टीका लगवाने में मर्जी कैसी
- By Vinod --
- Monday, 17 Jan, 2022
how would you like to get vaccinated
देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर सक्रिय है, लेकिन टीकाकरण अभियान का भी एक वर्ष पूरा हो गया है। बीते वर्ष यही समय था, जब लोगों को टीका लगवाने के लिए सरकार बार-बार आग्रह कर रही थी वहीं विशिष्ट हस्तियों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा था, हालांकि फरवरी, मार्च और अप्रैल के महीने बेहद भारी गुजरे थे। खैर इस बार नौबत ऐसी नहीं है, लेकिन फिर भी संक्रमण के केस लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में टीकाकरण और आवश्यक हो गया है। सरकार ने अब प्रबंध किया है कि 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को बूस्टर डोज भी लगाई जाएगी। दुनिया के बाकी देशों की तुलना में भारत में कोरोना का टीका बहुत तेजी से और समय पर लगाया गया है, सरकारी आंकड़े बताते हैं कि इस समय 157 करोड़ से ज्यादा डोज लगाई जा चुकी हैं। देश की 93 फीसदी वयस्क आबादी को टीके की पहली डोज लग चुकी है जबकि 69.8 फीसदी से अधिक का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि यह दुनिया का सबसे सफल टीकाकरण अभियान है।
हालांकि केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान यह भी कहा है कि किसी को टीका लगवाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। एक याचिका के जवाब में दाखिल हलफनामे में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि किसी को कोविड वैक्सीन लगवाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। केंद्र सरकार के अनुसार टीकाकरण को लेकर जारी उसके दिशा-निर्देश बिना किसी व्यक्ति की असहमति के उसे टीका लगाने को नहीं कहते। विकलांगों को टीकाकरण का सबूत दिखाने से छूट देने के मुद्दे पर सुनवाई के दौरान सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि ऐसी कोई मानक प्रक्रिया नहीं है, जिसके तहत कोविड वैक्सीन के सर्टिफिकेट को दिखाना अनिवार्य होगा। सरकार ने यह हलफनामा एक सामाजिक संस्था की याचिका के जवाब में दाखिल किया है। दरअसल, संस्था ने न्यायालय में याचिका दायर कर कहा है कि सरकार को निर्देश दिए जाएं कि विकलांग लोगों को घर-घर जाकर कोविड का टीका लगाया जाए। इसके जवाब में सरकार की ओर से यह जवाब दाखिल किया गया है। दरअसल, यह स्वास्थ्य का मामला है, लेकिन एक लोकतांत्रिक राज्य में सरकार किसी पर अपनी मर्जी नहीं थोप सकती, क्योंकि यह तब है जब टीकाकरण कराने के संबंध में कोई कानून नहीं बनाया गया है। ऐसे में यह प्रत्येक व्यक्ति की निजी इच्छा है कि वह टीका लगवाए या नहीं। हालांकि टीका न लगवाने के परिणाम क्या हो सकते हैं, यह दूसरी लहर में भी खूब देखा गया है और अब तीसरी लहर में भी यह सामने आ रहा है। दिल्ली सरकार ने अभी दो दिन पहले ही दावा किया था कि कोरोना से हुई मौतों में उनकी संख्या ज्यादा है, जिन्होंने एक भी टीका नहीं लगवाया था। वही वजह है कि केंद्र सरकार न्यायालय में कह रही है कि समुचित विज्ञापन, संचार और सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से प्रचार किया जा रहा है कि सभी नागरिकों को टीका लगवाना चाहिए।
गौरतलब है कि भारत में अमेरिका के बाद कोविड के सबसे ज्यादा 3.7 करोड़ मामले सामने आ चुके हैं। देश में चार लाख 86 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। ओमीक्रोन वेरिएंट के सामने आने के बाद देश में संक्रमण एक बार फिर उफान पर है लेकिन अधिकारियों का कहना है कि अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या ज्यादा नहीं है। इस बीच देश में कोरोना के आतंक के बीच एक रपट यह भी सामने आ रही है कि देश में बीते 24 घंटे में कोरोना के 2,58,089 नए मामले सामने आए हैं जो कि पिछले दिन से 13,113 कम हैं। कोरोना से ठीक होने वाले लोगों में भी इजाफा हुआ है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह दावा करते हुए बताया है कि भारत में पिछले 24 घंटे में 1,51,740 कोरोना मरीज ठीक हुए हैं और 385 लोगों की मौत हुई है। तीसरी लहर में यह पहली दफा है जब कोरोना केसों में 24 घंटों में इतनी कमी देखने को मिली है। अब कोरोना के कुल एक्टिव केसों की संख्या 16,56,341 हो गई है। कोरोना से ठीक होने वालों की बात करें तो यह आंकड़ा 3,52,37,461 पर पहुंच गया है। देशभर में कुल मौतें अब 4,86,451 हो गई है।
चंडीगढ़ समेत आसपास के शहरों में कोरोना से अभी तक 8 की मौत हो चुकी है, यहां एक दिन में 4217 नए केस भी मिले हैं। लेकिन यह भी सही है कि चंडीगढ़ देश में पॉजिटिविटी रेट के मामले में सातवें स्थान पर है। प्रशासन की रिपोर्ट है कि चंडीगढ़ के मुकाबले पंजाब और हरियाणा में पॉजिटिविटी रेट सबसे कम है। पंजाब में पॉजिटिविटी रेट जहां 17.5 फीसदी है तो हरियाणा में यह रेट 15.5 फीसदी दर्ज किया गया है। बावजूद इसके चंडीगढ़ में संक्रमण का बढ़ता दायरा चिंता की बात है। शहर में प्रशासन की ओर से भीड़ वाली जगह पर पाबंदी लगाई गई हैं, लेकिन फिर भी वहां जमावड़ा देखा जा रहा है। हरियाणा में नो मास्क नो सर्विस का रूल लागू किया गया है, लेकिन फिर भी सरकारी दफ्तरों में बगैर मास्क के लोग मिल रहे हैं। इसी प्रकार पंजाब के हालात हैं। दरअसल, कोरोना संक्रमण कभी खत्म नहीं होगा अगर इंसानी लापरवाही ऐसे ही जारी रही। कोरोना को हराने के लिए प्रत्येक का टीकाकरण जहां जरूरी है वहीं स्वास्थ्य संबंधी सभी सावधानियां बरते जाने की भी आवश्यकता है।