भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश बने जस्टिस संजीव खन्ना; राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने CJI पद की दिलाई शपथ, डीवाई चंद्रचूड़ की जगह ली
51st Chief Justice of India
Sanjiv Khanna 51st CJI: सीनियर मोस्ट जस्टिस संजीव खन्ना अब भारत के नए न्यायाधीश (CJI) बन गए हैं। आज सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस संजीव खन्ना को 51वें 'चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया' के पद की शपथ दिलाई। जस्टिस खन्ना का शपथ समारोह कार्यक्रम दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में सम्पन्न हुआ. इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मनोहर लाल समेत कई केंद्रीय मंत्रियों के अलावा निवर्तमान CJI डीवाई चंद्रचूड़ सहित सुप्रीम कोर्ट के कई सीनियर जस्टिस और अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही.
संजीव खन्ना ने डीवाई चंद्रचूड़ की जगह ली
भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश बने जस्टिस संजीव खन्ना ने निवर्तमान CJI डीवाई चंद्रचूड़ की जगह ली है। पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर हो गए। 8 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में बतौर सीजेआई उनका आखिरी वर्किंग डे था। इसके बाद उन्हें विदाई दी गई थी। मालूम रहे कि, डीवाई चंद्रचूड़ ही अपने उत्तराधिकारी यानि देश के अगले मुख्य न्यायाधीश के लिए जस्टिस संजीव खन्ना के नाम की केंद्र सरकार को सिफारिश की थी। जिसके बाद पिछले दिनों महामहिम राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ केंद्र सरकार ने जस्टिस संजीव खन्ना को भारत का नया मुख्य न्यायाधीश नियुक्त कर दिया था।
जस्टिस खन्ना का कार्यकाल सिर्फ 6 महीने का होगा
फिलहाल, डीवाई चंद्रचूड़ के बाद भारत के नए मुख्य न्यायाधीश बने जस्टिस संजीव खन्ना का कार्यकाल बहुत लंबे समय तक नहीं रहेगा। CJI के रूप में जस्टिस खन्ना का कार्यकाल 13 मई 2025 तक करीब 6 महीने का ही होगा। यानी जस्टिस संजीव खन्ना अगले 6 महीने तक ही देश के शीर्ष न्यायालय का नेतृत्व करेंगे। उस दौरान वह 65 साल के हो जाएंगे। जिसके चलते उनकी सेवानिवृत्ति हो जाएगी।
बता दें कि, आम तौर पर सुप्रीम कोर्ट के जज की रिटायरमेंट की उम्र 65 साल होती है। डीवाई चंद्रचूड़ 65 साल के होने पर 10 नवंबर को रिटायर हुए हैं। चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर 2022 को भारत के 50वें चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ ली थी। चंद्रचूड़ ने तब 49वें चीफ जस्टिस यू यू ललित की जगह ली थी। जिनका सीजेआई के तौर पर 74 दिनों का छोटा कार्यकाल था जो 8 नवंबर को पूरा हो गया था। वहीं चंद्रचूड़ ने पूरे दो साल चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का कार्यकाल पूरा किया।
कौन है जस्टिस संजीव खन्ना?
जस्टिस संजीव खन्ना भी मुख्य न्यायाधीश रहे डीवाई चंद्रचूड़ की तरह ही जजों की फैमिली से आते हैं। उनके पिता जस्टिस देव राज खन्ना दिल्ली हाई कोर्ट के जज थे। इसके अलावा उनके चाचा एचआर खन्ना भी सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके हैं। इस तरह दो पीढ़ियों की न्यायिक विरासत जस्टिस संजीव खन्ना के साथ है। नए CJI संजीव खन्ना शांत, गंभीर और सरल स्वभाव के हैं और वह पब्लिसिटी से दूर रहते हैं। जस्टिस खन्ना को जनवरी 2019 में दिल्ली हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया था।
जस्टिस खन्ना उन जजों में से हैं, जिन्हें किसी भी हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनने से पहले ही सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत कर दिया गया था। बता दें कि, जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को दिल्ली में हुआ। दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई के बाद उन्होंने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के रूप में रजिस्ट्रेशन कराया था। शुरुआत के दिनों में उन्होंने तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस की और फिर हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे।
जस्टिस खन्ना लगभग 14 साल तक दिल्ली हाई कोर्ट में जज रहे हैं। 2005 में वो दिल्ली हाई कोर्ट के एडिशनल जज के रूप में पदोन्नत हुए और 2006 में स्थायी जज बनाए गए। जस्टिस खन्ना 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं। साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल के गवर्निंग काउंसिल के सदस्य के रूप में भी कार्य किया है। इसके अलावा दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के शराब घोटाले मामले में उन्हें जमानत देने को लेकर भी जस्टिस खन्ना चर्चा में रहे हैं।
कैसे होती है नए CJI की नियुक्ति?
आइए यह जानते हैं कि, आखिर कैसे होती है नए CJI की नियुक्ति? व्यवस्था के मुताबिक, वर्तमान मुख्य न्यायाधीश अपने रिटायरमेंट से लगभग एक महीना पहले नए मुख्य न्यायाधीश के नाम की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजते हैं। परंपरा के मुताबिक़, सीनियर मोस्ट जज के नाम की सिफारिश केंद्र को भेजी जाती है। इसके बाद केंद्र के कानून मंत्रालय से इस सिफारिश पर महामहिम राष्ट्रपति की मंजूरी ली जाती है। मंजूरी मिलते ही केंद्र की तरफ से नियुक्ति अधिसूचना जारी कर दी जाती है।