्टेशन कोई पहली बार नहीं हो रहा है। इसलिए हमें ऐसा नहीं समझना चाहिए कि यह कोई नया मुद्दा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो पहले भी होता रहा है। विदेशमंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में डिपोर्टेशन की गिनती भी सबके सामने रखी।

India External Affairs Minister Dr Jaishankar Statement on US Deported Indians

 

एजेंटों पर गिर सकती है गाज

अमेरिका की इस कार्रवाई के बाद उन एजेंटों पर बड़ी गाज गिर सकती है। जिनके जरिये ये भारतीय अवैध रूप से अमेरिका में दाखिल हुए। संसद में जयशंकर ने बयान दिया है कि, "अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे वापस लौटने वाले प्रत्येक व्यक्ति (अमेरिका से निर्वासित भारतीय) के साथ बैठें और पता लगाएं कि वे अमेरिका कैसे गए, उन्हें भेजने वाला एजेंट कौन था। साथ ही हम आगे इसमें कैसे सावधानी बरतें ताकि यह फिर न हो। इस सब पर ठोस कदम उठाए जायें। फर्जी तरीके से विदेश भेजने वाली इंडस्ट्री पर कड़ी लगाम लगाई जाये।

India External Affairs Minister Dr Jaishankar Statement on US Deported Indians

 

डिपोर्टेड भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार न हो

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों के साथ जिस तरह की अमानवीय तस्वीर सामने आई। उस दुर्व्यवहार पर जवाब देते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, हम अमेरिकी सरकार के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वहां से वापस लौटने वाले निर्वासितों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न होने पाये। महिलाओं और बच्चों पर खासकर किसी तरह की बंदिश न थोपी जाये।

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, हम यह भी यह सुनिश्चित करने में लगे हैं कि, सभी निर्वासित भारतीयों को अमेरिकी मिलिट्री विमान की जगह सिविलियन एयरक्राफ्ट में भारत लाये। साथ ही यात्रा के दौरान सभी भारतीयों को सही ढंग से भारत लाया जाये। उन्हें हर वो सुविधा दी जाये। जो उनके लिए जरूरी है।

 

हमारा दायित्व, हम अपने नागरिकों को वापस लें

अमेरिका से निर्वासित किए गए भारतीय नागरिकों पर राज्यसभा में बोलते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, "कानूनी गतिशीलता को प्रोत्साहित करना और अवैध आवागमन को हतोत्साहित करना अमेरिका और भारत दोनों के सामूहिक हित में है। इसलिए यह सभी देशों का दायित्व है कि यदि उनके नागरिक विदेश में अवैध रूप से रह रहे पाए जाते हैं तो उन्हें वापस ले लिया जाए। उन्हें वापस बुलाना सभी देशों का दायित्व है।

India External Affairs Minister Dr Jaishankar Statement on US Deported Indians

 

हाथ में जंजीर बांधकर विपक्षी सांसदों का प्रदर्शन

अमेरिका से निर्वासित भारतीयों के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर आज संसद के बाहर हाथ में जंजीर बांधकर विपक्षी सांसदों ने प्रदर्शन किया। सांसदों के इस विरोध प्रदर्शन में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, अखिलेश यादव समेत कई सांसद शामिल रहे। कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल, सपा सांसद धर्मेंद्र यादव, कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला सहित कई सांसद हाथों में जंजीर बांधे नजर आए। इसके अलावा लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में इस मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हुआ और सरकार पर कई सवाल उठे।

India External Affairs Minister Dr Jaishankar Statement on US Deported Indians

 

कांग्रेस महासचिव और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "बहुत बातें की गईं कि PM मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प बहुत अच्छे मित्र हैं फिर प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसा क्यों होने दिया? क्या हम उन्हें लेने के लिए अपना विमान नहीं भेज सकते थे? क्या ऐसा व्यवहार किया जाता है कि उन्हें हथकड़ियां, बेड़ियां लगाकर भेजा जाए? प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए।"

 

वहीं कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, "ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि अमेरिका से अवैध प्रवासियों को निर्वासित किया गया है। लेकिन उन्हें हथकड़ी लगाकर जिस तरह मिलिट्री प्लेन में वापस भारत भेजा गया वो अमानवीय है। वे अपराधी नहीं हैं। भारत को कहना चाहिए कि यह उचित नहीं है।''

वहीं कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, "मैं अमेरिका सरकार के इस रवैये से बेहद दुखी हूं। भारत और अमेरिका के बीच संबंध अच्छे हैं लेकिन उन्होंने जिस तरीके से 100 से ज्यादा भारतीयों को मिलिट्री प्लेन से भेजा है, वो पूरी तरह से अमानवीय है। प्रधानमंत्री को इसपर अपनी बात रखनी चाहिए।"

भारतीयों को बंदी बनाकर लाया गया

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, ''अमेरिका से निर्वासित जिन 104 भारतीयों को भारत लाया गया है। उनको बंदी बनाकर लाने का काम हुआ। क्या विश्वगुरु बनने का रास्ता भी ऐसा होगा कि आपके भारत के लोगों को हथकड़ी लगाकर भारत भेज दिया जाएगा? वहीं AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "2022 की प्यू रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में भारत के 6 लाख 75 हज़ार लोग बिना दस्तावेज़ के रह रहे हैं। ये लोग जब यहां आएंगे तब सरकार उनके लिए क्या करेगी, ये इन्हें देश को बताना पड़ेगा।