'मैं अविवाहित हूं, कुंवारा नहीं...'; पूर्व PM अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उनका एक गजब किस्सा, शादी के सवाल पर दिया था ऐसा जवाब
India Former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee Special Story
Atal Bihari Vajpayee Jayanti: भारत के 3 बार प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी की आज 99वीं जयंती है। वाजपेयी की जयंती पर उन्हें याद कर देशभर में श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी को एक खास अंदाज में याद किया। पीएम मोदी ने वाजपेयी का एक वीडियो शेयर किया और उनके बारे में अपने विचार साझा किए। इसके साथ ही पीएम मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी के समाधि स्थल 'सदैव अटल' पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी के साथ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे हुए थे। वहीं दूसरी तरफ विभिन्न राज्यों में बीजेपी की सरकारें अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मना रहीं हैं। तो आइए इसी कड़ी में आज हम अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ा एक गजब किस्सा भी जानते हैं। ये किस्सा वाजपेयी की शादी से जुड़ा हुआ है।
अटल बिहारी वाजपेयी ने शादी के सवाल पर दे डाला था ऐसा जवाब
सभी जानते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी ने शादी नहीं की। जहां ऐसे में उनसे अक्सर शादी को लेकर सवाल किए जाते थे। पत्रकार बातों ही बातों में अटल बिहारी वाजपेयी शादी का सवाल कर देते थे। लेकिन जितनी चतुराई से पत्रकार वाजपेयी में शादी का जवाब खंगालने की कोशिश कर रहे होते थे उससे ज्यादा चतुर तरीके से वाजपेयी अपना जवाब दे डालते थे। शादी के सवाल पर अटल बिहारी वाजपेयी का एक जवाब सबसे ज्यादा चर्चित है। शादी के सवाल पर एक बार अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था, "मैं अविवाहित हूं… लेकिन कुंवारा नहीं." अटल के इस जवाब पर पत्रकार भी कुछ नहीं बोल पाए।
दरअसल, अटल बिहारी वाजपेयी से सवाल किया गया कि- "वाजपेयी जी आप अब तक कुंवारे क्यों हैं?" इस पर उन्होंने ये जवाब दिया और साथ ही उन्होने कहा कि "आदर्श पत्नी की खोज में." पत्रकार ने फिर पूछा, "क्या वह मिली नहीं?" इस पर वाजपेयी ने जवाब दिया, "मिली तो थी लेकिन उसे भी आदर्श पति की तलाश थी." बातों और बयानों में माहिर अटल बिहारी वाजपेयी में एक खास बात हमेशा रही कि वही कभी सवालों पर झुल्झुलाए नहीं। कोई सार्वजनिक राजनीतिक मुद्दा हो या पर्सनल... अटल बिहारी वाजपेयी अपने लहजे से सबको कायल कर देते थे। यही कारण है कि अटल बिहारी वाजपेयी को राजनीति का सबसे शानदार वक्ता माना जाता है। अटल बिहारी वाजपेयी के बोलने की कला उन्हें औरों से बिलकुल अलग बनाती थी।
अटल बिहारी वाजपेयी की लव स्टोरी की चर्चा
अटल बिहारी वाजपेयी ने शादी नहीं की ये तो सबको पता ही है लेकिन वाजपेयी की लव स्टोरी के बारे में शायद कम लोगों को ही पता हो। बताते हैं कि, अटल बिहारी वाजपेयी की लव स्टोरी की चर्चा भी खूब रही। कहा जाता है मिसेज कौल प्रधानमंत्री आवास में अटल बिहारी वाजपेयी के साथ ही रहती थीं। लेकिन पत्नी के दर्जे से नहीं। दोनों का ये रिश्ता बेनाम ही रहा। हालांकि, दोनों में दोस्ती के दर्जे की बात होती रही। एक बार मिसेज कौल को लेकर अटल बिहारी वाजपेयी से सवाल भी कर दिया गया था। 1978 में जब वाजपेयी विदेश मंत्री थे तो वह चीन और पाकिस्तान से लौटकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे।
जहां इसी दौरान एक पत्रकार ने उनसे पूछ लिया- "वाजपेयी जी, पाकिस्तान, कश्मीर और चीन की बात छोड़िए और ये बताइए कि मिसेज़ कौल का क्या मामला है?" पत्रकार ने ये सवाल पूछा ही था कि प्रेस कॉन्फ्रेंस का माहौल शांत हो गया और सबकी निगाहें अब अटल बिहारी वाजपेयी पर थीं। ये भी लग रहा था कि अटल बिहारी वाजपेयी कहीं गुस्सा न हो जाएँ लेकिन ऐसा नहीं हुआ और उन्होने बड़े गजब तरीके से जवाब दिया। कुछ देर चुप रहने के बाद अटल बिहारी ने मुस्कुराते हुए कहा- "कश्मीर जैसा मसला है." (अटल बिहारी वाजपेयी के ये किस्से उन पर लिखी गई किताब 'हार नहीं मानूंगा: एक अटल जीवन गाथा' से लिए गए हैं)
