गुरुग्राम और फरीदाबाद समेत हरियाणा में परिवार पहचान पत्र से जुड़ेंगे राजस्व रिकॉर्ड, जमाबंदी का नया प्रारूप तैयार

गुरुग्राम और फरीदाबाद समेत हरियाणा में परिवार पहचान पत्र से जुड़ेंगे राजस्व रिकॉर्ड, जमाबंदी का नया प्रारूप तैयार

गुरुग्राम और फरीदाबाद समेत हरियाणा में परिवार पहचान पत्र से जुड़ेंगे राजस्व रिकॉर्ड

गुरुग्राम और फरीदाबाद समेत हरियाणा में परिवार पहचान पत्र से जुड़ेंगे राजस्व रिकॉर्ड, जमाबंदी का नया

चंडीगढ़। गुरुग्राम और फरीदाबाद समेत पूरे हरियाणा में अबादी देह (गांव के बसे हुए क्षेत्र) की जमीन की तर्ज पर कृषि भूमि की मैपिंग कर राजस्व रिकॉर्ड को परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) से जोड़ा जाएगा. जमाबंदी के लिए नया फॉर्मेट भी तैयार किया गया है, जिसमें पीपीपी का कॉलम जोड़ा गया है. अगस्त तक सभी कृषि भूमि का नक्शा तैयार करने का लक्ष्य है।

अगस्त तक पूरी होगी कृषि भूमि की मैपिंग, सभी तहसीलों को मिलेगी दो रोवर्स (GPS) मशीनें

भू-राजस्व अधिकारियों की बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भूमि मानचित्रण के कार्य में तेजी लाने को कहा है. इस दौरान उनके साथ उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी थे. मुख्यमंत्री ने बताया कि अधिकांश गांवों की ड्रोन बेस मैपिंग का काम पूरा कर लिया गया है. मैपिंग का काम तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में ग्रामीण क्षेत्र की कृषि भूमि की मैपिंग और उस पर बने ढांचों का नक्शा बनाने का काम किया जाएगा. दूसरे चरण में शहरों में उद्योग क्षेत्रों की मैपिंग की जाएगी। इससे माप कार्य में मदद मिलेगी।

करनाल, कुरुक्षेत्र और पानीपत में तीन टीमें गठित, राज्य में 44 टीमें संभालेंगी लैंड ड्रोन मैपिंग का काम

पटवारियों को कृषि भूमि की मैपिंग के लिए रोवर्स मशीन से प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रत्येक तहसील में दो रोवर (जीपीएस) मशीनें मंगवाई जाएंगी ताकि खेतों की माप आसानी से की जा सके। प्रदेश में 19 जगहों पर केंद्र बनाए गए हैं, जिससे आसपास के क्षेत्र में 500 किमी के दायरे में जीपीएस लोकेशन का आसानी से पता चल सकेगा। 16 जीआईएस प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि मानचित्रण से सभी भूस्वामियों की भूमि की जानकारी स्पष्ट हो जाएगी। इसके अलावा स्कूल की लोकेशन, शामलती संरचना, धार्मिक स्थल भी सही पाए जाएंगे।

गांवों में 25 मुरब्बा के क्षेत्र में मुरब्बा पत्थर जैसी तकनीक के आधार पर गहरे और मजबूत संदर्भ बिंदु बनाए जाएंगे। यह मुरब्बा पत्थर का स्थान भी निर्धारित करेगा। कृषि भूमि की मीटरिंग में जीपीएस लोकेशन डबल तकनीक पर आधारित मीटरिंग का लाभ मिलेगा। लैंड मैपिंग के लिए करनाल, कुरुक्षेत्र और पानीपत में तीन टीमें लगाई गई हैं। 15 मार्च तक और टीमें गठित की जाएंगी। इस तरह राज्य में कुल 44 टीमें लैंड ड्रोन मैपिंग का काम करेंगी, जिसे अगस्त 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। ट्रायल के आधार पर बड़े पैमाने पर मैपिंग का काम पहले ही किया जा चुका है। पांच गांवों में