पास्टर बलजिन्द्र सिंह के ठिकानों पर इंकम टैक्स की रेड, पढ़ें कौन हैं बलजिंदर
- By Vinod --
- Tuesday, 31 Jan, 2023
Income tax raid on Pastor Baljinder Singh's premises
Income tax raid on Pastor Baljinder Singh's premises- क्षेत्र में सक्रिय पास्टर बलजिन्द्र सिंह जो माजरी ब्लॉक के गांव बडोदी टोल प्लाजा के पास बहुत बडी जगह में अपना मिनिस्ट्री चर्च ऑफ गलोरी ऐंड विसडम के नाम से चलाता है । जिसमें हर रवीवार को हजारो उसके सर्मथक पहुंचते है । जिस पर पहले ऐक बल्तकार का केस भी पडा था । उसको नजदीक के क्षेत्र के गांव वासीयो व किसानो के साथ ट्रैक्टरो पर डैक चलाने को ले कर जिसको ले कर पहले पास्टर बलजिन्द्र सिंह के सर्मथको और किसानो व गांव वासीयो के बीच झगडा भी हो चुका है जो कई दिनो तक चलता रहा ।
आज मंगलवार को सुबह 7 बजे न्यू चण्डीगढ स्थित ओमेक्स में उसकी कोठी तथा गांव बडोदी मे उसके मिनिस्ट्री चर्च ऑफ गलोरी ऐंड विसडम में लगातार इंकमटैक्स की टीम की जाँच लगातार यदि आप एक सोशल मीडिया उपयोगकर्ता हैं, तो आपने तथाकथित पादरियों और उनकी "चमत्कारिक चिकित्सा" शक्तियों के बारे में विज्ञापन देखे होंगे। 'यीशु येशु' पादरी बाजिंदर सिंह मिनिस्ट्रीज कई बार सुर्खियां बटोर चुके हैं लेकिन अपनी चिकित्सा शक्तियों के लिए नहीं बल्कि सभी गलत कारणों से।
कौन हैं बलजिन्द्र सिंह?
पादरी बलजिन्द्र सिंह पंजाब के एक विवादास्पद पुजारी हैं जो चमत्कार करने और इलाज करने का दावा करते हैं। बलजिन्द्र सिंह का जन्म हरियाणा के यमुनानगर में एक जाट परिवार में हुआ था। एक हत्या के मामले में कैद होने पर उसने ईसाई धर्म अपना लिया। कथित तौर पर, यह इस समय के दौरान था कि वह एक पुजारी के संपर्क में आया और ईसाई धर्म में परिवर्तित हो गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उस दौरान वह रोजाना बाइबिल पढ़ता था और धर्म परिवर्तन करता था। 2012 में उन्होंने अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया और ‘अच्छे’ के लिए रविवार की प्रार्थना सभा करना शुरू किया और इसके बाद वह लोकप्रिय हो गए। 2018 में उसे पंजाब के जीरकपुर की एक महिला से रेप के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
उसे दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हवाईअड्डे पर तब गिरफ्तार किया जब स्वयंभू ईसाई धर्मगुरु लंदन जाने वाली उड़ान में सवार होने वाला था। शिकायत में पीड़िता ने आरोप लगाया था कि सिंह उसे 2017 में विदेश ले गया था। का लूट 2022 में, पादरी बलजिन्द्र सिंह पर एक परिवार से 80,000 रुपये निकालने और उनकी मृत बेटी को वापस लाने का दावा करने का आरोप लगाया गया था। शुभम पंडित ने अपने खिलाफ दर्ज मामले में कहा था कि उनकी बहन नंदिनी कई सालों से कैंसर से पीड़ित थीं. जब डॉक्टरों ने नंदिनी को छोड़ दिया। तभी पंडित की मुलाकात एक सुवर्णा खेड़े से हुई, जो पुजारी के लिए काम करती थी। जिसके बाद परिवार को पुजारी से मिलने के लिए चंडीगढ़ बुलाया गया। जल्द ही पादरी ने परिवार से पैसे वसूलना शुरू कर दिया और उनका धर्मांतरण भी कर दिया।
बच्चों पर ईसाई बनाने का आरोप लगाया जाता है
29 अगस्त, 2021 को, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने भी चंडीगढ़ के उपायुक्त मनदीप सिंह बराड़ को पत्र लिखकर धर्मांतरण गतिविधियों में एक नाबालिग लडक़े का उपयोग करने के लिए सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा। खबर लिखे जाने तक आयकर की टीम द्वारा की जा रही जांच अभी भी जारी ।
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