Illegal forex trading case

ईडी ने अवैध विदेशी मुद्रा व्यापार के मामले में कोलकाता के दो कारोबारियों के खिलाफ आरोपपत्र किया दायर

EDIllegal forex trading case

Illegal forex trading case

Illegal forex trading case- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि उसने टीपी ग्लोबल एफएक्स द्वारा अवैध विदेशी मुद्रा व्यापार के संबंध में कोलकाता की एक धन शोधन अदालत के समक्ष शहर के दो व्यापारियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। ईडी के एक अधिकारी के मुताबिक, कोर्ट ने प्रसेनजीत दास और शैलेश कुमार पांडेय के खिलाफ दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लिया है।

ईडी ने कोलकाता पुलिस द्वारा टीएम ट्रेडर्स और केके ट्रेडर्स के खिलाफ दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर अपनी जांच शुरू की।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मुताबिक, टीपी ग्लोबल एफएक्स न तो उसके साथ पंजीकृत है और न ही विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए केंद्रीय बैंक से उसे किसी प्रकार की मान्यता मिली है।

आरबीआई ने अनधिकृत ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के खिलाफ आम जनता को आगाह करने के लिए टीपी ग्लोबल एफएक्स के नाम सहित एक अलर्ट लिस्ट भी जारी की थी।

ईडी की जांच में पता चला है कि दास, पांडे और एक तुषार पटेल ने कुछ अन्य व्यक्तियों के साथ उनके द्वारा नियंत्रित और प्रबंधित विभिन्न फर्जी कंपनियों के माध्यम से टीपी ग्लोबल एफएक्स के प्लेटफॉर्म/वेबसाइट का उपयोग करके विदेशी मुद्रा व्यापार में निवेश करने की आड़ में जनता को धोखा दिया।

इन फर्जी कंपनियों के खातों में जनता से पर्याप्त मात्रा में धन एकत्र करने के बाद पैसे को उन कंपनियों में स्थानांतरित कर दिया गया, जिनमें आरोपी व्यक्ति निदेशक थे जबकि भोले-भाले निवेशकों को इसके बारे में कुछ भी पता नहीं था।

इसके बाद, व्यक्तिगत लाभ के लिए चल और अचल संपत्तियों की खरीद में धन का उपयोग किया गया।

पांडे और दास को गिरफ्तार कर लिया गया है और वर्तमान में दोनों न्यायिक हिरासत में हैं।

आरोपियों द्वारा नियंत्रित और संचालित 180 बैंक खातों की तलाशी ली गई, जिसके बाद 121.02 करोड़ रुपये की राशि फ्रीज की गई।

पीएमएलए की धारा 5 के तहत शेयरों, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, बीमा पॉलिसी, बैंक खातों में शेष राशि, आवासीय फ्लैटों, वाणिज्यिक व्यावसायिक स्थानों, होटलों और रिसॉर्ट्स आदि के रूप में निवेश किए गए 118.27 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियों को फिलहाल कुर्क किया गया था।

ईडी ने अनंतिम रूप से कुर्क की गई संपत्तियों तथा सभी सील संपत्तियों को जब्त करने का अदालत से अनुरोध किया है। कुल 253.68 करोड़ रुपये की जब्ती की प्रार्थना की गई है।