महाकुंभ भगदड़ पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार; जनहित याचिका पर CJI ने की ये टिप्पणी, संसद में भी विपक्ष का जबरदस्त हंगामा
Supreme Court Refuses To Hear MahaKumbh Stampede Accident Case Prayagraj
SC on Mahakumbh Stampede: महाकुंभ में भगदड़ हादसे को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार सवालों के घेरे में है। शासन-प्रशासन दोनों पर कड़े सवाल उठ रहे हैं। इसी बीच महाकुंभ भगदड़ का मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। भगदड़ हादसे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस जनहित याचिका पर विचार करने और सुनवाई से इनकार कर दिया है।
महाकुंभ भगदड़ याचिका पर CJI ने की ये टिप्पणी
महाकुंभ भगदड़ से संबन्धित ये जनहित याचिका देशभर से आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षा उपाय और सख्त दिशा-निर्देश लागू करने के लिए आदेश देने की मांग को लेकर की गई थी। लेकिन चीफ जस्टिस (CJI) संजीव खन्ना ने याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने को कहा। सीजेआई ने कहा कि, याचिकाकर्ता को पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपनी बात रखनी चाहिए। बताया जाता है कि, इलाहाबाद हाईकोर्ट में पहले ही इस मसले को लेकर याचिका पेंडिंग है।
वहीं CJI ने महाकुंभ भगदड़ हादसे को लेकर चिंता व्यक्त की है। चीफ जस्टिस ने कहा कि महाकुंभ में जो भी हुआ। वह दुर्भाग्यपूर्ण है। यह वाकई चिंता का विषय है। इस बीच याचिका के संबंध में CJI को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई कि, सरकार ने हादसे को लेकर न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है। हादसे की गहन जांच की जा रही है।
गौरतलब है कि, इससे पहले हाल ही में मंदिरों में VIP दर्शन की व्यवस्था को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने विचार करने से इनकार कर दिया था। हालांकि CJI जस्टिस संजीव खन्ना ने माना था कि मंदिरों में किसी को कोई विशेष वरीयता नहीं दी जानी चाहिए। लेकिन उन्होंने कहा था कि, कोर्ट अनुच्छेद 32 के तहत निर्देश जारी नहीं कर सकता।
महाकुंभ भगदड़ पर संसद में विपक्ष का जबरदस्त हंगामा
महाकुंभ भगदड़ हादसे का मुद्दा इन दिनों संसद के बजट सत्र में भी गूंज रहा है? विपक्ष इस हादसे को लेकर सरकार के रवैये पर सवाल खड़े कर रहा है। विपक्ष ने योगी सरकार से मृतकों की सही सूची जारी करने की मांग की है। महाकुंभ भगदड़ को लेकर संसद में इस कदर हंगामा मचा कि विपक्षी सांसदों ने CM योगी के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। विपक्ष का आरोप है कि, सरकार की अव्यवस्था की वजह से महाकुंभ में भगदड़ मची। वहीं इस हादसे के बाद सरकार ने मौतों का सच नहीं बताया।
29 जनवरी रात को मची थी भगदड़
गौरतलब है कि, मौनी अमावस्या के अमृत स्नान से पहले 29 जनवरी रात 1 से 2 बजे के बीच महाकुंभ में भगदड़ की स्थिति पैदा हुई और उसमें लोग दबे और कुचले गए। इस भगदड़ से यह तो तय था कि, इस हादसे में कई लोगों की मौत हुई होगी। लेकिन शासन-प्रशासन की तरफ से मौतों को लेकर पूरे दिन आधिकारिक तौर से कोई जानकारी नहीं दी गई। जिससे कयास ही लगते रहे और अलग-अलग आंकड़े सामने आए।
वहीं देर शाम महाकुंभ प्रशासन ने मीडिया में जानकारी दी कि, 30 लोगों की मौत हो गई है और 60 लोग घायल हैं। प्रशासन द्वारा बताया गया कि, भगदड़ के बाद 90 लोगों को अस्पताल ले जाया गया था। जान गंवाने वाले 25 मृतकों की पहचान कर ली गई है। बाकी 5 मृतकों की पहचान की जा रही है। प्रशासन ने जानकारी दी थी कि, महाकुंभ में भगदड़ हादसा वहां मौजूद भारी भीड़ के चलते हुआ।
प्रशासन ने यह भी जानकारी दी कि, हादसे के दौरान कोई भी VIP प्रोटोकाल नहीं था। भीड़ में से कुछ लोग बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़े। जिसके बाद अचानक भगदड़ की स्थिति पैदा हुई। भगदड़ के तत्काल बाद ही स्थिति को काबू करने के लिए कार्यवाही शुरू कर दी गई थी। तुरंत वहां ऐंबुलेंस की गाड़ियां पहुँचीं। जिसके बाद ग्रीन कॉरिडोर से ऐंबुलेंस की गाड़ियां सभी घायलों को लेकर अस्पताल पहुंचीं।