हरियाणा में निगम मेयर व जिप चेयरमैन के अधिकार बढ़े
हरियाणा में निगम मेयर व जिप चेयरमैन के अधिकार बढ़े
संयुक्त, अतिरिक्त आयुक्त व सीईओ की लिखेंगे एसीआर
चंडीगढ़, 29 मार्च। हरियाणा सरकार ने नगर निगमों में आयुक्त की एसीआर के अधिकार मेयर तथा जिला परिषद सीईओ की एसीआर के अधिकार जिप चेयरमैन को देने के बाद अब जूनियन अधिकारी भी जनप्रतिनिधियों के अंडर कर दिए हैं। अब निगमों में ज्वाइंट और एडिशनल कमिश्नर की एसीआर भी मेयर द्वारा लिखा जाएगी।
प्रदेश में कुल 11 नगर निगम हैं। मानेसर को सरकार ने पिछले साल ही निगम का दर्जा दिया है। वहीं मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान सोनीपत को नगर निगम बनाया गया था। हुड्डा के सत्ता में आने से पूर्व फरीदाबाद ही नगर निगम था। हुड्डा ने पहले गुरुग्राम को निगम बनाया। इसके बाद एक साथ सात शहरों - हिसार, रोहतक, पानीपत, करनाल, यमुनानगर, अंबाला व पंचकूला को नगर निगम का दर्जा दिया गया।
इसी तरह से जिला परिषद के ज्वाइंट व एडिशनल सीईओ की एसीआर लिखने के अधिकार चेयरमैन को दिए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों में आयुक्त और सीईओ की एसीआर के अधिकार जनप्रतिनिधियों को दिए जाने की वजह से नाराजग़ी थी। माना जा रही है कि इसी वजह से ज्वाइंट और एडिशनल आयुक्तों एवं सीईओ के पदों पर नियुक्त होने वाले अधिकारियों की एसीआर भी अब मेयर और चेयरमैन को लिखने के अधिकार दिए हैं।
पिछले दिनों सरकार ने निगम आयुक्त की एसीआर लिखने के अधिकार मेयर को दिए थे। अब निगम के ज्वाइंट और एडिशनल कमिश्नर की एसीआर भी संबंधित मेयर द्वारा लिखी जाएगी। निगम आयुक्त पद पर आमतौर पर आईएएस अधिकारियों को नियुक्त किया जाता है वहीं ज्वाइंट और एडिशनल कमिश्नर पदों पर एचसीएस अधिकारी तैनात होते हैं। जिला परिषदों में सीईओ के पद का सृजन खट्टर सरकार ने ही अपने पहले कार्यकाल में लिया था। अब जिप में ज्वाइंट और एडिशनल सीईओ की भी नियुक्ति होने लगी है। जिला परिषद में नियुक्त होने वाले आईएएस और एचसीएस अधिकारियों की एसीआर संबंधित जिला परिषद चेयरमैन द्वारा लिखी जाएगी।