भगवान विष्णु की कृपा पाना चाहते हैं तो आषाढ़ महीने में भूलकर न करें ये काम
- By Habib --
- Thursday, 08 Jun, 2023
Grace of Lord Vishnu
Lord Vishnu सनातन धर्म में आषाढ़ का महीना जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। सनातन पंचांग के अनुसार, आषाढ़ महीने में योगिनी एकादशी और देवशयनी एकादशी मनाई जाती है। देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु 4 महीनों के लिए क्षीर सागर में विश्राम करने चले जाते हैं। इस दिन से चातुर्मास लग जाता है।
सनातन शास्त्रों में चातुर्मास के दौरान शुभ कार्य करने की मनाही है। इस वर्ष 5 महीने के लिए श्री नारायण हरि विष्णु क्षीर सागर में विश्राम करेंगे। अत: आषाढ़ के महीने का विशेष महत्व है। इस महीने में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। अगर आप भी भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो आषाढ़ महीने में ये काम भूलकर न करें।
आषाढ़ मास में क्या न करें
* ज्योतिषियों की मानें तो आषाढ़ महीने में शादी-विवाह जैसे शुभ शुभ कार्य करने से बचना चाहिए। बहुत जरूरी है, तो प्रकांड पंडित से सलाह लेकर कार्य को पूर्ण किया जा सकता है। इस महीने में देवशयनी एकादशी से चातुर्मास लग जाता है। सनातन धर्म में चातुर्मास के दौरान शुभ कार्य करने की मनाही है।
* जानकारों की मानें तो आषाढ़ के महीने में बासी भोजन नहीं ग्रहण करना चाहिए। इससे बीमार होने का खतरा रहता है। इस महीने में प्रचंड गर्मी पड़ती है। इससे खाना चंद घंटों में खराब हो जाता है। अत: बासी भोजन खाने से पेट संबंधी परेशानी हो सकती है।
* सनातन धर्म शास्त्रों में निहित है कि मानव शरीर का निर्माण पांच तत्वों से हुआ है। ये पांच तत्व अग्नि, जल, वायु, नभ और मिट्टी हैं। आषाढ़ महीने में जल का अपमान भूलकर न करें। इस महीने में पानी की बर्बादी करने से बचें।
* स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो आषाढ़ के महीने में ऑयली खाना खाने से परहेज करें। साथ ही बाजार में बिकने वाली चीजें भी कम खाएं। लापरवाही बरतने से सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
* आषाढ़ महीने में तामसिक भोजन से परहेज करें। साथ ही मसूर की दाल का भी सेवन न करें।
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