शिमला में राज्य सरकार को फटकार के साथ हाईकोर्ट ने 10 हजार की कास्ट के साथ अपील की खारिज
- By Arun --
- Tuesday, 20 Jun, 2023
In Shimla, the High Court rejected the appeal with a cost of Rs 10,000, reprimanding the state gover
शिमला:प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की अपील को आधारहीन पाते हुए 10 हजार रुपये की कॉस्ट के साथ खारिज कर दिया। कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि राज्य सरकार को आधारहीन, तंग करने वाले, तकनीकी और अन्यायपूर्ण विवादों से न्याय के मार्ग में बाधा नहीं डालनी चाहिए। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने यह निर्णय सुनाया।
नागरिकों को किया जा रहा परेशान
हाईकोर्ट ने कहा कि यह बड़े खेद का विषय है कि राज्य सरकार की ओर से छोटे से विवाद के लिए भी लगातार मुकदमेबाजी कर नागरिकों को परेशान किया जा रहा है। प्रतिवादी राजेंद्र फिस्टा 31 मई 2013 को तहसीलदार के पद से सेवानिवृत्त हुआ था। 1 जून 2013 से उसे एक वर्ष की अवधि के लिए सेवा विस्तार दिया गया। सेवा विस्तार की अधिसूचना में स्पष्ट किया गया था कि प्रतिवादी अंतिम वेतन को छोड़कर कोई अतिरिक्त वेतन वृद्धि का हकदार नहीं होगा।
जुलाई 2013 से एक नियमित वेतन वृद्धि पाने का हकदार है
प्रतिवादी ने विभाग को प्रतिवेदन के माध्यम से गुहार लगाई थी कि वह जुलाई 2013 से एक नियमित वेतन वृद्धि पाने का हकदार है। विभाग ने इस आवेदन को खारिज कर दिया था, जिसके खिलाफ प्रतिवादी ने याचिका दायर की। हाईकोर्ट की एकलपीठ ने प्रतिवादी को जुलाई 2013 से एक नियमित वेतन वृद्धि पाने का हकदार ठहराया था।
राज्य सरकार ने इस निर्णय के खिलाफ खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी थी। खंडपीठ ने पाया कि एकलपीठ के निर्णय के मुताबिक कर्मचारी को सिर्फ 2500 रुपये का वित्तिय लाभ होगा जिससे सरकार को कोई बड़ा वितीय बोझ नहीं पड़ेगा। सरकार की इस अपील को आधारहीन बताते हुए अदालत ने इसे खारिज कर दिया।