देहरादून में राजस्थान के परीक्षार्थी की जगह परीक्षा दे रहा था बिहार का युवक, पुलिस ने किया गिरफ्तार
देहरादून में राजस्थान के परीक्षार्थी की जगह परीक्षा दे रहा था बिहार का युवक, पुलिस ने किया गिरफ्तार
उत्तराखंड (Uttarakhand) की देहरादून पुलिस ने शुक्रवार को एसएससी एमटीएस की परीक्षा में एक मुन्ना भाई समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि एसएससी एमटीएस की प्रतियोगी परीक्षा के अभ्यर्थी ने उज्जवल भविष्य बनाने के फेर में ‘जुगाड़’ (शॉर्टकट) का रास्ता अपनाया. परीक्षा में अपनी जगह दूसरे युवक यानी सॉल्वर को भेज दिया. फिलहाल देहरादून पुलिस ने दोनों को ही गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है. इन दोनों के पीछे ‘मास्टरमाइंड’ का पता लगाया जा रहा है. पुलिस को आशंका है कि इन दोनों को यह आइडिया देने वाला कोई और भी हो सकता है. देहरादून के उप-महानिरीक्षक/एसएसपी आईपीएस जन्मेजय प्रभाकर कैलाश खंडूड़ी ने इसकी पुष्टि की है.
डीआईजी के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों का नाम आशुतोष रंजन (दूसरे अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा देता पकड़ा गया) और दीनदयाल मीणा (अपनी जगह परीक्षा में दूसरे को बैठाने वाला) है. दरअसल, गोरखधंधे का भंडाफोड़ तब हुआ, जब 7 जुलाई को पुष्पेंद्र कुमार ने थाना डोईवाला में एक शिकायत दी. जिसमें उनसे लिखा था कि ITZ इंस्टीट्यूट कुआं वाला में एसएससी एमटीएस की परीक्षा का तीन पाली में आयोजन चल रहा है. परीक्षा की प्रथम पाली में इंस्टीट्यूट प्रशासन ने शक के आधार पर एक युवक से पूछताछ शुरू की. परीक्षा दे रहे युवक ने अपना नाम आशुतोष रंजन बताया.
पूछताछ में हुआ भंडाफोड़
आगे की छानबीन में पता चला कि आशुतोष रंजन भीलवाड़ा नरौली (राजस्थान) निवासी दीन दयाल मीणा पुत्र पृथ्वीराज मीणा के स्थान पर परीक्षा दे रहा है. जबकि असली परीक्षार्थी तो (राजस्थान का दीन दयाल मीणा) परीक्षा केंद्र के अंदर था ही नहीं. कागजातों, तस्वीर का मिलान करने पर भी इस धोखाधड़ी का भंडाफोड़ हो गया. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जब पूछताछ की तब पता चला कि यह तो मामला ही मुन्ना भाई एमबीबीएस से मिलता जुलता है. जो खुद को असली छात्र बताकर परीक्षा दे रहा था वो आशुतोष रंजन तो नालंदा, बिहार का मूल निवासी निकला. जो एक षड्यंत्र के तहत राजस्थान के असली परीक्षार्थी के स्थान पर परीक्षा देने पहुंचा हुआ था.
आपराधिक रिकॉर्ड खंगाल रही पुलिस
संदिग्ध पाए जाने पर दोनों आरोपियों को चौकी हर्रावाला पुलिस ने हिरासत में ले लिया. मामले की गंभीरता को भांपते हुए पड़ताल में थाना डोईवाला प्रभारी भी शामिल हो गए. प्राथमिक जांच में मामला फर्जीवाड़े का मिलते ही आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. यह मुकदमा थाना डोईवाला में दर्ज किया गया है. फर्जीवाड़े की जांच चौकी प्रभारी हर्रावाला उप निरीक्षक नवीन डंगवाल के सुपुर्द की गई है. अब तक हुई जांच में आरोपियों का पुराना कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है.