HDFC Merger: एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड के विलय के लिए CCI की मंजूरी
HDFC Merger: एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड के विलय के लिए CCI की मंजूरी
नई दिल्ली. भारत के फेयर ट्रेड नियामक भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने एचडीएफसी बैंक(HDFC Bank) और उसकी पेरेंट कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड(HDFC Ltd) के विलय प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. प्रस्ताव के अनुसार, पहले चरण में एचडीएफसी लिमिटेड(HDFC Ltd) के साथ एचडीएफसी निवेश और एचडीएफसी होल्डिंग्स का विलय होगा और अंत में एचडीएफसी लिमिटेड का एचडीएफसी बैंक में विलय हो जाएगा.
सीसीआई(CCI) ने शुक्रवार को एक ट्वीट कर यह जानकारी दी. सीसीआई ने कहा कि उसने एचडीएफसी लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी इन्वेस्टमेंट्स और एचडीएफसी होल्डिंग्स के विलय से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. बता दें कि इसी साल अप्रैल में देश की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड ने घोषणा की थी कि वह एचडीएफसी बैंक के साथ विलय करेगी.
सीसीआई की मंजूरी महत्वपूर्ण
एक निश्चित सीमा से अधिक के सौदों के लिए बाजार में अनुचित व्यापार के तरीकों पर नजर रखने वाले सीसीआई की अनुमति की आवश्यकता होती है. पिछले हफ्ते एचडीएफसी ने कहा था कि एचडीएफसी इनवेस्टमेंट्स लिमिटेड(HDFC Investments Limited) और एचडीएफसी होल्डिंग्स लिमिटेड(HDFC Holdings Limited) के एचडीएफसी बैंक के साथ विलय के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में एक आवेदन दायर किया गया था.
सबसे बड़ा सौदा
अपने-अपने क्षेत्र के 2 दिग्गजों के विलय को भारत के कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़े सौदे के रूप में देखा जा रहा है. इसे आरबीआई और स्टॉक एक्सचेंज द्वारा सैद्धांतिक रूप से पहले ही मंजूरी दे दी गई है. आपको बता दें कि एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड दोनों ही सेंसेक्स की शीर्ष 10 कंपनियों में शामिल हैं. एचडीएफसी लिमिटेड जहां देश की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी हैं तो वहीं एचडीएफसी बैंक निजी क्षेत्र का देश का सबसे बड़ा बैंक है.
सौदे का आकार समझें
यह सौदा करीब 40 अरब डॉलर का है और इस विलय के बाद निजी क्षेत्र में एक बहुत बड़ी कंपनी का जन्म होगा. इस प्रस्तावित इकाई का कम्बाइंड एसेट बेस लगभग 18 लाख करोड़ रुपये होगा. विलय के वित्त वर्ष 24 की दूसरी या तीसरी तिमाही तक पूरा होने की उम्मीद है, जो रेगुलेटरी अप्रूवल के अधीन है. सौदा प्रभावी होने के बाद, एचडीएफसी बैंक 100 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारकों के स्वामित्व में होगा और एचडीएफसी के मौजूदा शेयरधारकों के पास बैंक का 41 प्रतिशत हिस्सा होगा.