भारत-मिडिल ईस्ट कॉरिडोर इजरायल-हमास जंग की हो सकता है वजह: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन
gaza israel war
gaza israel war: इजरायल और हमास के बीच जंग को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बड़ा दावा किया है. जो बाइडेन ने कहा कि हाल ही में नई दिल्ली में G-20 समिट के दौरान इंडियन मिडिल ईस्ट यूरोप कॉरिडोर का ऐलान हुआ था. मुझे विश्वास है कि यह ऐलान हमास द्वारा इजराइल पर आतंकी हमले का एक कारण है.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि उनका देश यूरोप के साथ सऊदी अरब को जोड़ने वाली रेल-सड़क परियोजना समेत बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के नेटवर्क के जरिए चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) से मुकाबले के लिए जी7 सदस्य देशों के साथ काम कर रहा है.
उन्होंने कहा, ''मैं इस बात से आश्वस्त हूं कि हमास के हमले के कारणों में से एक यह भी था. मेरे पास इसका कोई सबूत नहीं है, लेकिन मेरी अंतरात्मा मुझसे यही कहती है कि इजरायल के लिए क्षेत्रीय एकीकरण की दिशा में काम की वजह से हमास ने यह हमला किया. हम उस काम को नहीं छोड़ सकते.''
7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला किया था. इस हमले में 1400 लोगों की मौत हुई है. इसमें अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों के नागरिक भी शामिल हैं. इस हमले के बाद दूसरी बार बाइडेन ने हमास के हमले के संभावित कारणों में इंडियन मिडिल ईस्ट यूरोप कॉरिडोर को एक बताया है.
दरअसल, सितंबर में भारत में जी20 समिट का आयोजन हुआ था. इसमें बाइडेन, ऋषि सुनक समेत दुनियाभर के तमाम बड़े नेताओं ने शिरकत की थी. इस समिट के इतर पीएम मोदी, जो बाइडेन समेत तमाम नेताओं ने महत्वाकांक्षी इंडियन मिडिल ईस्ट यूरोप कॉरिडोर के निर्माण का ऐलान किया था.
अमेरिका पहुंचे ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के साथ प्रेस को संबोधित करते हुए बाइडेन ने कहा, हम उससे (बेल्ट एंड रोड पहल से) मुकाबला करने जा रहे हैं और हम इसे एक अलग तरीके से कर रहे हैं. बेल्ट एंड रोड पहल कर्ज में डूब गई है और जिन्होंने इस पर हस्ताक्षर किए हैं यह उन अधिकांश लोगों (राष्ट्रों) के लिए गले का फंदा बन गई है. उन्होंने कहा कि वे उन देशों के लिए बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने के लिए जी7 देशों के साथ काम कर रहे हैं. जी7 में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका शामिल हैं.
क्या है इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर?
भारत, यूरोपियन यूनियन, अमेरिका और सऊदी अरब... ये चार देश मिलकर एक मेगा प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. इसका नाम है- इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर यानी IMEC. इसे ऐतिहासिक समझौता बताया जा रहा है. 9 सितंबर को इस प्रोजेक्ट के एमओयू पर दस्तखत हुए थे. दस्तखत करने वाले देशों में भारत के अलावा अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, यूरोपियन यूनियन, इटली, फ्रांस और जर्मनी हैं. इस कॉरिडोर के बनने के बाद रेल और जहाज से ही भारत से यूरोप तक पहुंचा जा सकेगा. इस कॉरिडोर को चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का जवाब माना जा रहा है.
इस कॉरिडोर के दो हिस्से होंगे. पहला- ईस्टर्न कॉरिडोर, जो भारत को खाड़ी देशों से जोड़ेगा. दूसरा- नॉर्दर्न कॉरिडोर, जो खाड़ी देशों को यूरोप से जोड़ेगा. इस कॉरिडोर में रेलवे लाइन के साथ-साथ इलेक्ट्रिसिटी केबल, हाइड्रोजन पाइपलाइन और एक हाई-स्पीड डेटा केबल भी होगी.
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