आज की तारीख '11 जून ' का ऐतिहासिक महत्व
आज की तारीख '11 जून ' का ऐतिहासिक महत्व
Historical importance of today's date – प्रत्येक दिन विश्व में कुछ न कुछ ऐसा होता है जो की एक महत्वपूर्ण इतिहास (Important History) बन जाता है जैसे, खेल जगत में रिकॉर्ड बनना, किसी प्रसिद्द व्यक्ति का जन्म व् मृत्यु, आज के दिन के महत्वपूर्ण दिवस, विज्ञान में अविष्कार, आदि । भारत (India) और विश्व (World) में आज के दिन बहुत सी ऐसी प्रमुख ऐतिहासिक घटनायें (Historical Events) हुई जिनका जिक्र आज भी इतिहास (History) के पन्नो में किया गया है ।
1776- अमेरिका की स्वतंत्रता का घोषणा पत्र तैयार करने के लिए समिति बनाई गई।
1866- इलाहाबाद उच्च न्यायालय की स्थापना हुई।
1897- महान स्वतंत्रता सेनानी राम प्रसाद बिस्मिल का जन्म।
1901- न्यूजीलैंड ने क्रुक द्वीप पर कब्जा किया।
1909- भारतीय विधिवेत्ता, राजनीतिज्ञ और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष के.एस. हेगड़े का जन्म।
1911- ब्रिटिश गिटार वादक ग्रेम रसेल का जन्म।
1921- ब्राजील में महिलाओं को मतदान का अधिकार मिला।
1924- मराठी भाषा के सुप्रसिद्ध इतिहासकार कवि, नाटककार और जीवनी लेखक वासुदेव वामन शास्त्री खरे का निधन।
1935- एडविन आर्मस्ट्रॉन्ग ने पहली बार एफएम का प्रसारण किया।
1940- इटली के जिनेवा तोरन पर ब्रिटेन ने बमबारी की।
1948- बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का जन्म।
1964- प्रथम भारतीय प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की इच्छानुसार उनकी अस्थियों की भस्म पूरे देश में बिखेरी गई।
1983- औद्योगिक समूह बीकेकेएम बिड़ला के संस्थापक घनश्याम दास बिड़ला का निधन।
1987- पहली बार अश्वेत समुदाय के एबट, पॉल बोटेग और बर्नी को ब्रिटेन में संसद सदस्य चुना गया।
1997- लंबी दूरी के भारत के प्रसिद्ध तैराक मिहिर सेन का निधन।
1999- वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के पूर्व ऑफ स्पिनर सकलेन मुश्ताक ने जिम्बॉव्बे के खिलाफ हैट्रिक लगाई।
2003- रूसी टेनिस खिलाड़ी अन्ना कोर्निकोवा महिला टेनिस की सबसे सुंदर महिला घोषित।
2006- नेपाली संसद ने आम राय से नरेश के वीटो अधिकार को समाप्त किया।
2007- फिजी के अपदस्थ प्रधानमंत्री लाडसेनिया करासे को राजधानी सुवा में प्रवेश की इजाजत मिली।
2008- ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल को भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया।
2012- अफगानिस्तान में भूकंप के झटके के बाद हुए भूस्खलन में 80 लोगों की मौत।
2013- ग्रीस के सार्वजनिक प्रसारणकर्ता ईआरटी को तत्कालीन प्रधानमंत्री एंटोनिस समरस द्वारा बंद कर दिया गया।
2015- ग्रीस के सार्वजनिक प्रसारक ईआरटी को तत्कालीन प्रधान मंत्री एलेक्सिस त्सिप्रास द्वारा फिर से खोल दिया गया।