शोपियां में हुए बम धमाके में उत्तराखंड के लाल ने दिया अपना सर्वोच्च बलिदान, मुख्यमंत्री धामी ने किया शत-शत नमन
शोपियां में हुए बम धमाके में उत्तराखंड के लाल ने दिया अपना सर्वोच्च बलिदान, मुख्यमंत्री धामी ने क
टिहरी: उत्तराखंड के लाल प्रवीन सिंह गुसाईं जम्मू-कश्मीर के शोपियां में देश के दुश्मनों से लोहा लेते हुए मां भारती की सेवा करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, वीर जवान प्रवीन सिंह गुसाईं मूल रूप से टिहरी जिले के सीमांत नैलचामी घनसाली के पुंडोली गांव के रहने वाले थे. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जवान की शहादत पर शोक जताया है. प्रवीन का पार्थिव शरीर आज शुक्रवार को जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर लाया जाएगा और 4 जून शनिवार को उनके पैतृक गांव में पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
दक्षिण कश्मीर के शोपियां में गुरुवार को एक ईडी ब्लास्ट में 30 वर्षीय प्रवीन सिंह गुसाईं शहीद हो गए जबकि दो अन्य सैन्यकर्मी घायल हैं. जानकारी के मुताबिक, ये सभी जवान एक वाहन में निकले थे. गांव सीडू से करीब एक किलोमीटर दूर ये बम धमाका हुआ. धमाके में वाहन का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और उसमें सवार तीनों जवान बुरी तरह घायल हो गए. इलाज के दौरान प्रवीन सिंह की मौत हो गई.
ये खबर मिलते ही भिलंगना ब्लॉक के पांडोली गांव में कोहराम मच गया है. शहीद प्रवीन का परिवार वर्तमान में देहरादून के बंजारावाला में रहता है. प्रवीन के पिताजी प्रताप सिंह गुसाईं भी पूर्व सैनिक रहे हैं. वो सूबेदार थे और पिता से प्रेरणा लेकर ही प्रवीन ने भारतीय सेना ज्वाइन की थी. तीन भाई बहनों में प्रवीन तीसरे नंबर के थे. प्रवीन अपने पीछे मां-बाप, भाई-बहन, पत्नी और पांच साल का बेटा छोड़ गए हैं. प्रवीन सिंह पिछले महीने ही छुट्टी पर घर आए थे, उन्होंने 26 मई को ही वापस ड्यूटी ज्वाइन की थी. उनको घर से गए अभी एक हफ्ता भी नहीं हुआ था कि ये खबर आ गई.
सीएम धामी ने ट्वीट किया और लिखा कि 'वीर जवान प्रवीन सिंह जी की शहादत पर शत्-शत् नमन, आपके द्वारा देश की अखंडता एवं संप्रभुता के लिए दिया गया बलिदान भावी पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा'. वहीं पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने भी जवान की शहादत पर दुःख व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है.
प्रवीन की शहादत पर गांव के पूर्व प्रधान और बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष आनंद बिष्ट ने बताया कि वीर जवान प्रवीन 2012 में 15वीं गढ़वाल राइफल में भर्ती हुए थे, जबकि प्रवीन के पिताजी 2001 में प्रथम नागा रेजिमेंट में हवालदार के पद से रिटायर हुए थे. वहीं, पूर्व सैनिक और भिलंगना ब्लॉक के कनिष्ठ प्रमुख चंद्रमोहन नौटियाल ने बताया कि ऐसा मुकाम हर किसी को नसीब नहीं होता है. पूरा गांव प्रवीन की शहादत को झुककर नमन करता है. वहीं, जवान प्रवीन के शहीद होने पर घनसाली व्यापार मंडल ने शनिवार को बाजार बंद करने का निर्णय लिया है.