If the values ​​are good in childhood then the rest of life will be beautiful

बाल्यावस्था में संस्कार अच्छे हैं तो शेष जीवन सुन्दर होगा 

If the values ​​are good in childhood then the rest of life will be beautiful

If the values ​​are good in childhood then the rest of life will be beautiful

If the values ​​are good in childhood then the rest of life will be beautiful- चण्डीगढ़I इन्सान की सारी आयु बचपन के पड़ाव पर आधारित होती है यदि बचपन सुन्दर है, संस्कार और आदतें अच्छी हैं तो जीवन आखिर तक बहुत सुन्दर हो जाता है । उससे जहां हमारा नाम रोशन होता है वहां हमारे माता पिता हमारे सत्गुरू हमारे देश का नाम भी रोशन होता है इसके अतिरिक्त बचपन में अच्छी आदतों को अपनाने से हमारे मनों में पोज़िटिव भाव चलते रहेंगे, ये उद्गार आज यहां सैक्टर 30. में स्थित निरंकारी सत्संग भवन में हुए सैक्टर 40 एरिया के निरंकारी बाल संत समागम में सैकड़ों की संख्या में उपस्थित बच्चों, और साध संगत को सम्बोधित करते हुए चण्डीगढ़ के ज़ोनल इन्चार्ज श्री ओ पी निरंकारी ने व्यक्त किए ।
इस कार्यक्रम में बच्चों ने शुद्ध प्रयावरण, स्वच्छता, जलाशयों की सफ़ाई, रक्तदान , वृक्षारोपण इत्यादि विषयों पर नाटिक़ा प्रस्तुत की। सांस्कृतिक कार्यक्रमों द्वारा बच्चों ने मिशन के सच्चाई के संदेश पर भी प्रकाश डाला, तथा महान विभूतियों के जीवन का परिचय दिया।

आपसी तालमेल की चर्चा करते हुए श्री निरंकारी जी ने कहा कि बच्चों का जितना तालमेल अपने परिवार के सदस्यों, माता-पिता, बुजुर्गों एवं अध्यापकों के साथ अच्छा होगा उतनी ही उनके भावी जीवन में ख़ुशियाँ बनी रहेंगी।

श्री निरंकारी ने आगे कहा कि बच्चों को अपने जीवन में विकास करने के लिए नींद भी पूरी करनी चाहिए अर्थात समय पर उठना और समय पर सोना चाहिए।  

बच्चों को अपनी पड़ाई के विषयों में विशेष रुचि लेनी चाहिए । कोई भी विषय कठिन नहीं होता, हमारी सकारात्मक रुचि हमारे से कठिन से कठिन कार्य भी करवा सकती है। बच्चे अपनी दिनचर्या को संतुलित रखें, पड़ाई के लिए, खेल-कूद को उचित समय दें तथा मल्टीमीडिया को सीमित समय दें।जीवन में सत्संग का बहुत महत्व है इसलिए सत्संग से भी अवश्य जुड़ें।

अनावश्यक नाराज़गी एवं क्रोध भी हमारे जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। हमने देखा देखी में अपने माता पिता की हैसियत से अधिक नई नई चीज़ों की मांगे रख कर माता-पिता को प्रेषण नहीं करना। माता-पिता को भी बच्चों की और ओर विशेष ध्यान देना चाहिए तथा उनकी भावनाओं को समझना चाहिए। वास्तविकता में  माता पिता अपने बच्चों को बहुत प्यार करते हैं तथा उन्हें ज्यादा पता होता है कि बच्चों को किस समय क्या चीज़ चाहिए और वह उसे उपलब्ध कराने के लिए पूरा प्रयत्न करते हैं इसलिए यदि किसी समय बच्चों को कोई चीज़ नहीं मिली तो हमें माता-पिता से नाराज़ नहीं होना चाहिए तथा न ही ज़िद्द करनी चाहिए।

श्री निरंकारी जी ने माता-पिता के लिए  आगे कहा कि यदि हम बच्चों का भविष्य सुंदर बनाना चाहते हैं तो अपने बच्चों को सत्संग से जोड़े क्योंकि सत्संग में ही सुंदर व्यक्तित्व का निर्माण होता है। सत्संग में ही बच्चों को सच्ची आध्यात्मिकता एवं समाज में जीने का सही ढंग सिखाया जाता है, जिसका उदाहरण आज बच्चों ने अपनी विभिन्न प्रस्तुतियों द्वारा प्रस्तुत किया। सत्संग में आने से बचपन से ही बच्चों में तप, त्याग एवं सेवा की भावना पैदा होती है, जिससे बच्चों में मानव कल्याण की प्रवृत्ति जागृति होती है। इससे बच्चों तथा माता-पिता दोनों का भविष्य संवरता है। वर्तमान समय में सदगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की कृपा से संत निरंकारी मिशन सभी को ब्रह्मज्ञान देकर सच्ची आध्यात्मिकता से जोड़कर वास्तविक भक्ति एवं जीवन जीने का ढंग सिखा रहे हैं।

इससे पूर्व चंडीगढ़ के संयोजक श्री नवनीत पाठक जी ने भी अपने भाव प्रस्तुत किए तथा सैक्टर 40 एरिया के मुखी श्री पवन कुमार जी ने ज़ोनल इन्चार्ज श्री ओ पी निरंकारी, यहां के संयोजक और सभी एरिया के मुखियों व इस समागम में भाग लेने वाले सभी बच्चों उनके गाईडज़ तथा यहां उपस्थित सभी सेवादल अधिकारियों व सदस्यों का धन्यवाद किया ।