माननीय रेल राज्‍यमंत्री श्रीमती दर्शना विक्रम जरदोश ने चिनाब पुल का निरीक्षण किया

माननीय रेल राज्‍यमंत्री श्रीमती दर्शना विक्रम जरदोश ने चिनाब पुल का निरीक्षण किया

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परियोजना की समीक्षा कर परियोजना के शेष कार्य को मिशन मोड में पूरा करने के निर्देश दिए
उन्‍होंने किए गए कार्य की गुणवत्‍ता की सराहना की
भारतीय रेल, कश्‍मीर घाटी को रेल नेटवर्क से जोड़ने की ओर अग्रसर है

Railway News: माननीय केंद्रीय कपड़ा और रेल राज्‍यमंत्री, श्रीमती दर्शना विक्रम जरदोश ने दिनांक 25.4.2023 को कश्‍मीर घाटी(Kashmir Valley) में दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल, चिनाब पुल का निरीक्षण(inspection of chenab bridge) किया ।  इस अवसर पर मंत्री जी के साथ यूएसबीआरएल के मुख्‍य प्रशासनिक अधिकारी(Chief Administrative Officer, USBRL) श्री एस.पी.माही, केआरसीएल के ईडी, श्री आर.के.हेगड़े तथा उत्‍तर रेलवे व केआरसीएल की टीम के लोग भी उपस्‍थित थे ।  श्रीमती जरदोश के निरीक्षण के दौरान  श्री एस.पी.माही ने मंत्री जी को परियोजना की स्‍थिति तथा चिनाब पुल की विशेषताओं से अवगत कराया ।
     कश्‍मीर घाटी  में परियोजना की समीक्षा करते हुए मंत्री जी ने कहा कि परियोजना का उद्देश्‍य क्षेत्र का विकास करना है ।  यह परियोजना क्षेत्र के लिए भी उपयोगी साबित होगी । उन्‍होंने कहा कि कश्‍मीर घाटी को हर मौसम में देश के शेष भाग से जोड़ने वाली एक बेहतर रेल  यातायात प्रणाली देने के लिए जम्‍मू एवं कश्‍मीर के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा किया जाएगा ।  माननीय मंत्री जी ने परियोजना पर कार्य कर रहे इंजीनियरों से परियोजना के शेष भाग को मिशन मोड में तेजी से पूरा करने के लिए कहा । उन्‍होंने किए गए कार्य की गुणवत्‍ता की सराहना की।
    भारतीय रेलवे, प्रतिदिन, कश्‍मीर घाटी को देश के शेष रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए अग्रसर है ।  दिनांक 5.4.2021 करे आर्क क्‍लोज़र को पूरा करने और दिनांक 16.8.22 को गोल्‍डन ज्‍वाईंट का कार्य सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद दुनिया के इस सबसे लंबे रेल पुल चिनाब ब्रिज  पर ट्रैक लिंकिंग का कार्य भी 21.3.2023 को पूरा हो गया है ।
    कुल 272 किलोमीटर की यूएसबीआरएल परियोजना में से 161 किलोमीटर रेल पथ का कार्य तीन चरणों में पूरा किया गया है ।  इसका पहला चरण 118 किलोमीटर बारामूला-काजीगुण्‍ड वर्ष 2009 में, दूसरा चरण 18 किलोमीटर काजीगुण्‍ड-बनिहाल वर्ष 2013 में, इसके अंतर्गत 11.2 किलोमीटर लंबी भारत की सबसे लंबी परिचालन यातायात सुरंग शामिल है तथा तीसरा चरण 25 किलोमीटर का उधमपुर-कटरा वर्ष  2014 में पूरा हुआ ।
    दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल, चिनाब ब्रिज, यूएसबीआरएल के कटरा-बनिहाल सैक्‍शन पर स्‍थित है, यह अपने कठिन भू-भाग और प्रतिकूल मौसम की स्‍थितियों के कारण परियोजना का सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्‍सा है ।  इस रेल लाइन पर बड़ी संख्‍या में पुल और सुरंगे हैं ।  यह रेल लाइन सलाल हाइड्रो पॉवर बांध के निकट चिनाब नदी के गहरे खड्डों को पार करती है ।  आजादी के बाद, पहली बार यूएसबीआरएल परियोजना कश्‍मीर घाटी को सभी मौसम में रेल सम्‍पर्क उपलब्‍ध करायेगी ।  कश्‍मीर को निर्बाध और सुगम रेल सम्‍पर्क प्रदान करने में यूएसबीआरएल के महत्‍व को देखते हुए, 272  किलोमीटर लंबी इस परियोजना को वर्ष 2002 में राष्‍ट्रीय महत्‍व  की परियोजना घोषित किया गया था । 
    467 मीटर के सेंट्रल आर्क स्‍पैन के साथ 1315 मीटर की ल्रबाई वाले इस पुल का निर्माण समुद्र  तल से 359 मीटर (कुतुब मीनार से 72 मीटर ऊ़ंचा) और एफिल टॉवर (324 मीटर ऊ़ंचा) से अधिक ऊंचाई पर किया जा रहा है ।  यह इस ग्रह का सबसे ऊंचा रेल है ।  चिनाब पुल के निर्माण का कार्य चिनाब ब्रिज प्रोजेक्‍ट अंडरटेकिंग (AFCONS-ULTRA-VSL JV) को दिया गया है जिसमें AFCON  प्रमुख भागीदार है ।

चिनाब पुल की मुख्‍य विशेषताएं इस प्रकार हैं (The salient features of Chenab Bridge are as follows) :-

  • ब्रिज को 266 किमी प्रति घंटे की हवा की गति के हिसाब से डिजाइन किया गया है।
  • पुल निर्माण में 28660 मीट्रिक टन स्टील और 67000 घन मीटर से अधिक कंक्रीट का उपयोग किया गया है।
  • भारत में पहली बार कंक्रीट से भरे आर्क का उपयोग किया गया।
  • भारतीय रेलवे पर पहली बार पुल के निरीक्षण और रखरखाव के लिए बिजली से चलने वाली कारें उपलब्ध कराई जा रही हैं।
  • स्टेट ऑफ आर्ट इंस्ट्रूमेंटेशन के लिए एक सतत स्वास्थ्य निगरानी और चेतावनी प्रणाली प्रदान की जा रही है।
  • पुल के इस्पात मेम्‍बरों को खड़ा करने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली केबल क्रेन असेंबली की लंबाई 915 मीटर है, जोकि दुनिया में सबसे लंबी है।
  • 127 मीटर की ऊंचाई पर स्थित केबल क्रेन के पायलन में से एक 72 मीटर का है जोकि कुतुब मीनार से भी ऊंचा है।
  • वेल्ड के निरीक्षण के लिए चरणबद्ध सरणी अल्ट्रासोनिक परीक्षण मशीन इस्‍तेमाल में लाई गई।
  • पहली बार, भारतीय रेलवे में वेल्डेड एलीमेंटो के परीक्षण के लिए एनएबीएल (प्रयोगशालाओं के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड) मान्यता प्राप्त लैब को साइट पर स्थापित किया गया है।
  • ब्रिज को ज़ोन -5  के भूकंप बलों को सहन करने के हिसाब से डिज़ाइन किया गया है।
  • एस-40 नींव पर 169 मीटर का उच्चतम स्टील पायर कुतुब मीनार से भी 72 मीटर ऊंचा है और भारतीय रेलवे पर निर्मित उच्चतम पायर है।

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