निरंकारी सत्गुरू माता जी द्वारा 75वें वार्षिक संत समागम सेवा का शुभारम्भ
निरंकारी सत्गुरू माता जी द्वारा 75वें वार्षिक संत समागम सेवा का शुभारम्भ
चण्डीगढ़, 18 सितम्बर, 2022ः 16 से 20 नवंबर को होने वाले 75वें वार्षिक निरंकारी संत समागम के शुभारम्भ पर सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन कर कमलों द्वारा समागम सेवा का उद्घाटन संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा में किया गया। इस अवसर पर संत निरंकारी मण्डल कार्यकारिणी समिति के सदस्य, केन्द्रीय योजना एवं सलाहकार बोर्ड के सदस्य, सेवादल के अधिकारी, स्वयंसेवक तथा दिल्ली एवं आसपास के क्षेत्रों के अतिरिक्त अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में सभी श्रद्धालु भक्त सम्मिलित हुए।
सत्गुरू माता जी का हार्दिक अभिनन्दन आदरणीय श्री सुखदेव सिंह (समन्वय समिति कमिटी अध्यक्ष) एवं आदरणीय श्री जोगिन्दर सुखीजा (सचिव संत निरंकारी मण्डल) द्वारा किया गया।
संत समागम सेवा के शुभारम्भ के अवसर पर संपूर्ण निरंकारी जगत एवं प्रभु प्रेमीजनों को सम्बोधित करते हुए सत्गुरू माता जी ने कहा कि सेवा कि भावना पूर्ण समर्पण वाली होनी चाहिए। सेवा भाव हुक्मानुसार एवं मन को पूर्णतः समर्पित करके की जाती है तभी वह सार्थक कहलाती है। सेवा केवल कार्य रूप में नहीं अपितु उसमें जब सेवा का भाव आ जाता है तब उसकी खूशबू महकदार हो जाती है। सेवा को सदैव चेतनता से ही करना चाहिए और यह ध्यान में रखते हुए कि कभी हमारे कर्म, हमारे व्यवहार से जाने अनजाने मे भी किसी का तिरस्कार न हो। सभी का सत्कार ही करना है क्योंकि सभी संतों में इस निरंकार का ही वास है। इसी भक्ति भाव से सेवा को स्वीकार करे और मन से सिमरन करते हुए अपनी सेवाओं का योदान देते चले जाये।
निरंकारी संत समागमों की यह अविरल श्रृंखला अपने 74 वर्ष सफलतापूर्वक सम्पन्न कर चुकी है और इस वर्ष 75वें वार्षिक भव्य समागम की प्रतीक्षा प्रत्येक श्रद्धालु भक्त पलके बिछाए हुए हर्षोल्लास के साथ कर रहे है। सत्गुरू माता जी की पावन अध्यक्षता में होने वाले इस दिव्य संत समागम का भरपूर आनंद प्राप्त करने हेतु देश एवं विदेशों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु एवं प्रभु प्रेमीजन सम्मिलित होंगे। समागम स्थल पर प्रतिदिन अनेक महात्मा, सेवादल के भाई-बहन और भक्तजन अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे।
75वें वार्षिक निरंकारी संत समागम में सम्मिलित होने वाले सभी श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक सुख सुविधाएं प्रदान करने हेतु शामियानों की एक सुंदर नगरी स्थापित की जायेगी जिसमें भक्तों के ठहरने, जलपान एवं उनकी मूलभूत सुविधाओं का उचित प्रबंध प्रशासन एवं अधिकारियों के सहयोग द्वारा किया जा रहा है। समागम स्थल पर विभिन्न प्रबंधन कार्यालय, प्रकाशन स्टाल, प्रदर्शनी, लंगर, कैन्टीन एवं डिस्पेन्सरी की सुविधाएं उचित रूप से उपलब्ध करवायी जायेंगी।
यातायात प्रबंधन के अंतर्गत इस वर्ष भी रेलवे स्टेशन, बस अड्डे एवं हवाई अड्डे से समागम में पहंुचने वाले सभी श्रद्धालु एवं प्रभु प्रेमीयों को लाने एवं ले जाने की उचित व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही अन्य वाहनों के लिए पार्किंग क्षेत्रों की भी व्यवस्था की जा रही है।
अनेकता में एकता का अनुपम दृश्य प्रदर्शित करने वाला यह दिव्य संत समागम हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सभी भक्तों के लिए प्रेरणादायी होगा।