हर साल 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' मनाने का फैसला; केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना, गृह मंत्री अमित शाह ने क्या कहा? पढ़ें
India Government Declares Samvidhaan Hatya Diwas On Every Year on 25th June
Samvidhaan Hatya Diwas: तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Former Prime Minister Indira Gandhi) के समय देश में लगाए गए आपातकाल के खिलाफ मौजूदा केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने हर साल 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' मनाने की आधिकारिक घोषणा की है। इस संबंध में बकायदा केंद्रीय गृह मंत्रालय से अधिसूचना जारी कर दी गई है।
गौरतलब है कि, साल 1975 में इसी दिन देश में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की गई थी। 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल घोषित था। तत्कालीन राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने उस समय प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी और उनके मंत्रिमंडल की सिफारिश पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के अंतर्गत देश में राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया था।
लोगों ने अमानवीय दर्द झेला- गृह मंत्री अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' मनाने के संबंध में आधिकारिक अधिसूचना सोशल मीडिया एक्स पर शेयर की और लिखा- 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था। लाखों लोगों को अकारण जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया।
शाह ने कहा कि, इसलिए भारत सरकार ने हर साल 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय किया है। यह दिन उन सभी लोगों के विराट योगदान का स्मरण करायेगा, जिन्होंने 1975 के आपातकाल के अमानवीय दर्द को झेला था।
वहीं शाह ने आगे कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय का उद्देश्य उन लाखों लोगों के संघर्ष का सम्मान करना है, जिन्होंने तानाशाही सरकार की असंख्य यातनाओं व उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष किया। ‘संविधान हत्या दिवस’ हर भारतीय के अंदर लोकतंत्र की रक्षा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की अमर ज्योति को जीवित रखने का काम करेगा, ताकि कांग्रेस जैसी कोई भी तानाशाही मानसिकता भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न कर पाए।
25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था। लाखों लोगों को अकारण जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया। भारत सरकार ने हर साल 25 जून को 'संविधान… pic.twitter.com/KQ9wpIfUTg
देश हमेशा कांग्रेस के इस दमनकारी कदम को याद रखेगा- पीएम मोदी
गृह मंत्री की पोस्ट शेयर करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, 25 जून को #SamvidhaanHatyaDiwas देशवासियों को याद दिलाएगा कि संविधान के कुचले जाने के बाद देश को कैसे-कैसे हालात से गुजरना पड़ा था। यह दिन उन सभी लोगों को नमन करने का भी है, जिन्होंने आपातकाल की घोर पीड़ा झेली। देश कांग्रेस के इस दमनकारी कदम को भारतीय इतिहास के काले अध्याय के रूप में हमेशा याद रखेगा।
नड्डा ने कहा- देश के लिए 25 जून 1975 एक काला दिवस
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि 25 जून 1975 वह काला दिवस था जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के तानाशाही मानसिकता ने हमारे संविधान में निहित लोकतंत्र की हत्या कर देश पर 'आपातकाल' थोपा था। केंद्र सरकार ने प्रत्येक वर्ष 25जून को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
नड्डा ने आगे कहा कि यह दिवस हमारे सभी महापुरूषों के त्याग व बलिदान का स्मरण कराएगा जो कांग्रेस के इस तानाशाही मानसिकता के विरुद्ध संघर्ष करते हुए संविधान की रक्षा व लोकतंत्र की पुनर्स्थापना के लिए यातनाएं सही और दिवंगत हो गए। प्रत्येक वर्ष लोकतंत्र की महत्ता का स्मरण कराने वाले इस निर्णय के लिए मैं प्रधानमंत्री जी का आभार प्रकट करता हूँ।
विपक्षा चिल्ला रहा- संविधान बचाओ
केंद्र की BJP-NDA सरकार ने 'संविधान हत्या दिवस' मनाने की घोषणा ऐसे समय पर की है। जब पूरा विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ 'संविधान बचाओ' अभियान चला रहा है। विपक्ष के संविधान बचाओ को बड़ा मुद्दा बनाने के बीच प्रधानमंत्री मोदी की सरकार का यह बड़ा दांव है। अब हर साल 'आपातकाल' की बरसी पर 'संविधान हत्या दिवस' मनेगा।