देवाशीष बिंदल ने कैसे पास की सिविल सर्विस परीक्षा ? अग्रसेन कॉलोनी वासियों ने किया सम्मानित
Civil Services Examination
देवाशीष बिंदल ने सिविल सर्विस परीक्षा में 301वां स्थान प्राप्त किया, अग्रसेन कॉलोनी वासियों ने किया सम्मानित।
हिसार। अप्रैल 23: Civil Services Examination: हिसार की अग्रसेन कॉलोनी के 26-वर्षीय युवा देवाशीष बिंदल ने यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा में 301वां स्थान प्राप्त किया है। देवाशीष हिसार के डी एन कॉलेज की पूर्व प्रोफेसर डॉ गीता बिंदल के सुपुत्र हैं। गीता बिंदल वर्तमान में दिल्ली विश्वद्यालय में अंग्रेजी की एसोसिएट प्रोफेसर हैं।
देवाशीष की सफलता पर आज अग्रसेन कॉलोनी वासियों ने स्थानीय तिकोना पार्क में उनका स्वागत किया। तिकोना पार्क विकास समिति के प्रधान मास्टर ज़िले सिंह व प्रो ओपी छिकारा ने उन्हें गुलाब के फूल देकर आशीर्वाद दिया तथा उज्जवल भविष्य के लिए शुभ कामनाएं दी।
दूरदर्शन के पूर्व निदेशक अजीत सिंह ने कहा कि देवाशीष ने अपनी मेहनत से अपना व अपने परिवार का ही नहीं, अपितु अपनी कॉलोनी, अपने शहर और हरियाणा राज्य का भी नाम रौशन किया है।
देवाशीष ने इस अवसर पर सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी और भावी प्रशासक के रूप में अपने विचार भी कॉलोनीवासियों के साथ सांझा किए। उन्होंने सेंट फ्रांसिस जेवियर स्कूल से सीनियर सेकेंडरी तथा दयानंद कॉलेज हिसार से बी एस सी की परीक्षा पास की और बाद में इंग्लिश में एमए किया।
सिविल सर्विस परीक्षा की मूल प्रेरणा उन्हें अपने नाना प्रो एस एन मंगला से मिली जो आरकेएसडी कॉलेज कैथल के लोकप्रिय अंग्रेजी अध्यापक रहे हैं और उन्होंने अपनी सभी तीनों बेटियों को एम ए इंग्लिश पास कराया।
देवाशीष ने तीसरे साल परीक्षा पास की गणित की बजाय सोशियोलॉजी का विषय लेकर।
उनके फुटबाल टीम के सीनियर खिलाड़ी राहुल बूरा आईएएस में और स्कूल समय के सीनियर अपराजित लोहान आईपीएस में आ गए थे। उनसे देवाशीष को सही मार्गदर्शन मिला।
वे बताते हैं की जो भी परीक्षा निकलती थी, उन्होंने सभी का इम्तिहान दिया। वे 15 से अधिक परीक्षाओं में बैठे, बेशक उनमें पास नहीं हुए, पर इनमें प्राप्त अनुभव से उन्हें आखरी परीक्षा पास करने में बहुमूल्य योगदान मिला।
देवाशीष को लगता है कि उनकी रैंकिंग के हिसाब से उन्हें रेवेन्यू सर्विस मिलेगी। अभी उनके पास सिविल सर्विस के तीन और अवसर हैं पर वे आगे जाने का फैसला वर्क लाइफ के उचित बैलेंस को लेकर करेंगे, न कि किसी बड़ी अथॉरिटी की प्राप्ति को लेकर। वे ऐसी नौकरी चाहते हैं जिसमें काम के साथ उनके अपने लिए और परिवार के लिए भी समय हो। फोटोग्राफी देवाशीष की हॉबी है। उन्हें कृषि विश्वविद्यालय कैम्पस में या कॉलोनी के तिकोना पार्क में फूलों व पेड़ों के चित्र लेते देखा जाता था।
देवाशीष ने कहा कि कुछ बड़े अधिकारी जनता से दूरी बना लेते है पर एक प्रशासक के तौर पर उनकी कोशिश रहेगी कि आम आदमी से संपर्क बना रहे और शीघ्रातिशीघ्र उसकी समस्या हल की जाए।
सिविल सर्विस परीक्षा के इच्छुक युवाओं को उनकी सलाह है कि वे समाचार पत्र अवश्य पढ़ें तभी विषय की गहराई का पता चलेगा। यूपीएससी में सिर्फ जानकारी से काम नहीं चलता। गहन और व्यापक अध्ययन होना चाहिए। यह देखते हुए कि देवाशीष के स्कूल और कॉलेज के नाम महान समाज सुधारकों के नाम पर हैं, यूपीएससी के इंटरव्यू में उनसे पूछा गया था कि सेंट फ्रांसिस जेवियर और स्वामी दयानंद के विचारों में क्या समानता है। आजकल यूट्यूब पर मॉक इंटरव्यू से बड़ी मदद मिलती है। हर शाम हम तीन दोस्त दिन के अखबारों का विश्लेषण करते थे और सही निष्कर्ष पर पहुंचने की कोशिश करते थे। तैयारी मूड बनने से नहीं होती। रोज़ाना समय बांध कर ऐसे तैयारी करनी पड़ती है जैसे दस से पांच दफ्तर की नौकरी।
इस अवसर पर अग्रसेन कॉलोनी वासी डॉक्टर रामलाल गोयल, पूर्व इंजीनियर प्रवीण जांगड़ा, जगदीश गुप्ता, एडवोकेट मुकेश जांगड़ा, राममेहर सिंह, राजकरण वर्मा, तेजबीर शर्मा, सुभाष शर्मा, सुभाष झांब, रामेश्वर गुप्ता, श्रीमती कांता गुप्ता, मेहरचंद ऐरन, सुभाष गर्ग, छोटू गुप्ता व चांदीराम सहित अनेक नागरिक उपस्थित थे।