खेत की पैमाइश लटकाने पर IAS, 3 PCS सस्पेंड, विधायक का वीडियो वायरल होने पर 6 साल पुराने मामले में कार्रवाई

खेत की पैमाइश लटकाने पर IAS, 3 PCS सस्पेंड, विधायक का वीडियो वायरल होने पर 6 साल पुराने मामले में कार्रवाई

1 IAS-3 PCS Officers Suspended in UP

1 IAS-3 PCS Officers Suspended in UP

लखनऊ : 1 IAS-3 PCS Officers Suspended in UP: सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) का सख्त एक्शन एक बार फिर सामने आया है. इस बार RSS पदाधिकारी की जमीन की पैमाइश में लापरवाही के आरोप में राज्य सरकार ने एक आईएएस और तीन पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया. शासन की ओर से बुधवार की देर रात इस बात की जानकारी मीडिया को दी गई है. सभी निलंबित अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू करके उन्हें राजस्व विभाग से संबद्ध कर दिया गया है. माना जा रहा है कि आने वाले समय में उनके खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर यह एक्शन लिया गया है. लखीमपुर खीरी में खेत की पैमाइश लटकाए रखने पर एक आईएएस और तीन पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.

ये है मामलाः जानकारी के मुताबिक निलंबित अफसरों पर RSS से जुड़े एक वरिष्ठ पदाधिकारी की जमीन नापने में टालमटोल करने का आरोप है. ये प्रकरण 6 वर्षों से लंबित था. उस अवधि में जितने भी अधिकारी तैनात थे सबके विरुद्ध कार्रवाई हुई है. वर्तमान में वे अलग-अलग जिलों में तैनात थे। इन तीनों अधिकारियों को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है.

ये अफसर हुए निलंबितः शासन ने आईएएस अधिकारी व अपर आयुक्त लखनऊ मंडल धनश्याम सिंह को निलंबित कर दिया है. पीसीएस अधिकारियों में बाराबंकी के एडीएम (वित्त एवं राजस्व) अरुण कुमार सिंह, झांसी के नगर मजिस्ट्रेट विधेश सिंह, बुलंदशहर की एसडीएम रेनु को निलंबित किया गया है. आरोप है कि इन चारों अधिकारियों ने लखीमपुर खीरी में अपनी तैनाती के दौरान RSS नेता की जमीन पैमाइश के मामलों में टालमटोल की. इसकी सरकार जांच करवा रही है.

नियुक्ति विभाग ने दी जानकारीः नियुक्ति विभाग की ओर से जानकारी दी गई है कि इन सभी अधिकारियों को निलंबित करके राजस्व विभाग से अटैच कर दिया गया है. निलंबन के दौरान इनका गुजारा भत्ता दिया जाएगा जो की वेतन का लगभग 50% होगा. इसके अतिरिक्त इनका समय-समय पर राजस्व विभाग में अपनी हाजिरी दर्ज करानी होगी. राजस्व विभाग के उच्च अधिकारियों को इस मामले की जांच दे दी गई है. अगले दो से तीन महीने के भीतर जांच पूरी करके अधिकारियों के खिलाफ दंड का प्रावधान किया जाएगा.