History Of Laddu: क्या आपको पता है कि बीमारी का इलाज करने के लिए खाया जाता था "लड्डू", चलिए जानते है इसका इतिहास
- By Sheena --
- Sunday, 13 Aug, 2023
History Of Laddu How it Produce
History Of Laddu: भारत में लड्डू का महत्व धार्मिक और संस्कृति से भी जुड़ा है। कहने को तो ये एक मिठाई है और भारत में इसका महत्व इतना ज्यादा है कि शगुन, पूजा, कीर्तन, शुभ काम आदि में लड्डू के साथ ही माथा टेक कर इससे मुंह मीठा किया जाता है और साथ ही इसे अक्सर मंदिरों में प्रसाद के रूप में खाया जाता है। कोई भी त्योहारों, फंक्शन और धार्मिक आयोजन ही , लड्डू की मिठाई के बिना सब फीके लगते है। पुराने समय में इस मिठाई का सेवन करना सबसे ऊपर माना जाता था क्योंकि लड्डू भगवान कृष्ण ने भी बहुत चाव के साथ लड्डू खाए थे। कई ऋषि-मुनियों ने भी लड्डू खाना पवित्र और शुद्ध भोज माना है। आज, लड्डू भारत में काफी लोकप्रिय है, जिसका आनंद बच्चों से लेकर बड़ों तक लेना पसंद करते हैं।
लड्डू नाम का अर्थ
माना जाता है कि लड्डू सबसे पुरानी भारतीय मिठाइयों में से एक है। यह सदियों से भारतीय व्यंजनों का अभिन्न अंग रहा है। 'लड्डू' नाम संस्कृत शब्द 'लड्डुका' से लिया गया है, जिसका अर्थ है छोटी गेंद। लड्डू का जिक्र महाभारत और रामायण जैसे प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में भी किया गया है। इन ग्रंथों में, लड्डू को 'मोदक' कहा गया है।
लड्डू का इतिहास
इन लड्डुओं का इतिहास काफी रोचक है। इतिहासकारों के अनुसार, लड्डू बनाने की शुरुआत चौथी शताब्दी ईसा पूर्व हुई थी। उस समय लड्डू का आविष्कार महान भारतीय चिकित्सक सुश्रुत ने किया था। उस सदी में ये लड्डू गुड़, शहद, मूंगफली, तिल आदि चीज़ों को कूटकर तैयार किया जाता था। जो रोगियों के इलाज में दवा के रूप मे दिया जाता था। यहां तक कि लड्डू को चोल वंश में सैनिक 'गुड लक' मानते थे। वो जब भी युद्ध के लिए निकलते थे, अपने साथ लड्डू लेकर जाते थे। पहले इसे बनाने के लिए गुड़ का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन बाद में गुड़ के बजाए चीनी का इस्तेमाल होने लगा। इससे लड्डू के चाहने वालों की संख्या बढ़ती गई।
भारत के मशहूर लड्डू
1.बेसन के लड्डू
हमारे देश में बेसन के लड्डू लोगों की फेवरेट मिठाई है। यह भुने हुए बेसन, चीनी और घी से बनाई जाती है, जिसका आनंद किसी भी अवसर पर लिया जा सकता है। बेसन के लड्डू स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिक भी होते हैं. बेसन प्रोटीन, फाइबर और जटिल कार्बोहाइड्रेट का एक अच्छा स्रोत है, दूसरी ओर, घी विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है और कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। इसलिए बेसन के लड्डू स्वाद के साथ सेहत के लिए भी बेहतरीन है।
मोतीचूर लड्डू
"मोतीचूर" हिंदी शब्द "मोती" से बना है जिसका अर्थ है मोती, और "चूर" जिसका अर्थ है टेढ़ा-मेढ़ा, जो मिठाई की बनावट को दर्शाता है। यह लड्डू बेसन की बूंदी से बनाई जाती है, बूंदी को लड्डुओं का आकार दिया जाता है, फिर चीनी की चाशनी में भिगोया जाता है।
नारियल का लड्डू
नारियल के लड्डू ताज़ा कसा हुआ नारियल, चीनी और दूध से बनाई जाती है। यह पूरे भारत में प्रसिद्ध है, खासकर दिवाली, नवरात्रि और होली जैसे त्योहारों के दौरान नारियल के लड्डू बनाए जाते हैं। नारियल में हेल्दी फैट्स, फाइबर, आयरन, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत के लिहाज से भी फायदेमंद है।
तिल के लड्डू
तिल के लड्डू को तिलगुल लड्डू या तिल के बीज के लड्डू के नाम से भी जाना जाता है। लोग इसे सर्दियों के मौसम में खाना खूब पसंद करते हैं। मकर संक्रांति पर ये लड्डू जरूर बनाए जाते हैं । इसे तिल, गुड़ और घी से बनाया जाता है, जो ठंड के मौसम में शरीर को ऊर्जावान रखता है। तिल के बीज प्रोटीन, हेल्दी फैट्स, कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन से भरपूर होते हैं।
बेसन का लड्डू
पिन्नी लड्डू भुने और पिसे हुए गेहूं के आटे, चने के आटे (बेसन), गुड़, चीनी, और घी से तैयार किया जाता है। इसमें बादाम, काजू और किशमिश भी मिक्स करते हैं। पिन्नी लड्डू सर्दियों का लोकप्रिय मिठाई है। खासकर इसे लोहड़ी त्योहार में पारंपरिक रूप से बनाया जाता है।
गाजर के लड्डू
गाजर के लड्डू दरअसल, गाजर के हलवे से बनाए जाते है। जिसके लिए गाजर का हलवा खूब देसी घी और किशमिश के साथ गाजर को अच्छे से कदूकस करके बनाया जाता है फिर इसे थोड़ा ठंडा होने पर लड्डू बनाएं जाते है जो खाने में बेहद स्वादिष्ट होते है।