नेशनल एग्जिट टेस्ट के विरोध में हमीरपुर मेडिकल कॉलेज के प्रशिक्षु डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन कर शिक्षा मंत्री तथा मुख्यमंत्री से अपने हक में मांगा समर्थन
- By Arun --
- Monday, 03 Jul, 2023
In protest against the National Exit Test, trainee doctors of Hamirpur Medical College protested and
हमीरपुर:एनएमसी द्वारा नेशनल एग्जिट टेस्ट लिए जाने का फरमान जारी होने के बाद पूरे देश में प्रशिक्षु डॉक्टरों ने विरोध शुरू कर दिया है। वर्ष 2019 बैच के प्रशिक्षु छात्रों का अब फाइनल ईयर चल रहा है ऐसे में यह फरमान उनके लिए सबसे ज्यादा चिंताजनक है।
जारी फरमान में कहा गया है कि नेशनल एग्जिट टेस्ट पास करना अनिवार्य होगा। यह भी बताया जा रहा है कि इस टेस्ट को पास करने के बाद ही इंटर्नशिप करने का मौका मिलेगा। वर्ष 2019 बैच के छात्रों पर फाइनल एग्जाम से कुछ समय पहले ही थोपा गया यह फरमान उनके लिए मुसीबत खड़ी करने वाला है।
प्रशिक्षु छात्रों का कहना है कि यदि एनएमसी ने नेशनल एग्जिट टेस्ट अनिवार्य करना ही था तो इसे अगले बैच से अनिवार्य किया जाता। प्रशिक्षु छात्रों का यह भी कहना है कि एनएमसी के माध्यम से पाठ्यक्रम में भी कुछ बदलाव किया गया है ऐसे में नेशनल एग्जिट टेस्ट पास करना अनिवार्य किया जाना इस बैच के साथ भेदभाव है।
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को बदलकर नेशनल मेडिकल कमिशन कर दिया गया
बता दें कि पहले मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के माध्यम से कॉलेजों को एमबीबीएस का बैच बैठाने की अनुमति प्रदान की जाती थी। एमसीआई की गाइडलाइन के अनुरूप ही सारे एग्जाम कंडक्ट किए जाते थे लेकिन कुछ समय पहले मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को बदलकर नेशनल मेडिकल कमिशन कर दिया गया है। ऐसे में अब एनएमसी अपने तरीके से एमबीबीएस करने वाले छात्रों के लिए नियम तय कर रही है।
2019 बैच के छात्रों को रास नहीं आ रहा फैसला
हाल ही में लिया गया नेशनल एग्जिट टेस्ट का फैसला भी एकदम से लिया गया निर्णय है जोकि बैच 2019 के छात्रों को रास नहीं आ रहा। बात सही भी है जिन छात्रों ने अब तक की पढ़ाई एमसीआई की गाइडलाइन के अनुरूप की है उनके ऊपर एकदम से नया नियम थोप देना शायद सही नहीं है।
इसी के विरोध स्वरूप सोमवार को हमीरपुर मेडिकल कॉलेज के वर्ष 2019 बैच के प्रशिक्षु डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन कर शिक्षा मंत्री तथा मुख्यमंत्री से अपने हक में समर्थन मांगा। जाहिर है कि वर्ष 2019 बैच में 119 प्रशिक्षु एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं और अंतिम वर्ष में हैं। हालांकि बैच 120 का था लेकिन कोई एक प्रशिक्षु बीच में ही पढ़ाई छोड़ गया।
सीएम और शिक्षा मंत्री को भेजकर अपने हक में समर्थन की मांग
2019 बैच की कक्षा प्रतिनिधि इतिका कहना है कि यह निर्णय इस बैच के हित में नहीं है। इसी के चलते आज प्रशिक्षुओं ने विरोध स्वरूप रैली निकाली तथा ज्ञापन मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को भेजकर अपने हक में समर्थन की मांग की है।
अगले सत्र से लागू किया जाए
प्रशिक्षु प्रियांशु भारद्वाज का कहना है कि यदि यह नियम लागू किया जाए तो फिर अगले सत्र से लागू किया जाए। 2019 बैच अपने फाइनल ईयर में पहुंच गया है ऐसे में एकदम से इस तरह का फैसला थोप देना प्रशिक्षु डॉक्टरों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा। एनएमसी को इस बारे में पुन: विचार करने की आवश्यकता है ताकि इस बैच पर बढ़ रहा मानसिक तनाव समाप्त हो सके