निरंकारी संत समागम में दिया एकत्व का पावन संदेश
- By Krishna --
- Friday, 16 Dec, 2022
Holy message of unity given in Nirankari Sant Samagam
Holy message of unity given in Nirankari Sant Samagam : अजमेर। निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा महाराज (Nirankari Satguru Mata Sudiksha Maharaj) के विश्व कल्याण यात्रा के तहत उनकी पावन छत्रछाया में दिनाक 15 दिसम्बर 2022 को सुबह 11 बजे से 2 बजे तक निरंकारी संत समागम का आयोजन रामगंज स्थित दयानन्द कॉलेज ग्राउण्ड अजमेर (Dayanand College Ground Ajmer situated in Ramganj) में आयोजित हुआ। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के अजमेर में पहली बार आगमन पर निरंकारी भक्तों एवं श्रृद्धालुओं ने जयघोष की ध्वनि के साथ भव्य स्वागत सत्कार किया । सम्पूर्ण वातावरण ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानो जैसे पूरा ब्रह्माण्ड ही भक्तिमय हो गया हो ।
समागम में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज (Nirankari Satguru Mata Sudiksha Maharaj) ने अपने प्रवचनों में फरमाया कि जो समय बीत रहा है उसे पूरे मन से जिया जाये और सांसों का सदुपयोग करते हुए सही रुप में मनुष्य बन पायें परमात्मा को जानकर मन में विश्वास बनाकर जीते जी मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है संतों का मन हर समय परमात्मा पर टिका रहता है जिससे आनन्द की अवस्था आ जाती है, परमात्मा का सच्चा रंग जीवन में आये और सेवा सत्संग सिमरन करते जायें । माताजी ने समय की महत्ता का जिक्र करते हुए फरमाया कि जीवन का हर एक क्षण अनमोल है जिसे व्यर्थ में न गवाते हुए ईश्वर की पहचान करें तदोपरान्त ही वास्तविक भक्ति का आरम्भ होता है किन्तु हम व्यर्थ की चिंताओं में घिरे रहते हैं और आने वाले क्षणों के काल्पनिक विचारों में डूब जाते हैं और जीवन का जो मूल उद्देश्य है इस परमात्मा की जानकारी उसको भूल जाते हैं, संतो ने सदैव ही यही समझाया है कि इस जीवनकाल में मोक्ष की प्राप्ति सम्भव है यह अवस्था परमात्मा पर विश्वास, उससे प्रेम करने के उपरान्त ही आती है । किसी भी परिस्थिति में शुकराने का भाव रखते हुए समान दृष्टिकोण को अपनाना चाहिए ।
सत्गुरु माता जी (Satguru Mata Ji) ने संतो का उदाहरण देते हुए यह भी फरमाया कि संतो का जीवन सरल, सहज एवं एक समान होता है क्योंकि उनकी आस्था हर पल में इस परमात्मा से जुडी हुई होती है फिर चाहे कैसी भी विषम परिस्थिति क्यों न हो उनकी भक्ति अडिग ही रहती है । परमात्मा से प्रेम होने पर समस्त संसार और उसमें विद्यमान हर एक वस्तु से प्रेम हो जाता है किसी अन्य रंग को न लेते हुए सिर्फ सच्चा रंग अर्थात् परमात्मा के प्रेम का दिव्य रंग अपने ऊपर चढायें तभी भक्ति और सुदृढ होगी । परमात्मा पूरे ब्रह्माण्ड का कर्ता है उसकी अनुभूति हर कार्य को सहजता से स्वीकार करने की अनुभूति देती है ।
अजमेर के जोनल संयोजक धमनदास (Ajmer's Zonal Coordinator Dhamandas) निरंकारी ने सभी सेवादारों का शुक्रिया अदा करते हुए सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज (Satguru Mata Sudiksha Ji Maharaj) से सभी संतजनों के लिए आर्शीवाद प्राप्त किया । इस विशाल संत समागम में सम्मिलित वक्ताओं एवं कवियों ने अपने विचारों को व्याख्यान, गीत, भजन, कविता आदि विद्याओं के माध्यम से प्रस्तुत किया जिसमें अनेकता में एकता का सुन्दर स्वरुप एवं वधुधैव कुटुम्बकम की अनुठी छवि दर्शायी गई ।
अजमेर के जोनल संयोजक धमनदास (Ajmer's Zonal Coordinator Dhamandas) ने बताया कि यह सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज को अजमेर में पहला आगमन होने पर माता जी का भव्य स्वागत किया गया । अजमेर के सत्संग कार्यक्रम के लिए समागम व्यवस्था हेतु 2000 से अधिक सेवादारों ने समर्पण भाव से अपनी सेवाऐं दी । समागम (Samagam) में संतों ने विभिन्न भाषाओं में अपने विचार और गीत रुप में भाव रखे साथ ही अजमेर जोन के शारीरिक रुप से पीडित भक्तों से भी माताजी ने व्यक्तिगत रुप से मिल कर उन्हें आर्शीवाद प्रदान किया ।
संत समागम (Sant Samagam) में अजमेर एवं आस पास के जिलों भीलवाडा, नागौर, टोंक, जोधपुर, ब्यावर, महेन्द्रगढ, राजसमन्द, नसीराबाद, पाली, चित्तौडगढ, उदयपुर आदि क्षेत्रों सहित अन्य राज्यों से आये लगभग 15 हजार संत महापुरुष एवं भक्तगण शामिल हुए। समागम में अजमेर उत्तर के विधायक प्रो. वासुदेव देवनानी, राजस्थान कांग्रेस कमेटी के प्रत्याशी महेन्द्र सिंह रलावता (Rajasthan Congress Committee candidate Mahendra Singh Ralawta), पार्षद रश्मि हिंगोरानी, सतगुरु ग्रुप के वाईस प्रेसिडेन्ट राजा ठारानी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री नेम सिंह रावत (Additional Superintendent of Police Mr. Nem Singh Rawat) ने सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज का आर्शीवाद लिया ।
भव्य संत समागम की सफलता में सहयोग के लिए अजमेर के जोनल संयोजक धमनदास निरंकारी ने जिले के सभी प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस प्रशासन, यातायात पुलिस एवं दयानन्द कॉलेज अजमेर प्रशासन का आभार एवं धन्यवाद प्रकट किया ।
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