17 साल की उम्र में आर्मी जॉइन की और बॉर्डर पर गंवा दिया पैर, अब देश के लिए जीता मेडल

17 साल की उम्र में आर्मी जॉइन की और बॉर्डर पर गंवा दिया पैर, अब देश के लिए जीता मेडल

Hokato Sema Wins Bronze Medal

Hokato Sema Wins Bronze Medal

Hokato Sema Wins Bronze Medal: होकाटो होतोजे सेमा ने इतिहास रच दिया है. वह देश के लिए पेरिस पैरालंपिक 2024 में मेडल लाने वाले 27वें एथलीट बन गए हैं. 40 वर्षीय होकाटो ने मेंस शॉट पुट F57 इवेंट में अदम्य साहस का परिचय देते हुए देते हुए 14.65 मीटर थ्रो के साथ इवेंट में तीसरा स्थान हासिल किया. जिसके साथ वह ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम करने में कामयाब रहे. 

कौन हैं होकाटो होतोजे सेमा?

पेरिस पैरालंपिक में मेडल जीतते ही होकाटो होतोजे सेमा सुर्खियों में आ गए हैं. हर कोई उनके निजी जीवन के बारे में जानना चाहता है. अगर आप भी सेमा के बारे में जानना चाहते हैं तो बता दें कि उनकी मौजूदा उम्र 40 साल है. वह नागालैंड से ताल्लुक रखते हैं. उनका जन्म 24 दिसंबर 1983 को एक साधारण परिवार में हुआ था.

होकाटो होतोजे सेमा के पिता एक किसान हैं. जिनको कुल 4 बच्चे हुए. इनमे होकाटो उनकी दूसरी संतान हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि ब्रॉन्ज मेडलिस्ट होकाटो ने महज 17 साल की उम्र में ही भारतीय सेना को जॉइन का लिया था. उनके अंदर बचपन से ही देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा था. इसलिए उन्होंने सेना में शामिल होने का फैसला लिया.

हालांकि, उनकी उम्मीदों को तब बड़ा झटका लगा जब वह अपने पद पर रहते हुए 14 अक्टूबर, 2002 को एक काउंटर घुसपैठ ऑपरेशन के दौरान LOC पर बुरी तरह से घायल हो गए. दरअसल, होकाटो एक माइन विस्फोट की चपेट में आ गए थे. जिसकी वजह से उन्हें अपना बायां पैर गंवाना पड़ा. 

अब होकाटो ने रचा इतिहास 

इतने बड़े हादसे के बाद जहां लोग अपना सुध-बुध खो देते हैं. वहीं होकाटो ने इतिहास रच दिया है. भारतीय नौजवान ने ठीक होने के बाद एथलीट बनने के लिए अथाह मेहनत की. जिसका नतीजा अब देखने को मिल रहा है. वह देश के लिए शॉट पुट F57 वर्ग प्रतिस्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल हासिल करने में कामयाब हुए हैं.

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