भारत रत्न से सम्मानित थे अटल बिहारी वाजपेयी
अटल बिहारी वाजपेयी को साल 2015 में सर्वतोमुखी विकास के लिये किये गये योगदान तथा असाधारण कार्यों के लिये भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। आपको बता दें कि, अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसम्बर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी ग्वालियर में अध्यापन कार्य करते थे इसके अतिरिक्त वे हिन्दी व ब्रज भाषा के सिद्धहस्त कवि भी थे। इसीलिए अटल बिहारी वाजपेयी में कवि के गुण वंशानुगत परिपाटी से प्राप्त हुए। आप जानते ही हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी राजनेता के साथ एक माहिर कवि भी हुए। उन्होने कई रचनाएँ लिखीं। इसके अलावा लम्बे समय तक राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य (पत्र) और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया।
अटल बिहारी वाजपेयी की शुरुवाती शिक्षा ग्वालियर में ही हुई। उन्होने बी॰ए॰ की शिक्षा ग्वालियर के विक्टोरिया काॅलेज (वर्तमान में लक्ष्मीबाई कालेज) से ली। छात्र जीवन से वाजपेयी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बन गए थे और तभी से राष्ट्रीय स्तर की वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे। वहीं अटल बिहारी वाजपेयी ने कानपुर के डीएवी कॉलेज से राजनीति शास्त्र में एम॰ए॰ की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। उसके बाद उन्होंने अपने पिताजी के साथ-साथ कानपुर में ही एल॰एल॰बी॰ की पढ़ाई भी प्रारम्भ की लेकिन उसे बीच में ही विराम देकर पूरी निष्ठा से संघ के कार्य में जुट गये। डॉ॰ श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पण्डित दीनदयाल उपाध्याय के निर्देशन में राजनीति का पाठ पढ़ा। सन् 1952 में अटल बिहारी वाजपेयी ने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा, परन्तु सफलता नहीं मिली। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और सन् 1957 में बलरामपुर (जिला गोण्डा, उत्तर प्रदेश) से जनसंघ के प्रत्याशी के रूप में विजयी होकर लोकसभा में पहुँचे। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी की राजनीतिक ऊंचाई बढ़ती ही चली गई। वह लंबे समय तक सांसद रहे और इस बीच विदेश मंत्री भी रहे।
पहली बार 13 दिन के लिए प्रधानमंत्री बने अटल बिहारी वाजपेयी
साल 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी जब पहली बार भारत के प्रधानमंत्री बने तो वह इस पद पर 13 दिन ही रहे और उनकी सरकार गिर गई। वाजपेयी 16 मई से 1 जून 1996 तक पहली बार प्रधानमंत्री रहे थे। इसके बाद फिर 1998 से मार्च 1999 तक 13 महीने के लिए प्रधानमंत्री रहे और इसके बाद फिर 19 मार्च 1999 से 22 मई 2004 तक भारत के पूर्ण कालिक प्रधानमन्त्री रहे।
आपको पता हो कि अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते ही भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र बना था। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में पहली भारतीय परमाणु परीक्षण हुआ। 11 और 13 मई 1998 को पोखरण में पाँच भूमिगत परमाणु परीक्षण विस्फोट करके भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न देश घोषित कर दिया गया। परमाणु परीक्षण इतनी गोपनीयता से किया गया कि अति विकसित जासूसी उपग्रहों व तकनीक से सम्पन्न पश्चिमी देशों को इसकी भनक तक नहीं लगी। यही नहीं इसके बाद पश्चिमी देशों द्वारा भारत पर अनेक प्रतिबन्ध लगाए गए लेकिन अटल बिहारी वाजपे ने सबका दृढ़तापूर्वक सामना करते हुए आर्थिक विकास की ऊँचाईयों को छुआ। अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त 2018 को हो गया था। वाजपेयी उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे।